नवंबर 2020 में जैसे किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर धरना देते हुए डेरा जमाया था। वैसे ही सोमवार रात से किसान करनाल के लघु सचिवालय के बाहर डट गए हैं। किसानों पर लाठी चलाने का आदेश देने वाले एसडीएम पर कार्रवाई की मांग कर रहे किसान मांगें न पूरी होने पर पक्के मोर्चे की तैयारी में हैं। सोमवार रात सड़क पर दरी बिछा कर सोए किसानों ने मंगलवार सुबह सचिवालय रोड पर टेंट लगाने शुरू कर दिए। वहीं किसानों की इस तैयारी को देख लोगों के मन में चिंता बढ़ गई है कि कहीं दिल्ली की सीमाओं की तरह सचिवालय रोड पर भी किसानों का जमावड़ा न हो जाए।
28 अगस्त को करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में भाजपा की बैठक थी। बसताड़ा टोल प्लाजा पर धरना दे रहे किसान जब विरोध करने के लिए चले तो इस दौरान पुलिस से उनकी झड़प हो गई। इस दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया, जिससे कई किसान घायल हो गए। वहीं, ड्यूटी मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा की किसानों के सिर फोड़ने की वीडियो वायरल होने से मामले ने और तूल पकड़ लिया। इसी मामले से गुस्साए किसानों ने किसान महापंचायत और लघु सचिवालय घेराव की घोषणा की थी।