संता अपने बेटे पप्पू के फेसबुक पर समय बर्बाद करने से काफी परेशान था, लेकिन कभी कुछ कहता नहीं था, एक दिन उससे रहा नहीं गया तो वह अपने बेटे के पास जाकर बोला;
संता: बेटा, छोड़ दे ये फेसबुक यह तुझे रोटी नहीं देने वाली!
पप्पू: हां पापा, मुझे पता यह मुझे रोटी नहीं देने वाली, लेकिन रोटी बनाने वाली देगी!
एक बार बंता को जोर-जोर से रोता हुआ देख संता ने उस से पूछा;
संता: तुम क्यों रो रहे हो?
बंता: मेरे पडोसी रामू का हाथी मर गया है!
संता: तो तुम क्यों रो रहे हो, क्या तुम उस हाथी से बहुत प्यार करते थे?
बंता: नहीं!
संता: तो फिर तुम क्यों रो रहे हो?
बंता: मुझे उसकी कब्र खोदने का काम मिला है!
संता: "प्यार हो जाता है या करना पड़ता है?"
बंता: "ये तो परिस्थिति पर निर्भर करता है!"
संता: "वो कैसे?"
बंता: "लड़की सुन्दर हो और स्कूटी पर हो, तो हो जाता है। लेकिन लड़की बदसूरत हो पर मर्सीडीज में हो तो करना पड़ता है!"
संता- डार्लिंग, अभी-अभी मेरा एक दोस्त खाने पर हमारे घर आने वाला है!
जीतो- तुम्हारा दिमाग खराब है? पूरा घर अस्त-व्यस्त पड़ा है, किचन में सामान भी नहीं है, मैं बहुत थकी हुई हूं और तुम्हारा दोस्त अभी आ रहा है, क्या सोचेगा वह?
संता- तभी तो मैंने उसे बुलाया है! दरअसल वह जल्दी ही शादी करने जा रहा है और शादी से पहले देखना चाहता है कि शादीशुदा लोग कैसे रहते हैं!
एक दिन संता और बंता एक होटल में खाना खाने जाते हैं, और वेटर को एक प्लेट बटर चिकन लाने के लिए कहते हैं, जैसे ही वेटर बटर चिकन लेकर आता है, बंता झट से चिकन का बड़ा टुकड़ा उठा कर खाने लगता है!
यह देख संता को बहुत बुरा लगता है तो वह बंता से कहता है, "बंता खाने में तुम्हे थोडा धैर्य रखना चाहिए और खाने कि मेज़ पर थोड़ी तमीज से पेश आना चाहिए!"
यह सुन बंता, संता से पूछता है, " अच्छा अगर तुम्हे पहले चिकन उठाने का मौका मिलता तो तुम कौनसा टुकड़ा उठाते?"
संता जवाब देता है, " मैं निसंदेह ही छोटे वाला टुकड़ा उठता!"
यह सुन बंता तुरंत जवाब देता है, " जब तुम्हे छोटा टुकड़ा ही खाना था, तो अब तुम किस बात के लिए इतना तड़प रहे हो!"