गुजरात में भारतीय जनता पार्टी बड़ी जीत हुई है। 182 विधानसभा सीटों वाले गुजरात में भाजपा के 156 प्रत्याशी चुनाव जीत गए। सबसे खराब स्थिति कांग्रेस की रही। कांग्रेस के 17 प्रत्याशी ही चुनाव जीत पाए। पांच सीटें आम आदमी पार्टी और चार अन्य के खाते में गई।
गुजरात में भाजपा की ये सबसे बड़ी जीत है। सबसे खास बात ये है कि इसकी कल्पना खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। उन्होंने ही भाजपा नेताओं की बैठक में इस बार 150 से ज्यादा सीटें जीकर रिकॉर्ड बनाने की इच्छा जताई थी।
पीएम मोदी की इस बात को सीआर पाटिल ने अमल में लेकर आए। पाटिल गुजरात भाजपा के अध्यक्ष हैं। पूरे चुनाव की जिम्मेदारी भी पाटिल पर ही थी। आइए जानते हैं कि पाटिल ने ऐसा कैसे कर दिखाया? पाटिल कौन हैं और कैसे वह राजनीति में आगे बढ़े? आइए जानते हैं...
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पहले सीआर पाटिल को जान लीजिए
सीआर पाटिल अभी गुजरात भाजपा के अध्यक्ष हैं। इनका जन्म 16 मार्च 1955 को महाराष्ट्र के पिंपरी में हुआ था। पाटिल नवसारी से सांसद भी हैं। पाटिल का परिवार गुजरात में ही रहता था, यही कारण है कि उनकी शुरुआती शिक्षा सूबे में अलग-अलग जगहों से हुई। पाटिल ने सूरत ITI से भी पढ़ाई की है।
सीआर पाटिल ऐसे शख्स हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के सबसे करीबी माने जाते हैं। अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लेकर वह पार्टी में नए-नए प्रयोग करते रहते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि साल 2015 में उनके ऑफिस को बेहतर प्रबंधन और निगरानी के लिए ISO 2009 से प्रमाणित भी किया जा चुका है।
सीआर पाटिल का राजनीतिक सफर साल 1989 से शुरू हुआ। 2009 में भाजपा के टिकट पर नवसारी लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और सांसद बने। साल 2014 में उन्होंने फिर से उसी सीट पर भारी अंतर से जीत हासिल की। पिछले लोकसभा चुनाव में नवसारी लोकसभा क्षेत्र से तीसरी बार सांसद बने और सबसे ज्यादा वोटों से जीत हासिल करने वाले देश के तीसरे सांसद बन गए। पाटिल लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के समन्वयक भी रहे। सीआर पाटिल दक्षिण गुजरात में बीजेपी का एक चर्चित चेहरा हैं।
कैसे मिला 150 से ज्यादा सीटें जीतन का लक्ष्य?
इसी साल जुलाई में गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और गुजरात के दिग्गज नेताओं की बैठक थी। बताया जाता है कि इसी बैठक में पीएम मोदी ने इस बार सूबे में 150 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य पार्टी को दिया। गुजरात प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सीआर पाटिल के पास थी। उन्होंने इसे अपना सबसे बड़ा लक्ष्य बना लिया। एक टीवी चैनल को इंटरव्यू में सीआर पाटिल ने सितंबर में बताया था कि पीएम मोदी के सपने को हर स्तर पर पूरा किया जाएगा। प्रधानमंत्री का सपना अब गुजरात भाजपा के हर कार्यकर्ता का सपना है। इसी को देखते हुए सभी आगे बढ़ रहे हैं।
कैसे 150 से ज्यादा सीटें जीतने में भाजपा को मिली कामयाबी?
इसे समझने के लिए हमने गुजरात के वरिष्ठ पत्रकार वीरांग भट्ट से बात की। उन्होंने कहा, 'सीआर पाटिल संगठन के तेज-तर्रार खिलाड़ी हैं। संगठन विस्तार और संचालन में माहिर माने जाते हैं। उन्हें पता है कि कैसे लोगों की नाराजगी दूर करनी है और कैसे सबको एकसाथ लेकर आगे बढ़ना है। यह उनकी सबसे बड़ी खूबियों में से एक है।'
भट्ट ने आगे चार पॉइंट्स बताए, जिनके सहारे सीआर पाटिल ने पीएम मोदी के 150 से ज्यादा सीटें जीतने के लक्ष्य को हासिल कर लिया। आइए जानते हैं...
1. आम जनता से सीधे कनेक्शन : अध्यक्ष बनने के बाद सीआर पाटिल ने सीधे आम जनता से पार्टी का कनेक्शन जोड़ा। खुद के साथ-साथ पार्टी के सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि जनता के हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में वह शामिल हों। लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए खुद प्रयास करें और प्रशासन-सरकार के समक्ष उसे उठाएं। इससे गुजरात के कई जिलों में बड़ी संख्या में लोग सीधे तौर पर भाजपा से जुड़ गए। वह भी, जो भाजपा को पसंद नहीं करते थे।