पाकिस्तानी में बैठे आतंकी जम्मू संभाग में आतंकी माड्यूल तैयार कर रहे हैं। एक पकड़ा जाए तो दूसरा तैयार हो जाता है। इन माड्यूल में शामिल होने वाले आतंकियों तक आसानी से विस्फोटक और हथियार भी पहुंच रहे हैं। इसके लिए सांबा और कठुआ जिला सबसे मुफीद रास्ता बन गया है। जिसका सबसे बड़ा कारण सीमा पार से आने वाले ड्रोन पर नजर रखने में नाकामी है।
इसके साथ ही इन ड्रोन से आने वाले हथियार और विस्फोटक को रिसीव करने वाले आतंकियों पर नजर न होना है, क्योंकि जम्मू, सांबा और कठुआ सीमावर्ती मैदानी इलाका है। ड्रोन को आने में एक साफ रास्ता मिलता है। ड्रोन से सामान जिस जगह फेंका जाता है, वहां से इसको उठाना भी आसान है। यहीं वजह है कि पिछले दो साल में 40 बार जम्मू, सांबा और कठुआ में ड्रोन के जरिए हथियार और गोला बारूद पहुंचाया गया। यहीं नहीं, आज से 3 साल पहले एनआईए ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को जानकारी दी थी कि कठुआ और सांबा बार्डर से 50 से अधिक आतंकी घुसपैठ कर श्रीनगर तक पहुंचे हैं।
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इसके साथ ही इन ड्रोन से आने वाले हथियार और विस्फोटक को रिसीव करने वाले आतंकियों पर नजर न होना है, क्योंकि जम्मू, सांबा और कठुआ सीमावर्ती मैदानी इलाका है। ड्रोन को आने में एक साफ रास्ता मिलता है। ड्रोन से सामान जिस जगह फेंका जाता है, वहां से इसको उठाना भी आसान है। यहीं वजह है कि पिछले दो साल में 40 बार जम्मू, सांबा और कठुआ में ड्रोन के जरिए हथियार और गोला बारूद पहुंचाया गया। यहीं नहीं, आज से 3 साल पहले एनआईए ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को जानकारी दी थी कि कठुआ और सांबा बार्डर से 50 से अधिक आतंकी घुसपैठ कर श्रीनगर तक पहुंचे हैं।
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