डायबिटीज एक गंभीर और क्रोनिक बीमारी है, जिसका शरीर पर कई प्रकार के दुष्प्रभावों का खतरा रहता है। ब्लड शुगर के बढ़ने की स्थिति तंत्रिकाओं से लेकर आंखों, किडनी, पाचन स्वास्थ्य के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाली हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ब्लड शुगर बढ़ने की स्थिति कई प्रकार से सेहत को प्रभावित करने वाली हो सकती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या डायबिटीज, प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित कर सकती है?
डायबिटीज के शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों को जानने के लिए किए गए तमाम अध्ययनों में पाया गया कि ब्लड शुगर बढ़ने की स्थिति शरीर के लिए गंभीर समस्याएं बढ़ाने वाली हो सकती है।
कुछ अध्ययनों में डायबिटिक पुरुषों और महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य पर भी इसके दु्ष्प्रभाव देखे गए हैं। डॉक्टर्स कहते हैं, सभी लोगों को डायबिटीज के जोखिमों से बचाव करते रहना जरूरी है। आइए जानते हैं कि प्रजनन क्षमता पर इसका क्या प्रभाव होता है?
प्रजनन स्वास्थ्य पर असर
शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि डायबिटीज कुछ पुरुषों के शुक्राणुओं की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकती है। मधुमेह वाले पुरुषों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि बिना डायबिटीज वाले पुरुषों की तुलना में डायबिटिक लोगों में मेल हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन कम देखा गया। ऐसे में यह प्रभावित पुरुषों के लिए इरेक्शन प्राप्त करना और बनाए रखना मुश्किल कर सकती है।
मधुमेह शुक्राणु की गुणवत्ता को कम कर देता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि मधुमेह की स्थिति हार्मोन्स को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे प्रजनन स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। हालांकि इस तरह का जोखिम सभी को हो यह आवश्यक नहीं है।
यौन स्वास्थ्य पर भी देखा गया है दुष्प्रभाव
मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ गौतम तुषार बताते हैं, जिन लोगों में डायबिटिक न्यूरोपैथी की समस्या होती है, ऐसे लोगों में यौन स्वास्थ्य के जोखिम भी अधिक देखे गए हैं। ब्लड शुगर का स्तर बढ़ा रहना तंत्रिकाओं की क्षति का कारण बन सकती है, इस तरह की समस्या के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होने का जोखिम भी बढ़ जाता है।
शोध में पता चलता है कि मधुमेह शुक्राणु की गुणवत्ता को कम कर सकता है लेकिन इसके कारण शुक्राणु की गतिशीलता (शुक्राणु की अंडे की ओर बढ़ने की क्षमता) में कमी से संबंधित साक्ष्य कम हैं। ऐसे में इसके कारण इंफर्टिलिटी का खतरा नहीं माना जा सकता है।
डायबिटिक महिलाओं के यौन स्वास्थ्य पर असर
डायबिटीज की स्थिति महिलाओं में भी कई प्रकार के यौन स्वास्थ्य से संबंधित विकारों को बढ़ा सकती है। ब्लड शुगर बढ़ने के कारण पेशाब पथ के संक्रमण का जोखिम भी बढ़ जाता है जिसपर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह किडनी को भी प्रभावित करने वाली स्थिति हो सकती है। इसके अलावा डायबिटिक महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), जननांगों में जलन, संक्रमण का जोखिम भी अधिक देखा गया है।
क्या है विशेषज्ञों की सलाह?
डॉ. गौतम कहते हैं, डायबिटीज से पुरुषों और महिलाओं दोनों को बचाव करते रहना जरूरी होता है, इसके कारण शरीर की अन्य प्रकार की जटिलताओं के अलावा प्रजनन और यौन स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। विशेषकर जिन लोगों को डायबिटीक न्यूरोपैथी की समस्या है उनमें खतरा अधिक हो जाता है। डायबिटीज की इस प्रकार की जटिलताओं से बचे रहने के लिए ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल में रखने वाले उपाय करें। आहार और जीवनशैली को ठीक रखकर इस प्रकार की समस्याओं से बचाव किया जा सकता है।
----------------
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।