नींद न आने की समस्या को स्वास्थ्य विशेषज्ञ सेहत के लिए काफी गंभीर मानते हैं। अध्ययनों में अनिद्रा को कई तरह की बीमारियों को बढ़ाने वाले कारक के तौर पर भी बताया गया है। जिन लोगों को रात में अच्छी नींद प्राप्त करने में कठिनाई होती है, ऐसे लोगों में हृदय रोग, डायबिटीज का जोखिम बढ़ने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली में कमजोरी होने की समस्या का खतरा अधिक होता है। यही कारण है कि सभी लोगों को रोजाना रात में 6-8 घंटे की निर्बाध नींद लेने की सलाह दी जाती है। पर कुछ लोगों को लिए यह काफी कठिन कार्य रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार तथा कुछ विशेष दवाओं के अधिक सेवन के कारण भी आपकी नींद बाधित हो सकती है। आमतौर पर नींद न आने की समस्या को मेलाटोनिन नामक हार्मोन के कारण होने वाली दिक्कत के तौर पर जाना जाता है। यह हार्मोन सोने-जागने के चक्र को नियंत्रित करने में मदद करता है।
आइए जानते हैं कि इस हार्मोंन को कैसे संतुलित किया जा सकता है, जिससे नींद की समस्याओं को कम किया जा सके?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार तथा कुछ विशेष दवाओं के अधिक सेवन के कारण भी आपकी नींद बाधित हो सकती है। आमतौर पर नींद न आने की समस्या को मेलाटोनिन नामक हार्मोन के कारण होने वाली दिक्कत के तौर पर जाना जाता है। यह हार्मोन सोने-जागने के चक्र को नियंत्रित करने में मदद करता है।
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