दुनिया की तीन बेहतरीन, सुरक्षित और सबसे खूबसूरत एक्रो पैराग्लाइडिंग साइट में से एक बिलासपुर जिले की बंदला धार है। विश्व में तुर्की और नेपाल के पोखरा में एक्रो पैराग्लाइडिंग साइटस हैं। पोखरा साइट की ऊंचाई बंदला साइट से कम है, जबकि बंदला एक्रो पैराग्लाडिंग साइट तुर्की साइट के बराबर है। पंजीकरण होने के बाद बंदला पैराग्लाइडिंग साइट दुनिया की तीन सबसे खूबसूरत साइट्स में शुमार हो चुकी है।
एक्रो पैराग्लाडिंग में पैराग्लाइडर आसमान में पैराग्लाइड के साथ कई तरह के करतब करते हैं। साइट से टेक ऑफ करने के बाद मानव परिंदे पानी की झील के ऊपर कई तरह की अठखेलियां करते हैं। एक्रो सिर्फ ऐसी जगहों पर होती है जहां पर नीचे पानी हो। बंदला पैराग्लाइडिंग साइट की लैंडिंग गोविंद सागर झील के किनारे होती है। वहीं झील होने के चलते यह साइट एक्रो के लिए सबसे बेहतर है। जिस वजह से यह विश्व की तीन एक्रो साइटों में शामिल हुई है।
एक्रो गतिविधियों के लिए देशभर में सबसे मशहूर साइट बनती जा रही बंदला धार में शनिवार को पांच दिवसीय पैराग्लाइडिंग एसआईवी (सिमुलेटिड इन्सीडेंट इन फ्लाइट) शिविर का समापन हुआ। शिविर में महाराष्ट्र के पैराग्लाइडिंग मंत्रा स्कूल के 16 पायलटों ने आसमान में करतब सीखे। अब अगला शिविर करीब एक हफ्ते बाद शुरू होगा।
हिमाचल पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के महासचिव विशाल जस्सल ने बताया कि कोरोना के बाद बंदला में सिमुलेटिड इन्सीडेंट इन फ्लाइट का यह चौथा शिविर है। उन्होंने बताया कि इस साइट पर देश के कोने-कोने से पैराग्लाडिंग एसआईवी शिविर लगाने के लिए स्कूल पहुंचे रहे हैं। उन्होंने कहा कि 90 के दशक में यह साइट अस्तित्व में आई थी। इस साइट को सदर विधायक सुभाष ठाकुर के कार्यकाल में पहचान मिली। उन्हीं के प्रयासों का नतीजा है कि आज देश की जानी-मानी हस्तियां हिमाचल के छोटे से जिले बिलासपुर का रुख कर रही हैं।
विशाल ने कहा कि इस कैंप के बाद अब अगले करीब एक हफ्ते बंदला में एक और एसआईवी कैंप का शुभारंभ होगा। इस कैंप का आयोजन मनाली से इंस्ट्रक्टर देवू चौधरी की अध्यक्षता में किया जाएगा। कहा कि एसोसिएशन की तरफ से इस साइट को और बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि बिलासपुर को पर्यटन और साहसिक गतिविधियों के लिए न केवल देश बल्कि विदेशों में भी पहचान मिले।