गुरु के बिना ज्ञान नहीं मिलता है। गुरु ही हमें सही जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। जीवन में जब हमें जब कुछ समझ नहीं आता तब गुरु ही हमें मार्ग देते हैं। देश विदेश में कई ऐसे महान गुरु हैं जिनके विचारों को पढ़ने से ही हमारा जीवन बदल जाता है।
भारतीय परंपरा और संस्कृति में गुरु को देवताओं और ईश्वर से भी श्रेष्ठ कहा गया है। अवतार परंपरा में जब त्रेता युग में श्रीराम ने पृथ्वी पर अवतरण लिया तो उन्होंने भी आश्रम की ज्ञान परंपरा के तहत गुरु वशिष्ठ के आश्रम में रहकर गुरु-शिष्य परंपरा के अंतर्गत ज्ञानार्जन किया। ऐसे ही श्रीकृष्ण के गुरु सांदीपनी थे। श्रीकृष्ण ने उज्जैयनी में रहक सांदीपनी ऋषि के यहां ज्ञान प्राप्त किया। ऐसे ही गुरु द्रोण पांडवों और कौरवों दोनों के ही गुरु रहे। भारत की संत परंपरा में नानक से लेकर कबीर तक सभी के गुरु रहे। दरअसल भारतीय संस्कृति में गुरु शिक्षण और शिक्षक पद्धति से हटकर रहे हैं।
आज हम आपको ऐसे ही 20 गुरुओं के विचार बताने जा रहे हैं, जिन को पढ़कर आपके जीवन में एक नई ऊर्जा का विस्तार हो जाएगा...
स्वामी विवेकानंद के द्वारा कही गई बातें आपके मन को ऊर्जा से भर देती है। आज वह इस संसार में नहीं है लेकिन लोग उनकी बातों को याद कर आगे बढ़ने की प्रेरणा लेते हैं। शिकागो में दिया गया उनका भाषण आज भी पूरे विश्व में सबसे लोकप्रिय है। स्वामी विवेकानंद समय को सबसे ज्यादा कीमती मानते थे। वह अपना एक-एक मिनट सेवा करने में लगाते थे।
आइए जानते हैं उनके अनमोल विचारों के बारे में...
- दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
- एक समय में एक काम करो, ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
- किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
- उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य हासिल ना हो जाए।
- एक विचार लो। उस विचार को अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो. उसके सपने देखो, उस विचार को जियो। अपने दिमाग, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो। यही सफल होने का तरीका है।
- खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
- सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना। खुद पर विश्वास करो।
- जो आग हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है। यह अग्नि का दोष नहीं है।
- मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं। जब वो केन्द्रित होती हैं, चमक उठती हैं।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है। एक छोटे गरीब परिवार से आने के बाद जीवन में उन्होंने अपार सफलता प्राप्त की। उनके जीवन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। आज हम आपको उनकी सफलता के राज बताएंगे।
- इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे। उनका कहना था कि व्यक्ति को सपने देखने चाहिए। कुछ नया करने की उमंग हमेशा बनी रहनी चाहिए। अगर हम सपने नहीं देखेंगे तो जीवन में प्रगति नहीं कर पाएंगे।
- शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता और भविष्य को आकार देता हैं। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा। उन्होंने शिक्षा को हमेशा ही बहुत महत्व दिया।
- विज्ञान मानवता के लिए एक खूबसूरत तोहफा है, हमें इसे बिगाड़ना नहीं चाहिए। उनका मानना था की विज्ञान का सदुपयोग होना चाहिए। विज्ञान से बेहतर कुछ हो ही नहीं सकता। विज्ञान का उपयोग विकास के लिए होना चाहिए विनाश के लिए नहीं।
- तब तक लड़ना मत छोड़ो जब तक अपनी तय की हुई जगह पर ना पहुँच जाओ- यही, अद्वितीय हो तुम। ज़िन्दगी में एक लक्ष्य रखो, लगातार ज्ञान प्राप्त करो, कड़ी मेहनत करो, और महान जीवन को प्राप्त करने के लिए दृढ़ रहो।
आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियां आज भी कारगर और सत्य के करीब है। आचार्य चाणक्य ने जो नीतियां बताई है अगर इंसान उसका सही ढ़ग से पालन करे तो कल्याण ही होता। आज के युग में हर इंसान की चाहत ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने और सुख भोगने की होती है। किसी को अकूत संपत्ति की चाहत होती है तो किसी को मान-सम्मान की, वहीं कोई भागदौड़ की जिंदगी से दूर मोक्ष प्राप्त करने की कामना रखता है। आइए जानते है कि क्या है चाणक्य के ये अनमोल वचन...
- आचार्य चाणक्य ने कहा है कि इंसान को केवल 4 चीजों का ही मोह रखना चाहिए। इन 4 चीजों के अलावा दुनिया की हर एक बहुमूल्य चीज भी उसके सामने नहीं फेल है। आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य ने कौन सी 4 चीजों को दुनिया की सबसे बेशकीमती चीज बताया है।
- दुनिया में दान से बड़ी कोई चीज नहीं
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि इस दुनिया में भोजन और पानी का दान ही महादान है। इसके अलावा कोई और चीज इस दुनिया में इतनी बेशकीमती नहीं है। जो व्यक्ति भूखे-प्यासे को भोजन और पानी पिलाता है वह ही पुण्य आत्मा है। इसलिए दान दुनिया की चार चीजों में सबसे बेशकीमती चीज है।
- दूसरी कीमती चीज- एकादशी तिथि
आचार्य चाणक्य ने हिंदू पंचांग की 11 एकादशी तिथि को सबसे पवित्र तिथि बताया है। एकादशी तिथि पर पूजा-आराधना और उपवास रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बहुत प्रिय होती है।
- सबसे ताकतवर मंत्र
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि इस दुनिया में गायत्री मंत्र से बड़ा कोई और दूसरा मंत्र नहीं है। माता गायत्री को वेदमाता कहा जाता है। सभी चारो वेदों की उत्पत्ति गायत्री से हुई है।
- मां से बड़ा कोई दूसरा नहीं
आचार्य चाणक्य के अनुसार इस धरती पर मां ही सबसे बड़ी है। मां से न बड़ा कोई देवता, न कोई तीर्थ और न ही कोई गुरु है। जो व्यक्ति अपने माता-पिता की सेवा करता है उसे और किसी की भक्ति करने की कोई आवश्कता नहीं होती।
चाणक्य नीति श्लोक
नात्रोदक समं दानं न तिथि द्वादशी समा।
न गायत्र्या: परो मंत्रो न मातुदेवतं परम्।।
- ज्ञानियों की बातों पर अमल जरूरी
चाणक्य कहते है कि यदि कोई ज्ञानी व्यक्ति गरीब भी है और कोई मूर्ख अमीर है फिर भी हमें ज्ञानी व्यक्ति की ही बात का अनुसरण करना चाहिए और बात माननी चाहिए।
- ना हो कभी अन्न का अपमान
चाणक्य के अनुसार आपकी थाली से अन्न का एक भी दाना बर्बाद नही होना चाहिए यदि ऐसा होता है तो आपके घर कभी भी सुख समृद्धि का वास नही होता है।
- दांपत्य जीवन में ना हो कपट
पति-पत्नी के मधुर रिश्ते में यदि कपट का स्थान है और वो एक दूसरे से बातें छुपाते है तो वो रिश्ता नही चल पाता है और ऐसे में घर में कभी भी सुख समृद्धि नही आती है।
- धन का अपव्यय
जिस घर में धन गलत कार्यों में प्रयोग किया जाता है, उस घर में हमेशा कलह की संभावना बनी रहती है। जिस कारण वहां कभी खुशनुमा माहौल नही रहता है और माता लक्ष्मी भी रूष्ठ हो जाती है।
महर्षि वाल्मीकि जी के अनमोल विचार
- वाल्मीकि जी के अनुसार किसी भी वस्तु की आसक्ति हमें निर्बल बना देती है।
- समय से शक्तिशाली कोई देवता नहीं है इसलिए समय का सदुपयोग करना चाहिए ।
- मेहमान भगवान के समान है, मेहमान को भोजन करवाने से पुण्य मिलता है।
- हमेशा खुश रहना एक ऐसी चीज है जिसे हासिल करना नामुमकिन है।
अगर आप अपने जीवन को बेहतर तरीके से जीना चाहते हैं तो महात्मा बुद्ध के अनमोल वचन को एक बार जरूर पढ़ें। भले ही उन्होंने इस बात को सैकड़ों साल पहले कही हो लेकिन आज भी उनके विचार आपको सफल इंसान बनने में सहायता करते हैं। आइए जानते हैं खास बातों को.....
- गौतम बुद्ध कहते हैं, अपने जीवन में दूसरों से लड़ाई लड़ने से अच्छा है तुम खुद पर जीत हासिल कर लों। इससे तुम्हें कभी कोई दिक्कत नहीं आएगी। हमेशा जीत तुम्हारी ही रहेगी। अगर तुमने इसे अपना लिया तो तुम्हें कोई पराजित नहीं कर सकता।
- गौतम बुद्ध के अनुसार जीवन में तीन चीजें कभी भी आप छुपाकर नहीं रख सकते हैं। वो है सूर्य,चंद्रमा और सत्य।
- गौतम बुद्ध कहते हैं कभी भी आप बुराई से बुराई को खत्म नहीं कर सकते हैं। इसे खत्म करने के लिए आपको प्रेम का सहारा लेना पड़ता है। प्रेम से दुनिया की हर बड़ी चीजों को जीता जा सकता है।
- सत्य के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति दो ही गलतियां कर सकता है या तो पूरा रास्ता चलेगा या फिर वह चलना ही नहीं शुरू करेगा।
- भविष्य के बारे में सपने देखकर अभी से मत उलझों और भूतकाल के समय को याद करके पछताने से अच्छा है अपने वर्तमान में रहो। खुश रहने का सबसे अच्छा तरीका यही है।
- जिस तरह से एक जलता हुआ दिया हजारों लोगों को रौशनी देता है वैसे ही खुशियां बाटने से आपस में प्यार बढ़ता है। खुशियां हमेशा बढ़ती है कभी कम नहीं होती हैं।
कबीर की वाणी अमृत के समान है, जो व्यक्ति को आज भी नया जीवन देने का काम कर रही है। कबीर के दोहे गागर में सागर के समान हैं। आइए कबीरदास जी के ऐसे ही लोकप्रिय दोहे का अर्थ जानते हैं जो हमें अज्ञानता के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश में ले जाने का काम करते हैं...
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।
अर्थ-संत कबीर दास जी कहते हैं कि जब मैं इस संसार में बुराई ढूंढने निकला तो मुझे खुद बुरा कोई नहीं मिला। जब मैंने अपने अंदर झांक कर देखा तो मुझे एहसास हुआ कि इस संसार में मुझसे बुरा कोई व्यक्ति नहीं है।
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।
अर्थ-संत कबीर कहते हैं इस संसार में भले ही लोग कितनी बड़ी-बड़ी पुस्तकें क्यों न पढ़ लें, लेकिन वो तब तक विद्वान नहीं बन सकते जब तक वह प्रेम का ढाई अक्षर न पढ़ ले। प्रेम के ढाई अक्षर पढ़ने वाला ही इस संसार में असल ज्ञानी है। उससे बड़ा विद्वान कोई और नहीं है।
साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय,
सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय।
अर्थ- संत कबीर कहते हैं कि इस संसार को चलाने के लिए ऐसे व्यक्ति की जरूरत है, जैसे अनाज साफ करने वाला सूप होता है। जो साफ समान को बचा लेता है और गंदा को बाहर निकालकर फेंक देता है।
तिनका कबहुँ ना निन्दिये, जो पाँवन तर होय,
कबहुँ उड़ी आँखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।
अर्थ-कबीरदास जी कहते हैं, कभी भी किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए। जैसे एक छोटे से तिनके को आप कुचलकर आगे बढ़ जाते हैं, अगर वहीं तिनका आपके आंख में पड़ जाएं तो आपको बहुत पीड़ा होगी। आप कोई काम नहीं कर पाएंगे।
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान,
मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।
अर्थ-कबीरदास जी कहते हैं किसी भी इंसान की जाति नहीं पूछनी चाहिए। उससे ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए। आगे कहते हैं मोल तलवार का होता है न कि उसे ढकने वाले म्यान का।
विदुर का नाम महाभारत के मुख्य पात्रों में लिया जाता है। पांडु जब हस्तिनापुर के राजा बने तो उनके प्रधानमंत्री विदुर बने थे। विदुर का जन्म एक दासी के घर में हुआ था। दासी परिवार के होने के कारण उन्हें राजा बनने का अधिकार नहीं था। इसलिए विदुर को राजा का प्रधानमंत्री बनाया गया था। विदुर पांडवों के बहुत करीब थे। वह सही का साथ देते थे। विदुर समय को देखते हुए अपने नीतियों के माध्यम से धृतराष्ट्र को भी समझाते रहते थे। जिस नीति से वह धृतराष्ट्र को समझाते थे। उसे विदुर नीति कहा गया। आइए जानते हैं उन नीतियों के बारे में...
- विदुर के अनुसार समय चाहे अच्छा हो या बुरा हमें हमेशा दूसरों का उपकार याद रखना चाहिए। कुछ लोगों की यह गलत आदत होती है, बुरा वक्त खत्म होने के बाद वह लोगों की मदद को भूल जाते हैं। ऐसे लोग लंबे समय तक सीढ़ियों पर नहीं चढ़ पाते हैं। उन्हें जीवन में बहुत मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों की खुशी कुछ समय के लिए होती है। इंसान वहीं सफल होता है। जो लोगों की मदद को याद रखें।
- जो व्यक्ति अपने जीवन में विवेक से कोई भी फैसला लेता है, वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में हमेशा सफल रहता है। उसे कोई समस्या नहीं होती है, वहीं अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में बिना सोचे—समझे फैसला लेता है तो वह पूरी जिंदगी पछताता रहता है।
- इंसान की पहचान उसके स्वभाव से होती है। अगर कोई व्यक्ति सरल और सजग स्वभाव का होता है तो उसे सभी पसंद करते हैं। वहीं अगर उलटे स्वभाव का व्यक्ति कभी किसी का प्रिय नहीं हो पाता है। लोग उसकी मदद करने से भी कतराते हैं।
- जिस व्यक्ति के पास ज्ञान होता है, वह हर समस्या का सामाधान निकाल लेता है। साथ ही लोगों की मदद भी बुरे वक्त में करके उनकी परेशानियों को कम कर देता है। ज्ञानी लोग अपने ज्ञान के दम पर समाज में अपनी जगह बनाते हैं। उन्हें किसी भी चीज की दिक्कत नहीं होती है। वह अपने ज्ञान से सब कुछ हासिल कर लेते हैं।
- विदुर के अनुसार बहादुर व्यक्ति हमेशा अपने दम पर अपनी पहचान बनाता है। बुरे वक्त में भी वह घबराता नहीं है। अपने साथ-साथ दूसरों की भी मदद करता है। इन्हीं कारणों से वह लोकप्रिय बन जाता है।
- जो व्यक्ति कुछ भी बोलने से पहले सोच-समझकर बोलता है। उसे कभी किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती है। लेकिन जो व्यक्ति ज्यादा बोलता है, उसे समाज में जरा भी पसंद नहीं किया जाता है।
- दान करने के लिए जरूरी नहीं की आपके पास बहुत सारा धन हो तभी आप दान करें और लोगों को भोजन कराएं। दान करने के लिए आपका दिल बड़ा होना चाहिए।
- कहते हैं जो स्त्री मीठा बोलती है उसके जुंबा पर मां सरस्वती का वास रहता है। उसे कभी किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है। मधुर वाणी वाले लोगों का साथ हर कोई देता है।
- विदुर के अनुसार यदि बगैर किसी संघर्ष के आपको कोई चीज मिलती है, तो उसकी कीमत आपको समझ में नहीं आती है। वहीं अगर आप अपने जीवन में किसी चीज को कड़ी मेहनत के बाद प्राप्त करते हैं, तो उसका एक अलग ही महत्व आपके जीवन में होता है।
हमारे शास्त्रों में कुछ ऐसे दोहे बताए गए हैं जिसका अर्थ जान लेने और उसका पालन करने से जीवन सार्थक हो जाता है। आइए जानते हैं तुलसीदासजी के दोहे के बारे में जिसे पढ़ने से आपके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे और आपके अंदर से ईर्ष्या की भावना खत्म हो जाएगी।
तुलसी साथी विपत्ति के विद्या विनय विवेक ।
साहस सुकृति सुसत्यव्रत राम भरोसे एक ।
अर्थ- गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं, विपत्ति के समय में आपको घबराकर हार नहीं माननी चाहिए। ऐसी स्थिति में आपको अपने अच्छे कर्म, सही विवेक और बुद्धि से काम लेना चाहिए। मुश्किल समय में साहस और अच्छे कर्म ही आपका साथ देते हैं।
राम नाम मनिदीप धरु जीह देहरीं द्वार।
तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजिआर।
अर्थ-तुलसीदास जी कहते है अगर आप अपने चारों तरफ खुशहाली चाहते हैं तो अपने वाणी पर काबू रखें। गलत शब्द बोलने की जगह राम नाम जपते रहिए इससे आप भी खुश रहेंगे और आपके घरवाले भी खुश रहेंगे।
नामु राम को कलपतरु कलि कल्यान निवासु।
जो सिमरत भयो भाँग ते तुलसी तुलसीदास।
अर्थ- राम का नाम लेने से आपका मन साफ रहता है। किसी भी काम को करने से पहले राम का नाम लीजिए। तुलसीदास जी भी राम का नाम लेते-लेते अपने आप को तुलसी के पौधे जैसा पवित्र मानने लगे थें।
तुलसी देखि सुबेषु भूलहिं मूढ़ न चतुर नर।
सुंदर केकिहि पेखु बचन सुधा सम असन अहि।
अर्थ-तुलसी दास जी कहते हैं सुंदर रूप देखकर न सिर्फ मूर्ख बल्कि चतुर इंसान भी धोखा खा जाते हैं। जैसे मोर दिखने में बहुत सुंदर लगते हैं लेकिन उनका भोजन सांप है।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने सुभाष चंद्र बोस के संघर्षों और देश सेवा के जज्बे को देखते हुए महात्मा गांधी ने उन्हें देशभक्तों का देशभक्त कहा था। लोग प्यार से उन्हें नेताजी कहते थे। उनका प्रसिद्ध नारा, 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' आज भी लोगों के तन-मन में जोश भर देता है। सुभाष चंद्र बोस के वो विचार, जो आज भी भर देते हैं जीवन में नई उमंग...
- सफलता हमेशा असफलता के स्तंभ पर खड़ी होती है। इसलिए किसी को भी असफलता से घबराना नहीं चाहिए।
- यदि कभी झुकने की नौबत आ जाए तो वीरों की तरह झुकें।
- जो फूलों को देखकर मचलते हैं उन्हें कांटे भी जल्दी लगते हैं।
- याद रखिए सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है।
- उच्च विचारों से कमजोरियां दूर होती हैं। हमे हमेशा उच्च विचार पैदा करते रहना चाहिए।
- हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल खून से चुकाएं।
वारेन बफे दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में से एक हैं। आज जानते हैं उनकी खास बातें जो उन्हें और लोगों से अलग बनाती हैं...
- कोई आज पेड़ की छाया में बैठा है, क्योंकि किसी ने काफी समय पहले उस पेड़ को लगाया था।
- खर्च करने के बाद जो बचे उसे सेव (सेविंग) न करें, उसे खर्च करें जो सेव (सेविंग) करने के बाद बचे।
- इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने काबिल हैं, कुछ चीजों में वक्त लगता ही है। यह बिल्कुल वैसा है जैसे आप 9 महिलाओं को गर्भवती करके भी एक महीने में बच्चा पैदा नहीं करवा सकते हैं।
- रिस्क तब होता है आपको पता नहीं होता कि आप क्या कर रहे हैं।
- एक अच्छी कंपनी को वंडरफुल कीमत पर खरीदने से अच्छा है कि आप एक वंडरफुल कंपनी को अच्छी कीमत पर खरीदें।
अलीबाबा के सह-संस्थापक और चीन के जाने-माने कारोबारी जैक ने अलीबाबा कंपनी के पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन अलीबाबा को हमेशा जैक मा के नाम से जाना जाएगा। आइए जानते है कि जैक मा के बारे में वो 5 बातें जो उन्हें बाकियों से अलग बनाती हैं।
- चीन के एक गरीब परिवार में जन्मे जैक मा ने बतौर अंग्रेजी शिक्षक अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्हें 30 नौकरियों से हटाया जा चुका है परन्तु कंप्यूटिंग से कोई पुराना वास्ता नहीं होने के बावजूद भी जैक मा ने अपने अपार्टमेंट में ही अलीबाबा की नींव रखी।
- फॉर्ब्स की 2017 की सूची के अनुसार, जैक मा चीन के तीसरे सबसे धनी व्यक्ति हैं। फॉर्ब्स में उनकी दौलत 36.6 अरब डॉलर बताई गई थी और 420 अरब डॉलर की कंपनी अलीबाबा में जैक मा की लगभग नौ प्रतिशत हिस्सेदारी है।ब्लैक फ्राइडे और साइबर मंडे जैसे शॉपिंग इवेंट के जरिए जैक मा ने अमरीका में भी अपनी धाक जमाई।
- जैक मा ने दस साल पहले अपने वारिस के बारे में सोचना शुरु किया था. साल 2013 में उन्होंने बोर्ड अध्यक्ष बनने के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी की कुर्सी छोड़ी। उन्होंने इसके बाद जैक मा फाउंडेशन के जरिए चीन के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए काम शुरू किया। अलीबाबा के संस्थापक साझेदार की भूमिका में रहते हुए जैक मा अब शिक्षा की ओर लौटना चाहते हैं। इस सिलसिले में उन्होंने ब्लूमबर्ग को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि कई चीजें हैं, जिन्हें वो बिल गेट्स से सीख सकते हैं।
- पिछले साल जनवरी में जैक मा ने कहा था कि न्यूयॉर्क में निर्वाचित राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के साथ उनकी मुलाक़ात बहुत अच्छी रही थी। मुलाक़ात के बाद जैक मा ने कहा था कि ट्रंप और वो दोनों सहमत हुए कि अमरीका-चीन संबंध मजबूत, अधिक दोस्ताना और बेहतर होने चाहिए। तब ट्रंप ने जैक मा की ये कहते हुए तारीफ़ की थी कि वो एक महान उद्यमी हैं जो चीन और अमरीका दोनों से प्यार करते हैं। लेकिन जैक मा ऐसे समय कुर्सी छोड़ रहे हैं जब चीन के निर्माता और कारोबार, अमरीका के साथ ट्रेड वॉर की वजह से कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
- जैक मा चर्चा में लगातार बने रहते हैं। साल 2017 में जैक मा ने अलीबाबा की वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में दिवंगत माइकल जैक्शन की तरह परिधान पहना था। पिछले साल उन्होंने अभिनय की दुनिया में क़दम भी रखा. जैक मा एक शॉर्ट फिल्म में मार्शल आर्ट्स मास्टर जेट ली के साथ नज़र आए थे। जैक मा मार्शल आर्ट्स के फैन ही नहीं हैं बल्कि 30 साल से अधिक समय से ताई ची का अभ्यास भी कर रहे हैं।
हर व्यक्ति जीवन में सफल होना चाहता है। एक बेहतर जिंदगी के सपने हर इंसान देखता है। अगर आप भी जीवन में सफल और एक बेहतर जीवन जीना चाहते हैं तो आपको सफल लोगों के प्रेरणादायक कथन पढ़कर उन बातों पर अमल करना चाहिए। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होगी और आपकी आदतें भी अच्छी हो जाएंगी।
दरअसल, अच्छी आदतों से ही हम अच्छे कार्य करते हैं और हमें सफलता प्राप्त होती है। बिल गेट्स लोगों को अपने जीवन के अनुभवों से सीख देते रहते हैं।
बिल गेट्स के कुछ सर्वश्रेष्ठ सुविचार जानकर हम भी जीवन को बेहतर दिशा दे सकते हैं।
- आप अपनी तुलना किसी और से कभी मत कीजिए। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप खुद की बेइज्जती करते हैं।
- आप में चाहे कितनी भी योग्यता क्यों न हो, एकाग्रचित्त होकर ही आप महान कार्य कर सकते हैं।
- असंतुष्ट होने से आप, सीखने की तरफ अग्रसर होते हैं।
- सफलता मिलने के बाद खुशियां मनाना अच्छी बात है, लेकिन असफलताओं और गलतियों से सीखना उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
- अगर आप गरीब घर में जन्में हैं तो यह आपकी गलती नहीं है, लेकिन अगर आप गरीबी में ही मरते हैं, तो यह आपकी ही गलती है।
- मैं हमेशा किसी कठिन काम को करने के लिए, किसी आलसी इन्सान को चुनना पसंद करुंगा, क्योंकि वह आलसी इन्सान उस कठिन काम को पूरा करने के लिए कोई आसान तरीका ढूंढ निकालेगा।
- असली नेतृत्व क्षमता उसी व्यक्ति के अंदर हैं, जो दूसरो को सशक्त बनाते हैं।
- यदि आप कुछ अच्छा बना नहीं सकते, तो कम से कम ऐसा करिए कि वह अच्छा दिखे।
- सफलता एक घटिया शिक्षक है, यह लोगों में ऐसी सोच विकसित कर देती है कि वह कभी असफल नहीं हो सकते।
भगत सिंह देश के सबसे बड़े क्रांतिकारियों में से एक हैं। वैसे तो उनकी जिंदगी ही हमारे लिए एक प्रेरणा है परंतु उनके द्वारा कहीं गई बातें हमारे जीवन को एक बेहतर दिशा में ले जानें का कार्य करती है। उनका हर एक विचार जीवन में नई ऊर्जा भर देता है। आइए जानते है उनके उच्चतम विचार।
- भगत सिंह का मानना था कि एक बेहतर जिंदगी सिर्फ अपने तरीकों से व्यतीत की जा सकती हैं। यह जिंदगी आपकी है और आपको तय करना है कि आपको जीवन में क्या करना है।
- देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं, और देशभक्ति करने के लिए एक प्रेमी, पागल और कवि जैसा बनना पड़ता है। जिस तरह इनके लक्ष्य निर्धारित होते है, उसी तरह देशभक्तों का भी एक ही लक्ष्य है देश की भलाई। हमें भी जीवन में अपने लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए। अगर हमें अपने लक्ष्य पता होंगे तो हम जीवन में अवश्य ही सफलता हासिल करेंगे। भगत सिंह हमेशा कहा करते थे में एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आजाद है और मेरी गर्मी से ही राख का हर एक कण गतिमान हैं।
- भगत सिंह ने कहा है कि क्रांति शब्द की शाब्दिक अर्थ में व्याख्या नहीं करनी चाहिए। व्यक्ति के उपयोग और दुरुपयोग के हिसाब से इसके अलग-अलग अर्थ और मायने दिए जाते हैं। अगर सोये हुए को उठाना है तो आवाज को बुलंद करना ही पड़ेगा।हमने बम अंग्रेजी हुकूमत पर गिराया। किसी व्यक्ति विशेष को मारना हमारा मकशद नहीं है।
- हम सब बदलाव के विचार से ही भयभीत हो जाते हैं। हमें निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना में बदलना होगा। आमतौर पर हम जैसी चीजें चली आ रही हैं, उन्हीं के आदी हो जाते है। भगत सिंह ने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि हमें कभी भी किसी चीजों का आदि नहीं बनना चाहिए और बदलाव से भयभीत नहीं होना चाहिए।
- भगत सिंह के अनुसार सच्चा बलिदान वही है जो जरुरत पड़ने पर सब कुछ त्याग दें। भगत सिंह ने कहा कि उन्हें भी जिंदगी से प्यार है और वो भी महत्वाकांक्षा, उम्मीद से भरें हुए है। परंतु जरूरत पड़ने पर वे यह सब कुछ त्याग सकते हैं।
- हम व्यक्ति को मार सकते हैं परंतु उनके विचारों को कभी नहीं मार सकते हैं। विचार हमेशा अमर रहते है। स्वतंत्रता और क्रांति मानव जाति का जन्मसिद्ध अधिकार है और स्वतंत्र विचार और आलोचना क्रांतिकारी सोच के दो अहम हिस्से हैं।
गांधी एक विचार के रूप में आज पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक हैं। उनके विचार का मूल अहिंसा और सत्याग्रह रहा। अहिंसा को लेकर गांधी जीवन भर संदेश देते रहे। राष्ट्र को आजाद कराने के महान लक्ष्य के बीच उनका अपना जीवन भी कई आयामों में प्रेरणादायक रहा। आइए आपको बताते हैं गांधी जी के उन विचारों के बारे में जो आज भी प्रासंगिक हैं और किसी भी मनुष्य के जीवन को बदलने की ताकत रखते हैं।
- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी यानी की बापू का अपना जीवन कई तरह के प्रयोगों की भूमि था। उन्होंने, सत्य, अहिंसा को केंद्र में रखकर कई तरह के प्रयोग किए। अहिंसा के बूते उन्होंने दमनकारी और शोषण करने वाली अंग्रेजी हुकूमत को देश से बाहर कर दिया। गांधी जी के सारे आंदोलन हमें धैर्य, अहिंसा और मनुष्य से प्रेम का रास्ता दिखाते हैं। मनुष्य जाति के इतिहास में बापू जैसा व्यक्तित्व विरला है क्योंकि उन्होंने बंदूक का सामना अहिंसा और प्रेम से किया और विजय हासिल की।
- महात्मा गांधी का मानना था कि आप जैसा भोजन करेंगे, वैसा सोचेंगे भी। इसलिए महात्मा गांधी ने शाकाहारी भोजन को अपना अभिन्न अंग बना लिया। सात्विक आहार को लेकर वे हमेशा जो देते रहे। व्रत को लेकर तो उनका खास मत था। प्राकृतिक जीवन जीने के लिए वे सदा प्रेरणा देते रहे। आज के दौर में जहां बदलती लाइफ स्टाइल ने मनुष्य को प्रकृति से दूर कर दिया है ऐसे में प्राकृतिक जीवन के करीब जीने का संदेश देने वाले बापू के विचार हमारी बड़ी जरूरत हैं।
- महात्मा गांधी अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए सदा जीवन और उच्च विचार के नियमों का पालन करते थे। इसलिए हमेशा आगे बढ़ते गए। आज के दौर में जहां सभी ओर झूठ, कपट, अहिंसा का बोलबाला है ऐसे में हम बापू के जीवन से उन सारे गुणों को जीवन में उतार सकते हैं। उनका जीवन और विचार हमें ना केवल एक अच्छा मनुष्य बनाएंगे बल्कि राष्ट्र के प्रति एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में भी हमारी उपस्थिति पैदा करेंगे।
- महात्मा गांधी सभी धर्मों के प्रति विशेष आस्था रखते थे। गांधी जी ने इस बात पर हमेशा जोर दिया कि भगवान ही सत्य है। उन्होंने धर्म-परिवर्तन के सभी तर्कों एवं प्रयासों को अस्वीकृत किया। उन्होंने सत्य के मार्ग को अपनाते हुए सत्याग्रह की नींव रखी थी।
अपनी सादगी के लिए मशहूर लाल बहादुर शास्त्री को कुशल नेतृत्व और जनकल्याणकारी विचारों के लिए हमेशा याद किया जाता है। इस बात में कोई शक नहीं है कि इनके जैसे सादगी वाला अभी तक देश में कोई भी दूसरा प्रधानमंत्री नहीं हुआ। 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में जन्मे शास्त्री जी का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। साल 1920 में महज 16 साल की उम्र में महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में भाग लेते हुए लाल बहादुर शास्त्री भारत की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए।
लाल बहादुर शास्त्री अद्वितीय प्रतिभा के धनी थे। वह गांधी जी के विचारों और जीवनशैली से बेहद प्रेरित थे। ईमानदार छवि के साथ सादगी पूर्ण जीवन जीने वाले लाल बहादुर शास्त्री जी के विचार आज भी देश को और देश की जनता को प्रेरणा देते हैं और सही राह पर चलने की सीख देते हैं। आइए जानते हैं लाल बहादुर शास्त्री के अनमोल विचारों के बारे में...
- देश की तरक्की के लिए हमे आपस में लड़ने के बजाये गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।
- यदि कोई भी व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।
- हम खुद के के लिए ही नही बल्कि पूरे विश्व की शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखते हैं।
- हमारी ताकत और मजबूती के लिए सबसे जरूरी काम है लोगो में एकता स्थापित करना।
- कानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरक़रार रहे और हमारा लोकतंत्र भी मजबूत बने।
- हम आपको मर्यादा पुरूषोत्तम राम के चरित्र की कुछ बातें बताएंगे और यदि आप इन बातों पर अमल कर लेते हैं तो आपका जीवन भी खुशियों से भर जाएगा।
- रामायण में भगवान श्रीराम को भगवान विष्णु का अवतार बताया गया है जो स्वंय भगवान के गुणों से ओतप्रोत है। आज समाज के लोगों के आचरण में जो मिलावट आई है ऐसे में भगवान राम के आचरण से हमें पवित्रता की सीख लेनी चाहिए।
- पिता दशरथ और माता कैकेयी के द्वारा 14 वर्ष का वनवास दिए जाने पर श्री राम ने माता-पिता की आज्ञा का पालन किया। साथ ही भगवान राम को पता था कि मेरे पिता वचन के आगे मजबूर हैं इसलिए उन्हें उनकी आज्ञा का पालन करना ही होगा इसलिए राम ने वनवास का रास्ता चुन लिया।
- गुरु का स्थान किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे बड़ा होता है। गुरू के ज्ञान से ही हम जीवन में सफलता प्राप्त कर पाते हैं परन्तु आज का युवा गुरू की आज्ञा का पालन नही करता है और बिना मार्गदर्शन के गलत राह पर चलने लगता है। भगवान श्री राम जी ने हमेशा अपने गुरु वशिष्ट की आज्ञा का पालन किया है। हमें उनके चरित्र से गुरू भक्ति सीखनी चाहिए।
- किसी भी मुश्किल परिस्थिति में भगवान राम ने अपना धैर्य नहीं खोया है। उन्होनें हर परेशानी में धैर्य से काम लिया है इसलिए हमें भगवान राम जी तरह जीवन की हर तकलीफ मेंं शांति से कार्य करना चाहिए।
- भगवान श्री राम जी ने कभी भी नियति को बदलने की कोशिश नही की,जो नियति में लिखा हुआ है हमें वह स्वीकार करना चाहिए क्योंकि नियति से कोई भी नही लड़ सकता है।
भगवान श्रीकृष्ण के अनेक रूप हैं। उन्होंने हर रूप में जिंदगी जीने के बारे में बताया है। कृष्ण कहते हैं दूसरों से खुद की तुलना मत करो। अगर तुम्हारे पास उससे कम संसाधन है तो उसी में खुशी से जिंदगी जीना सीखें। आइए जानते हैं श्रीकृष्ण से जुड़ी कुछ खास बातों को…
- भगवान कृष्ण कहते हैं, किसी दूसरे व्यक्ति के सहारे अपनी जिंदगी को जीने से बेहतर है कि आप अपनी जिंदगी को अपने बल पर जीना शुरू कर दें। आगे कृष्ण कहते हैं अपने भाग्य पर भरोसा रखो सबकुछ अच्छा होगा।
- कृष्ण कहते हैं, हमें हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए। अच्छे कर्म का फल हमेशा अच्छा होता है। गलत कर्म का फल भी गलत ही मिलता है। आपका अच्छा किया गया कर्म कभी व्यर्थ नहीं जाएगा।
- कृष्ण कहते हैं कि अगर आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं तो एक दिन जरूर आप प्राप्त कर लेते हैं।
- मन में शांति और भगवान के प्रति सच्ची लगन हो तो परमात्मा पर विजय प्राप्त करना मुश्किल नहीं है। कोई भी काम शुरू करो तो उसे पूरा करके ही छोड़ों।
हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु को परमेश्वर के तीन मुख्य रूपों में से एक माना जाता है। उन्हें विश्व का पालनहार माना जाता है। वे त्रिमूर्ति का अहम हिस्सा हैं और सर्वव्याप्त है। धरती पर रहने वाले समस्त जीवों के आश्रय होने की वजह से उन्हें नारायण भी कहा जाता हैं। कहते है विश्व भगवान विष्णु की शक्ति से ही चल रहा है। अपने चारों हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण करते हैं। उनका निवास स्थान क्षीरसागर में है।
- हम जब किसी पर कुछ उपकार करते हैं तो बदले में उम्मीद रखते हैं कि वो भी हमारी मदद करेगा। परंतु विष्णु-पुराण के अनुसार भगवान विष्णु ने कहा है कि हमें उपकार करते रहने चाहिए उसके बदले में किसी तरह कि कोई अपेक्षा नहीं होनी चाहिए।
- धार्मिक कथाओं में वर्णन है जब-जब धरती पर पाप बढ़े तब-तब भगवान विष्णु ने समाज-सुधार के लिए अवतार लिए है। उन्होंने सामाजिक हित हमेशा सर्वोपरि रखा। हमें भी अपना सामाजिक दृष्टिकोण बेहतर रखना चाहिए।
- कथाओं अनुसार असुरों ने जब भी विनाश करना प्रारंभ किया। देवतागणों ने विष्णु भगवान की शरण ली। उन्होंने सबसे पहला संदेश ही धैर्य रखने का दिया। धैर्यतापूर्ण ही संसार का कल्याण किया। हमें भी जीवन में धैर्य नहीं खोना चाहिए। विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य रखकर ही सामना करना चाहिए।
- आजकल जहां शादियां महज कुछ वर्षो में टूट जाती है ठीक उसके विपरीत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का जिक्र हर धार्मिक कथाओं में हैं। रिश्ते में सम्मान इतना है कि दो होकर भी ये एक है, इसलिए इन्हे श्रीलक्ष्मीनारयण भगवान भी बोला जाता हैं। हमें भी जीवनसाथी का पूरा सम्मान करना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिनकी पूजा सबसे आसान हैं, वो देवा धी देव महादेव हैं। जितने सरल शिव हैं, उतना ही विकट उनका स्वरूप है, जिसका कोई मेल ही नहीं है।। गले में सर्प, कानों में बिच्छू के कुंडल, तन पर वाघंबर, सिर पर त्रिनेत्र, हाथों में डमरू, त्रिशूल और वाहन नंदी। भगवान शिव के इस अद्भुत स्वरूप से हमें कहीं बातें सिखने को मिलती हैं।
- हमारे आसपास कितने ही बुरे लोग क्यों न हों, अगर आप सही हैं तो वे आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं।
- कपड़े तन ढंकने के लिए होते हैं और हमेशा ऐसे वस्त्र धारण करने चाहिए जो सुलभ हों। महंगे कपड़े आपको आम लोगों से दूर कर सकते हैं।
- तीसरा नेत्र ज्ञानेंद्री का प्रतीक है। हमें हमेशा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और अपने आसपास हो रहे न्याय-अन्याय पर नजर रखनी चाहिए।
- हाथ में डमरू हमारी खुद की वाणी है। शिव हमेशा डमरू नहीं बजाते, समय आने पर ही उससे ध्वनि निकलती है। यह सिखाती है कि हमें समय आने पर परिस्थिति को समझ कर ही बोलना चाहिए।
- बैल को धर्म का प्रतीक माना गया है। शिव का वाहन ही धर्म है, यह हमें सिखाता है कि हमारा वाहन यानी जीने का सिद्धांत धर्म होना चाहिए, अधर्म नहीं। धर्म से हमें सफलता और और शांति मिलेगी।
- त्रिशुल शिव का हथियार है। त्रिशुल के तीनों फन भूत, भविष्य और वर्तमान को दर्शाते हैं। भगवान शिव का तीनों पर नियंत्रण हैं। हम वर्तमान में जीना चाहिए, भविष्य के लिए योजनाएं बनानी चाहिए और अतीत के अनुभव से सीखना चाहिए। सफलता के ये तीन सूत्र ही त्रिशुल के तीन फन दर्शाते हैं।
हनुमान जी कलयुग के सबसे सशक्त देवता हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस कलयुग में हनुमान जी ही ऐसे हैं जो इंसान की समस्त बाधाएं दूर कर सकते हैं। हनुमान जी जैसा कोई हो ही नहीं सकता है वो तो गुणों की खान हैं। हनुमान जी हर कार्य को कुशलतापूर्वक अंजाम देते हैं। हनुमान जी से हमे बहुत कुछ सिखने को मिलता है। आइए, आज सीखते हैं हनुमान जी से जीवन जीने के तरीके...
- संवाद कौशल में निपुण व्यक्ति जीवन में सफलता हासिल करता है। हनुमान जी जब माता सीता से लंका में पहली बार मिले तो उन्होंने अपने सवांद कौशल से ही माता सीता को विश्वास दिलाया कि भगवान राम आएंगे और आपको इस लंका से ले जाएंगे।
- हनुमान जी विन्रम स्वभाव के धनी हैं। लंका जाते समय समुद्र लांघते वक्त बीच रास्ते में जब सुरसा नाम की एक राक्षसी उन्हें मिली तब हनुमानजी ने समय की महत्वता को समझ कर सुरसा से विन्रमता पूर्वक आग्रह किया। हनुमान जी के विन्रम स्वभाव से सुरसा प्रसन्न हुई और उन्हें लंका की ओर जाने दिया।
- हनुमान जी ने अपने जीवन में हमेशा संयम रखा । भगवान राम की सेवा के लिए वह आजीवन ब्रह्मचारी रहे। सफलता के लिए जीवन में संयम रखना जरूरी है।
- हनुमान जी के पास हर समस्या का समाधान है। वह कभी भी किसी काम को आधा नहीं छोड़ते हैं। हनुमान जी जब संजवीनी बूटी लेने गए तो वह दवा को पहचान नहीं सके तो उन्होंने पूरा पहाड़ उठाकर ही लंका पहुंचा दिया ताकि पहाड़ में मौजूद दवाई मिल जाए।
- हनुमान जी जो भी कार्य करते हैं उस कार्य के लिए पूरी तरह खुद को समर्पित कर देते थे। हनुमान जी को जो भी कार्य दिया जाता वो उस कार्य को निष्ठा पूर्वक करते हैं। राम जी की सेवा सबसे बड़ा उदाहरण है।