आगरा के शाहगंज के नरीपुरा में आर मधुराज हॉस्पिटल में आग लगने की घटना में डायरेक्टर राजन (42), उनकी बेटी सिमरन उर्फ शालू (18) और बेटे ऋषि (15) की मौत हो गई। घटना के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। राजन सिंह ने मेहनत से एक मुकाम हासिल किया था। वह डॉक्टर नहीं बन सके थे। मगर, अस्पतलों में कंपाउंडर की नौकरी करके अपना हॉस्पिटल खोल लिया। गरीब मरीजों की मदद के लिए आगे रहते थे। बेटे को डॉक्टर तो बेटी को इंजीनियर बनाने का सपना देख रहे थे। अब परिवार के लोगों को उनके बड़े बेटे और पत्नी की चिंता सता रही है। वह भी अस्पताल में भर्ती हैं।
गोपीचंद नरीपुरा स्थित पुरानी आबादी के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि उनके तीन बेटे राजन, राजू और मनोज थे। वह खुद किसान थे। मगर, कुछ साल से मोहल्ले के पास ही जूता मैटेरियल की दुकान चलाते हैं। इसका सामान ही अस्पताल के ऊपर बनी दुकान में रखा हुआ था। इसमें फोम भी शामिल थी। 30 साल पहले परिवार में एक साथ चार लोगों की मौत हो गई थी। इसलिए उन्होंने सोचा कि बेटा डॉक्टर बन जाए।