मैनपुरी जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय भोगांव में छात्रा की कथित हत्या और दुष्कर्म को लगभग दो साल का समय बीत चुका है। ऐसे में नवगठित एसआईटी (विशेष जांच दल) के लिए सुराग तलाशना आसान नहीं होगा। एक ओर जहां वक्त के चलते सुराग धुंधले हो गए हैं, वहीं विद्यालय में भी सब कुछ बदल चुका है। नवोदय विद्यालय में छात्रा ने जहां फंदा लगाया था, वहां अब न तो वह फंदा है और न ही अन्य सामान। न तो विद्यालय में वह स्टाफ है और न ही वह छात्र। ऐसे में हर कदम पर एसआईटी को नई चुनौती से जूझना होगा।
अब एसआईटी अध्यक्ष एडीजी भानु भास्कर पर लोगों की निगाहें टिकी हैं। उनके सीबीआई में लंबे समय तक कार्य करने की चर्चाएं लोगों के बीच हो रही हैं। लोगों का मानना है कि एडीजी भानु भास्कर सीबीआई की तर्ज पर ही इस मामले की जांच करेंगे। उम्मीद है कि इस बार छात्रा को न्याय मिलेगा।
अब एसआईटी अध्यक्ष एडीजी भानु भास्कर पर लोगों की निगाहें टिकी हैं। उनके सीबीआई में लंबे समय तक कार्य करने की चर्चाएं लोगों के बीच हो रही हैं। लोगों का मानना है कि एडीजी भानु भास्कर सीबीआई की तर्ज पर ही इस मामले की जांच करेंगे। उम्मीद है कि इस बार छात्रा को न्याय मिलेगा।

मृतक कक्षा 11 की छात्रा थी, ऐसे में अब उसके सभी साथी 12वीं के बाद विद्यालय छोड़ चुके हैं। इसके अलावा तत्कालीन प्रधानाचार्य व अन्य स्टाफ का भी स्थानांतरण हो चुका है। अगर एसआईटी को संबंधित लोगों से पूछताछ करनी होगी तो भी सभी को बुलाना संभव नहीं होगा।

घटना के समय नवोदय विद्यालय की बाहरी दीवार पांच फीट की थी, जिसे अब आठ फीट ऊंचा कर दिया गया है। इन बड़े बदलावों के बीच पुराने घटनाक्रम को तलाश पाना बहुत ही मुश्किल होगा। इसके लिए एसआईटी को कई हफ्तों तक मशक्कत करनी पड़ सकती है।

डीएनए और पॉलीग्राफ की लिस्ट हो सकती है लंबी
बीते वर्ष जांच के दौरान तत्कालीन एसआईटी छात्रा की कथित हत्या और दुष्कर्म का राजफाश करने के लिए डीएनए जांच और पॉलीग्राफ टेस्ट का भी सहारा ले चुकी है। छात्रा के स्कूल से लेकर संबंधियों तक 115 लोगों की डीएनए जांच और 12 का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जा चुका है। ऐसे में अब नवगठित एसआईटी की जांच में ये लिस्ट और भी लंबी हो सकती है।
बीते वर्ष जांच के दौरान तत्कालीन एसआईटी छात्रा की कथित हत्या और दुष्कर्म का राजफाश करने के लिए डीएनए जांच और पॉलीग्राफ टेस्ट का भी सहारा ले चुकी है। छात्रा के स्कूल से लेकर संबंधियों तक 115 लोगों की डीएनए जांच और 12 का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जा चुका है। ऐसे में अब नवगठित एसआईटी की जांच में ये लिस्ट और भी लंबी हो सकती है।

हाईकोर्ट के ओदश पर नवगठित एसआईटी का अध्यक्ष एडीजी कानपुर जोन भानु भास्कर को बनाया गया है। एडीजी भानु भास्कर सीबीआई में करीब 15 साल तक कार्यरत रहे हैं। ऐसे में लोगों को उनसे न्याय की उम्मीद बंध गई है। जिले भर में लोगों के बीच इसकी चर्चा है। लोगों का मानना है कि एडीजी सीबीआई की तर्ज पर ही इस मामले की जांच करेंगे।