आगरा के कीठम स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार का दायरा 403 हेक्टेयर से बढ़कर 800 हेक्टेयर कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरणविद् डॉ. शरद गुप्ता की याचिका पर यह आदेश जारी किया है। सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी (सीईसी) ने इस संबंध में सिफारिश की थी। प्रदेश सरकार ने मामले में बार-बार रुख बदला, लेकिन सीईसी की सिफारिश के बाद शपथ पत्र देकर सहमति जता दी। कीठम स्थित सेंक्चुअरी की अब नई सीमाएं तय की जाएंगी और 800 हेक्टेयर दायरे के मुताबिक ही ईको सेंसिटिव जोन तय किया जाएगा।
पर्यावरण मुद्दों के याचिकाकर्ता डॉ. शरद गुप्ता ने इस संबंध में 19 दिसंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें 18 फरवरी, 2021 को कोर्ट ने सीईसी से रिपोर्ट मांगी। 25 नवंबर, 2021 को कमेटी ने रिपोर्ट दाखिल कर दी। इसमें सूर सरोवर पक्षी विहार के मौजूदा क्षेत्र में सूरदास रिजर्व फॉरेस्ट ब्लॉक के 380.558 हेक्टेयर और 15.514 हेक्टेयर राजकीय भूमि पर किए गए पौधरोपण वाली जगह को सेंक्चुअरी का हिस्सा बनाने की सिफारिश की गई। यही करीब 396 हेक्टेयर का हिस्सा बफर जोन की तरह इस्तेमाल हो रहा था, जिस पर प्रशासनिक नियंत्रण भी राष्ट्रीय चंबल सेंक्चुअरी प्रोजेक्ट का था। कोर्ट में अंशुल गुप्ता और कीर्ति दुआ ने 800 हेक्टेयर सेंक्चुअरी के लिए पैरवी की।
पर्यावरण मुद्दों के याचिकाकर्ता डॉ. शरद गुप्ता ने इस संबंध में 19 दिसंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें 18 फरवरी, 2021 को कोर्ट ने सीईसी से रिपोर्ट मांगी। 25 नवंबर, 2021 को कमेटी ने रिपोर्ट दाखिल कर दी। इसमें सूर सरोवर पक्षी विहार के मौजूदा क्षेत्र में सूरदास रिजर्व फॉरेस्ट ब्लॉक के 380.558 हेक्टेयर और 15.514 हेक्टेयर राजकीय भूमि पर किए गए पौधरोपण वाली जगह को सेंक्चुअरी का हिस्सा बनाने की सिफारिश की गई। यही करीब 396 हेक्टेयर का हिस्सा बफर जोन की तरह इस्तेमाल हो रहा था, जिस पर प्रशासनिक नियंत्रण भी राष्ट्रीय चंबल सेंक्चुअरी प्रोजेक्ट का था। कोर्ट में अंशुल गुप्ता और कीर्ति दुआ ने 800 हेक्टेयर सेंक्चुअरी के लिए पैरवी की।