सोरांव में एक ही परिवार के पांच लोगों को मौत के घाट उतारने वाले हत्यारों ने क्रूरता की हदें पार कर दी थीं। वारदात के बाद कमरे की हालत वहां हुई बर्बरता की दास्तां बयां कर रही थी। शवों की हालत ऐसी थी, जिसे देख ग्रामीण कांप गए तो पुलिसकर्मी भी स्तब्ध थे। खून से सने शवों को देखने वाले परिवार के कई लोग तो घंटों कुछ बोलने की स्थिति में नहीं रहे।
विजयशंकर व उसका परिवार यूसुफपुर गांव में तीन कमरों के मकान में रहता था। हाईवे से सटी सड़क से उतरकर जाने वाले रास्ते पर बाईं ओर सबसे पहले उनका ही मकान पड़ता है। इससे आगे जाने पर भाइयों व अन्य ग्रामीणों के मकान हैं। रविवार सुबह वारदात की खबर फैली तो कुछ ही देर में वहां बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए। इस दौरान जिसने भी घर के भीतर का नजारा देखा, उसका कलेजा कांप गया। घर में दाखिल होते ही सबसे आगे के कमरे में जमीन पर सोनू व करीब ही रखे तख्त पर उसके बड़े बेटे कान्हा की लाश पड़ी थी। वहीं बगल में खून से सना कुल्हाड़ी का धूरा और छेनी पड़ी थी।
कुल्हाड़ी में लगा बेंत भी टूटा हुआ था। सोनू के गले व सिर मेें मिले जख्म के निशान से यही माना जा रहा है कि हत्यारों ने पहले उसके गले में कुल्हाड़ी से हमला किया। इसके बाद उसके हत्थे से सिर में ताबड़तोड़ वार किए, जिसमेें वह टूट भी गया। उधर मासूम कान्हा के गले में मिले निशान से आशंका जताई जा रही है कि उस पर छेनी से वार किया गया।
उधर भीतर के कमरे में मृत पड़ी मिली कामिनी व छोटे बेटे कुंज के शव के पास ही खून से सनी ईंट मिली। जिससे माना जा रहा है कि दोनों को ईंट से हमलाकर मौत के घाट उतारा गया। पीछे के कमरे में सो रहे विजयशंकर के शव के पास खून से सनी सिल व बट्टा मिला। जिससे यह आशंका है कि विजयशंकर की हत्या के लिए उसके सिर पर पहले बट्टे से वार किया गया और फिर उस पर सिल से हमला किया गया। कमरों में चारों ओर खून भी फैला हुआ था। जिस जघन्य तरीके से इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया, उसे देखकर पुलिसकर्मियों के साथ ही अफसर भी स्तब्ध थे।
छत के रास्ते दाखिल हुए, फिर दरवाजे से भागे
जांच पड़ताल व मौका मुआयना के बाद यही माना जा रहा है कि हत्यारों ने घर के भीतर दाखिल होने के लिए छत का रास्ता चुना। दरअसल विजयशंकर के घर में घुसते ही दाहिनी ओर छत पर जाने के लिए सीढ़ी बनी हुई है। हालांकि इस पर कोई दरवाजा नहीं है, जिससे कि कोई भी आसानी से छत के रास्ते घर में आ सकता है। फिर रात में सोने से पहले परिवार के लोगों ने दरवाजा जरूर बंद किया होगा। ऐसे में आशंका यही है कि छत के रास्ते सीढ़ी से होकर हत्यारे घर में दाखिल हुए। अब क्योंकि सुबह दरवाजा भीतर से बंद नहीं मिला, ऐसे में पूरी संभावना यही है कि वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारे मुख्य द्वार से ही होकर भागे। यह भी कहा जा रहा है कि छत पर चढ़ने के लिए उन्होंने घर के चारों ओर दीवारों पर बने डढ़वारी का सहारा लिया।