दुश्मनी में एक परिवार इतना बर्बर हो सकता है कि पांच सदस्य मिलकर अपनी ही बच्ची की हत्या कर डालें। बिटिया को मारते समय उनके हाथ भी न कांपे। यह अकल्पनीय है। लेकिन समाज की क्रूर सच्चाई है। अमरिया तहसील के माधोपुर गांव में ऐसा ही हुआ। हफ्तों पहले ही साजिश रच ली गई। मौका मिलते ही कत्ल कर दिया गया। पीलीभीत के अमरिया के गांव माधोपुर गांव में शनिवार को दस वर्षीय बालिका अनम की नृशंस हत्या की गई। यह शक पुलिस को उसी वक्त हो गया था, जब उसे परिवार के लोगों के बजाय किसी और ने सूचना दी कि एक बालिका की हत्या हो गई है।
मरणासन्न मासूम का वीडियो बनाकर चाचा उससे पूछ रहा था कि तुम्हें किसने मारा...। यह वीडियो सामने आने पर पुलिस का शक पुख्ता हो गया। क्योंकि मौत से लड़ रही बच्ची की पहली जरूरत इलाज थी।
वीडियो ही खुलासे की अहम कड़ी बनी। हत्या के बाद साजिशकर्ता योजना के तहत पुलिस को तहरीर देने पहुंचे तो पुलिस ने अनम के पिता, चाचा और दादा से उनका मोबाइल नंबर मांगा तो सभी सकपका गए।
पुलिस से बोले कि नामजद तहरीर देने के बाद कार्रवाई के बजाय आप लोग हम पर ही शक कर रहे हैं। उनके हावभाव से शक और पुख्ता हो गया।
शाम को मासूम के शव का दफन होते ही पुलिस उसके घर पहुंच गई। परिवार के लोगों को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली तो एक खून से सनी पैंट पुलिस के हाथ लग गई। पुलिस अनम के चाचा शादाब को थाने ले आई।