कानपुर में पनकी स्थित केडीए ड्रीम्स क्वारंटीन सेंटर से किशोरियों के फरार होने के मामले में पुलिस का खुलासा कई सवाल खड़े कर रहा है। पुलिस की कहानी में झोल ही झोल हैं। आनन-फानन में कार्रवाई कर जिम्मेदारों की लापरवाही पर पर्दा डाला जा रहा है। यही वजह है कि अभी तक किसी भी पुलिसकर्मी, सुरक्षाकर्मी या सेंटर के स्टाफ पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म आरोपी अपने तीन साथियों के साथ किशोरियों को सेंटर से भगा ले गया। सवाल है कि जब किशोरियों के पास मोबाइल आदि नहीं है तो उन्होंने उसको किस माध्यम से जानकारी दी कि वो सेंटर में हैं। पनकी एसओ शैलेंद्र का कहना है कि आरोपी सेंटर के भीतर नहीं गए।
ऐसे में ये समझ से परे है कि ये कैसे तय हुआ कि सुबह कितने बजे खिड़की और बाउंड्री कूदकर बाहर निकलना है। उनको कैसे पता चला कि बाहर तीनों आरोपी मौजूद हैं। अगर तीनों ने उन्हें भगाया था तो किशोरियों के साथ वो क्यों नहीं पकड़े गए। ऐसे तमाम सवाल हैं, जिनके जवाब पुलिस के पास नहीं है। एसओ का कहना है कि ये नहीं पता चला कि दोनों के बीच बातचीत कब, कैसे और किसके जरिये हुई।
15 जून को जेल से छूटा है आरोपी
पनकी एसओ ने बताया कि किशोरी के परिजन ने पिछले साल रंजीत पर दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। मामले में वो जेल भेजा गया था। इसी साल 15 जून को वो जेल से छूटा। आठ दिन के भीतर उसने किशोरी से संपर्क किया। साजिश रची और भगा ले गया।
किसी की मिलीभगत
जिस तरह से किशोरियां फरार हुईं, उससे वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों और अन्य स्टाफ की लापरवाही साफतौर पर है। एक पहलू ये भी है कि कहीं किसी की मिलीभगत तो नहीं है। फिलहाल पुलिस अफसर जांच की बात कर रहे हैं। किसी जिम्मेदार पर अभी तक कार्रवाई न करना भी मंशा पर सवाल उठाता है।