सात वार और नौ त्योहार की मान्यता वाले शहर बनारस में शनिवार को मकर सक्रांति आस्था और उल्लास के साथ मनाया गया। भगवान भास्कर के उत्तरायण होते ही श्रद्धालुओं ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। ठंड और कोरोना संक्रमण पर श्रद्धालुओं की आस्था भारी नजर आई। हल्के कोहरे की चादर में लिपटे भगवान भास्कर के उदीयमान होते ही श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव, हर-हर गंगे के जयघोष के साथ पुण्य की डुबकी लगाई।
दिन खुलने के साथ ही पतंगबाजी के साथ वो काटा-वो मारा का शोर गूंजने लगा। पतंगबाजी के उल्लास में कोरोना की फिक्र भी उड़ती दिखी। कई स्थानों पर लंगर लगा कर खिचड़ी वितरण किया गया। घाटों पर दान लेने वालों की भी भारी भीड़ लगी रही। दान करने के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिरों में मत्था टेका। दशाश्वमेध घाट के साथ ही शीतला घाट, पंचगंगा घाट, अस्सी घाट से लेकर गंगा गोमती संगम कैथी में भी आस्था का रेला सुबह से ही नजर आया।
दिन खुलने के साथ ही पतंगबाजी के साथ वो काटा-वो मारा का शोर गूंजने लगा। पतंगबाजी के उल्लास में कोरोना की फिक्र भी उड़ती दिखी। कई स्थानों पर लंगर लगा कर खिचड़ी वितरण किया गया। घाटों पर दान लेने वालों की भी भारी भीड़ लगी रही। दान करने के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिरों में मत्था टेका। दशाश्वमेध घाट के साथ ही शीतला घाट, पंचगंगा घाट, अस्सी घाट से लेकर गंगा गोमती संगम कैथी में भी आस्था का रेला सुबह से ही नजर आया।