बाढ़ का पानी उतरने के बाद गंगा घाटों के किनारे जमा हुई दलदली सिल्ट किसी की जान भी ले सकता है। इस बात का अंदाजा वाराणसी के अस्सी घाट पर तब हुआ जब यहां एक मासूम खेल खेल में दलदल में उतर गई। लोगों ने देखा तो चीख पुकार मच गई। यह वही घाट है जहां पीएम मोदी ने फावड़ा चलाकर स्वच्छता अभियान की शुरुआती की थी। आगे की स्लाइड्स में देखें तस्वीरें...
बच्ची के दलदल में फंसने का नजारा देख यह सवाल खड़ा हो गया है कि छठ में हजारों की संख्या में लोग यहां आएंगे तो क्या होगा। प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। इस दलदली सिल्ट में कोई भी फंस सकता है। प्रसासन ने न तो सिल्ट साफ कराई और न ही कोई और उपाय किया।
सोमवार की शाम मासूम विद्या साहनी अपनी मां के साथ आचमन करने के लिए अस्सी घाट पर आई थी। मां ने हाथ छोड़ा तो खेलने लगी। खेल खेल में वह गंगा के दलदल में उतर गई। उसने निकलने की कोशिश की तो और फंसती चली गई। मुसीबत देख उसने आवाज लगाई तो उसकी मां की नजर पड़ी। मां चिख पड़ी। आसपास के लोग भी हैरान हो गए।
नन्ही सी जान को दलदल में देख परेशान हो गई। वो मदद की गुहार लगाने लगी। उन्हें देख लोग भी वहां पहुंचे। कुछ लड़कों ने पास से रस्सी लाया। उस रस्सी को मासूम की तरफ फेंक कर उसे पकड़ कर आगे आने को कहा।
बच्ची ने वैसा ही किया। इधर रस्सी पकड़े लड़कों ने भी जोर लगाई। उसका हौसला अफजाई किया। आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। बच्ची जब थोड़ी किनारे पहुंची तो एक लड़के ने आग बढ़कर उसका हाथ थाम लिया।