न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जोधपुर
Published by: Jeet Kumar
Updated Thu, 24 Sep 2020 02:40 AM IST
राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी। मामला उदयपुर के होटल लक्ष्मी विलास पैलेस की बिक्री से जुड़ा है, जिसमें सरकार को कथित तौर पर 244 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
हालांकि कोर्ट ने शौरी को 15 अक्तूबर को अगली सुनवाई से पहले किसी भी दिन निचली अदालत में पेश होने और दो लाख से निजी बॉन्ड और एक-एक लाख की दो जमानत पेश करने का निर्देश दिया है। होटल के वैल्यूअर कांति लाल विकमसे को आठ अक्तूबर तक ऐसा करने का निर्देश दिया है।
सीबीआई ने हाईकोर्ट को बताया कि दोनों ने मामले में कोई अनियमितता नहीं की थी। पिछले हफ्ते विशेष अदालत ने सीबीआई को शौरी व अन्य चार के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था।
होटल को दो दशक पहले भारत होटल्स लिमिटेड को 7.52 करोड़ रुपये में बेचा गया था, तब शौरी तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में विनिवेश प्रभारी मंत्री थे। सीबीआई की प्रारंभिक जांच में पता चला था कि इस संपत्ति की कीमत करीब 252 करोड़ थी, जिससे सरकार को 244 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा।
राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी। मामला उदयपुर के होटल लक्ष्मी विलास पैलेस की बिक्री से जुड़ा है, जिसमें सरकार को कथित तौर पर 244 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
हालांकि कोर्ट ने शौरी को 15 अक्तूबर को अगली सुनवाई से पहले किसी भी दिन निचली अदालत में पेश होने और दो लाख से निजी बॉन्ड और एक-एक लाख की दो जमानत पेश करने का निर्देश दिया है। होटल के वैल्यूअर कांति लाल विकमसे को आठ अक्तूबर तक ऐसा करने का निर्देश दिया है।
सीबीआई ने हाईकोर्ट को बताया कि दोनों ने मामले में कोई अनियमितता नहीं की थी। पिछले हफ्ते विशेष अदालत ने सीबीआई को शौरी व अन्य चार के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था।
होटल को दो दशक पहले भारत होटल्स लिमिटेड को 7.52 करोड़ रुपये में बेचा गया था, तब शौरी तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में विनिवेश प्रभारी मंत्री थे। सीबीआई की प्रारंभिक जांच में पता चला था कि इस संपत्ति की कीमत करीब 252 करोड़ थी, जिससे सरकार को 244 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा।