Rajasthan Political Crisis: राजस्थान की राजनीति की कई दिन से दो सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं। पहला अशोक गहलोत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनेंगे या नहीं ? दूसरा राजस्थान का नया सीएम कौन होगा? इन दो सवालों के जवाब ने प्रदेश की सियासत में उबाल ला दिया था। आज गुरुवार को साफ हो गया कि अशाके गहलोत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन नहीं करेंगे, लेकिन दूसरा सवाल अब भी बरकरार है। अब एक दो दिन पर इस पर भी फैसला हो सकता है।
दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ऐसे संकेत दिए हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पर्यवेक्षक एक बार फिर जयुपर जाएंगे। विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी। इसके बाद तय किया जाएगा कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने रहेंगे या नहीं। इससे साफ है कि एक-दो दिन में मुख्यमंत्री को लेकर फैसला हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि 1 अक्टूबर को कांग्रेस पर्यवेक्षक जयपुर आ सकते हैं। साथ ही इसी दिन विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री को लेकर प्रस्ताव पारित किया जा सकता है। हालांकि, कांग्रेस आलाकमान के सामने समस्या अब भी यही है कि गहलोत गुट के विधायक अपनी बात पर अड़े हुए है। उनका कहना है कि सीएम बगावत के समय साथ देने वाले 102 विधायकों में से ही बनना चाहिए।
आज यानी गुरुवार दोपहर को अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। गहलोत जब सोनिया गांधी से मिलने जा रहे थे तो उनके हाथ में कुछ कागज भी थे। जिसमें से एक को माफीनामा बताया जा रहा है। इस पर लिखा हुआ था कि जो कुछ भी हुआ उसका दुख है, इससे मैं आहत हूं। सोनिया गांधी से करीब डेढ़ घंटे की मुलाकात के बाद सीएम ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा- कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। मैंने हमेशा कांग्रेस में वफादार सिपाही के रूप में काम किया है। विधायक दल की बैठक से पहले जो हुआ उससे मैं आहत हूं। मैं सीएम रहूंगा या नहीं इस पर फैसला हाईकमान करेगा।
जो गलती नहीं की उसकी माफी: जोशी
सीएम गहलोत के सोनिया गांधी से माफी मांगने पर उनके समर्थक मंत्री महेश जोशी ने कहा कि गहलोत ने उस गलती की माफी है जो उन्होंने की ही नहीं। यह उनकी नैतिकता और चरित्र है। जोशी ने कहा कि अशोक गहलोत ने हमेशा से आलाकमान को ही सर्वोपरि रखा है। बता दें कि महेशी जोशी उन्हीं नेताओं में शामिल हैं जिन्हें अनुशासनहीनता को दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
कांग्रेस की नेताओं को सख्त सलाह
कांग्रेस पार्टी ने सभी नेताओं को सलाह दी है कि वे किसी भी नेताओं के खिलाफ या पार्टी के आंतरिक मामलों के बारे में सार्वजनिक बयान न दें। अगर इस एडवाइजरी का कोई उल्लंघन किया जाता है तो सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
गांधी परिवार के वफादार गहलोत की पांच गलतियां, CM पद भी खतरे में
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनेंगे और उनका सीएम पद भी खतरे में है। गहलोत गुट के विधायकों का शक्ति प्रदर्शन और इस्तीफा पॉलिटिक्स से सीएम अशोक गहलोत के सियासी समीकरण बिगड़ गए हैं। वह सीएम रहेंगे या नहीं इस पर हाईकमान जल्द फैसला करेगा। इस पूरे सियासी घमासान में अशोक गहलोत ने पांच गलतियां कीं, जिससे वह अध्यक्ष बनने से चूक गए।
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राहुल भी पायलट के सब्र के मुरीद, क्या 26 महीने बाद अब मिलेगी जिम्मेदारी?
22 जून को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली में एआईसीसी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने 2004 से पार्टी में काम कर रहा हूं। सब्र नहीं आएगा तो क्या आएगा? इस बात को पार्टी का हर नेता समझता है। देखो सचिन पायलट जी सब्र से बैठे हैं। राहुल गांधी को यह बात कहे हुए तीन महीने से ज्यादा का समय हो गया है और पायलट भी लगातार सब्र रखे हुए हैं। अब एक बार फिर उनके सीएम बनने की बारी आई तो गहलोत गुट उनके विरोध में खड़ा हो गया है।
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सिर्फ तीन नेताओं को ही नोटिस क्यों? क्या इसलिए गहलोत को दी गई क्लीन चिट
राजस्थान में विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के मामले में कांग्रेस आलाकमान ही एक्शन लिया है। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ और संचेतक महेश जोशी को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। कांग्रेस आलाकमान ने तीनों को अनुशासनहीनता का दोषी माना है। कांग्रेस अनुशासन समिति ने मंगलवार रात तीनों नेताओं को नोटिस जारी किए।
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