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Case of death due to poisonous liquor: Asha and Anganwadi workers are doing door-to-door survey
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जानलेवा शराब: लाउड स्पीकर लगाकर खोजे बीमार, आशा और आंगनबाड़ी वर्कर घर-घर कर रहीं सर्वे
संवाद न्यूज एजेंसी, मंडी/सुंदरनगर
Published by: Krishan Singh
Updated Thu, 20 Jan 2022 11:03 PM IST
सार
गुरुवार को सुंदरनगर उपमंडल में दस लाउडस्पीकर वाले वाहन चलाकर लोगों को जागरूक किया गया कि अगर उनके घर में शराब पीने से किसी की तबीयत बिगड़ी है तो इसकी जानकारी तुरंत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को दें।
जहरीली शराब से मौतों का मामला(सांकेतिक)
- फोटो : संवाद
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हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सलापड़ और कांगू में जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला बढ़ने के बाद अब जिला प्रशासन ने शराब पीने के बाद बीमार हुए लोगों को ढूंढने के लिए अभियान चलाया। गुरुवार को सुंदरनगर उपमंडल में दस लाउडस्पीकर वाले वाहन चलाकर लोगों को जागरूक किया गया कि अगर उनके घर में शराब पीने से किसी की तबीयत बिगड़ी है तो इसकी जानकारी तुरंत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को दें। अस्पताल में भर्ती कराएं। प्रशासन को आशंका है कि क्षेत्र में कई और लोग ऐसे हो सकते हैं, जिन्होंने जहरीली शराब का सेवन किया है। वे लोग घरों से बाहर नहीं आ रहे हैं। अस्पताल न जाने से एक ने दम भी तोड़ दिया है। लाउडस्पीकर वाले वाहन से आग्रह किया जा रहा है कि अगर कहीं अवैध शराब के कारोबार की सूचना है तो उसकी जानकारी भी पुलिस के साथ साझा करें। उधर, आशा और आंगनबाड़ी वर्कर भी घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं, ताकि बीमार रोगियों की पहचान की जा सके और समय रहते उपचार किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग की भी पूरे क्षेत्र में नजर है। डीसी मंडी अरिंदम चौधरी और एसडीएम सुंदरनगर धर्मेश रमोत्रा ने वीरवार को सलापड़ और कांगू क्षेत्र का दौरा किया।
कहां बनी नकली शराब; पुलिस के लिए बनी पहेली, आबकारी विभाग ने भी साधी चुप्पी
नकली शराब के खेल ने अब तक सात जिंदगियां लील ली हैं। अगर सच में इसी शराब का सेवन लोगों ने किया है तो सवाल उठता है कि आखिर यह बनी कहां है? अगर बाहरी राज्यों में बनी है तो यह विभिन्न नाकों से होते हुए हिमाचल में कैसे पहुंच गई? चंडीगढ़ में बनी 999 मार्का की व्हिस्की भी हिमाचल में शराब माफिया ने कैसे पहुंचा दी? क्या पुलिस और आबकारी विभाग चादर तानकर सोता रहा। सात मौतों के बाद पुलिस के लिए पूरा मामला पहेली बना हुआ है। उधर, हो सकता है कि क्षेत्र की ग्राम पंचायत सलापड़, ध्वाल व कांगू पंचायत के लोगों ने इस शराब का सेवन किया हो, लेकिन कई लोग तबीयत खराब होने के बावजूद उपचार के लिए अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं। वीरवार को स्वास्थ्य टीम ने लोगों के घर-घर जाकर उनके स्वास्थ्य की जांच की। उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने इन पंचायतों के निवासियों से अपील की है कि यदि किसी के पास शराब पड़ी है तो उसका सेवन न करें और जिन भी लोगों ने शराब का सेवन किया है, वे उपचार के लिए अस्पताल पहुंचें।
विस्तार
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सलापड़ और कांगू में जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला बढ़ने के बाद अब जिला प्रशासन ने शराब पीने के बाद बीमार हुए लोगों को ढूंढने के लिए अभियान चलाया। गुरुवार को सुंदरनगर उपमंडल में दस लाउडस्पीकर वाले वाहन चलाकर लोगों को जागरूक किया गया कि अगर उनके घर में शराब पीने से किसी की तबीयत बिगड़ी है तो इसकी जानकारी तुरंत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को दें। अस्पताल में भर्ती कराएं। प्रशासन को आशंका है कि क्षेत्र में कई और लोग ऐसे हो सकते हैं, जिन्होंने जहरीली शराब का सेवन किया है। वे लोग घरों से बाहर नहीं आ रहे हैं। अस्पताल न जाने से एक ने दम भी तोड़ दिया है। लाउडस्पीकर वाले वाहन से आग्रह किया जा रहा है कि अगर कहीं अवैध शराब के कारोबार की सूचना है तो उसकी जानकारी भी पुलिस के साथ साझा करें। उधर, आशा और आंगनबाड़ी वर्कर भी घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं, ताकि बीमार रोगियों की पहचान की जा सके और समय रहते उपचार किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग की भी पूरे क्षेत्र में नजर है। डीसी मंडी अरिंदम चौधरी और एसडीएम सुंदरनगर धर्मेश रमोत्रा ने वीरवार को सलापड़ और कांगू क्षेत्र का दौरा किया।
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कहां बनी नकली शराब; पुलिस के लिए बनी पहेली, आबकारी विभाग ने भी साधी चुप्पी
नकली शराब के खेल ने अब तक सात जिंदगियां लील ली हैं। अगर सच में इसी शराब का सेवन लोगों ने किया है तो सवाल उठता है कि आखिर यह बनी कहां है? अगर बाहरी राज्यों में बनी है तो यह विभिन्न नाकों से होते हुए हिमाचल में कैसे पहुंच गई? चंडीगढ़ में बनी 999 मार्का की व्हिस्की भी हिमाचल में शराब माफिया ने कैसे पहुंचा दी? क्या पुलिस और आबकारी विभाग चादर तानकर सोता रहा। सात मौतों के बाद पुलिस के लिए पूरा मामला पहेली बना हुआ है। उधर, हो सकता है कि क्षेत्र की ग्राम पंचायत सलापड़, ध्वाल व कांगू पंचायत के लोगों ने इस शराब का सेवन किया हो, लेकिन कई लोग तबीयत खराब होने के बावजूद उपचार के लिए अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं। वीरवार को स्वास्थ्य टीम ने लोगों के घर-घर जाकर उनके स्वास्थ्य की जांच की। उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने इन पंचायतों के निवासियों से अपील की है कि यदि किसी के पास शराब पड़ी है तो उसका सेवन न करें और जिन भी लोगों ने शराब का सेवन किया है, वे उपचार के लिए अस्पताल पहुंचें।
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