हिमाचल प्रदेश के आईआईटी मंडी के एक्सपेक्टो 2022 टेकफेस्ट के पहले दिन खेल-खेल में विद्यार्थियों ने विज्ञान की बारीकियों को समझा। गैलेक्टिक आई वर्चुअल प्रतियोगिता में भावी इंजीनियरों ने तारों, गैलेक्सी, ब्लैकहोल को जानने के लिए अब तक की सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप का डिजाइन तैयार किया। यह डिजाइन थ्रीडी रहा। सैकड़ों विद्यार्थियों ने इसे ऑनलाइन जमा करवाया। थीम था कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली स्पेस टेलीस्कोप जेम्स वेब से भी बेहतर डिजाइन बनाना। यदि यह डिजाइन तार्किक रहा तो इस पर आईआईटी मंडी काम करेगा। कंप्यूटर साइंस में डिमनेशिया नाम से आयोजित इवेंट में कोडिंग को हल करने की पहेली दी गई। इसे हल करने के लिए होनहारों ने दिमाग लगाया।
बताया गया कि कोडिंग आधुनिक युग में अहम है। कंप्यूटर का सारा काम इसी के जरिये होता है। कोडिंग के जरिये ही कंप्यूटर को बताया जाता है कि उसे क्या करना है। जिन्हें कोडिंग लैंग्वेज आती है, वे आसानी से वेबसाइट या एप डेवलप कर सकते हैं। बता दें कि आईआईटी मंडी पहली बार इंटर कॉलेज टेकफेस्ट एक्पैक्टो का वर्चुअल आयोजन कर रहा है। इसमें आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी और अन्य शीर्ष कॉलेजों के विद्यार्थी ऑनलाइन जुड़ेंगे। अमर उजाला इस इवेंट में मीडिया पार्टनर है। 16 जून को सभी प्रतियोगिताओं के परिणाम निकलेंगे। यह टेक्फेस्ट टेक्निकल सोसायटी ऑफ मंडी की ओर से आयोजित किया जा रहा है।
22 सालों से चल रहा काम
जेम्स वेब टेलीस्कोप के प्रोजेक्ट का काम 22 सालों से चल रहा है। इसमें अब तक 65 हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। नासा के अनुसार यह शक्तिशाली टेलीस्कोप ब्रह्मांड के कई रहस्यों को सुलझा सकता है। यह उन गैलेक्सी, उल्कापिंड और ग्रहों की भी खोज कर सकता है, जो ब्रह्मांड के शुरुआती काल में बने थे। यह भी कहा जा रहा है कि यह टेलीस्कोप अंतरिक्ष में एलियन की मौजूदगी का भी पता लगा सकता है। नासा के मुताबिक यह टेलीस्कोप इतना संवेदनशील है कि अगर चंद्रमा से कुछ दूरी पर कोई भंवरा भी उड़ रहा है तो उसकी आवाज को रिकॉर्ड कर सकते हैं।
कागज से बनाया जहाज, फिर बताया कैसे उड़ता है
फोल्डेबल फ्लाइट नाम का ऑनलाइन इवेंट एक मजेदार कार्यक्रम रहा। इसमें प्रतिभागियों को कागज का जहाज बनाने को कहा गया। उन्होंने इसे बनाया और उड़ाया। कागज के जहाज के डिजाइन के हिसाब से उड़ने के लिए कितनी गति लगी। वजन और डिजाइन के हिसाब से कि कितनी देरी और ऊंचाई तक उड़ा, इसका आकलन किया गया। इस ब्रेन गेम को विद्यार्थियों ने खूब सराहा।
अर्चगामी में जानी गणितीय सोच
कार्यक्रम में अर्चगामी इवेंट अहम रहा। इसमें प्रतिभागियों की रचनात्मक और गणितीय रूप से सोचने की क्षमता का परीक्षण किया गया। बताया गया कि शिक्षा के क्षेत्र में समस्त विषयों के अध्ययन एवं अध्यापन में जितनी तर्कशक्ति एवं चिंतन करने की आवश्यकता गणित विषय में होती है, उतनी अन्य विषयों में नहीं होती है। भाषा की तरह गणित में भी हम चिंतन का सामना करते हैं। बगैर चिंतन के गणित को हल करना या गणित के क्षेत्र में आगे बढ़ना असंभव है। गणित विषय के प्रभावशाली शिक्षण के लिए उसके उद्देश्यों का ज्ञान अति आवश्यक है।
विस्तार
हिमाचल प्रदेश के आईआईटी मंडी के एक्सपेक्टो 2022 टेकफेस्ट के पहले दिन खेल-खेल में विद्यार्थियों ने विज्ञान की बारीकियों को समझा। गैलेक्टिक आई वर्चुअल प्रतियोगिता में भावी इंजीनियरों ने तारों, गैलेक्सी, ब्लैकहोल को जानने के लिए अब तक की सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप का डिजाइन तैयार किया। यह डिजाइन थ्रीडी रहा। सैकड़ों विद्यार्थियों ने इसे ऑनलाइन जमा करवाया। थीम था कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली स्पेस टेलीस्कोप जेम्स वेब से भी बेहतर डिजाइन बनाना। यदि यह डिजाइन तार्किक रहा तो इस पर आईआईटी मंडी काम करेगा। कंप्यूटर साइंस में डिमनेशिया नाम से आयोजित इवेंट में कोडिंग को हल करने की पहेली दी गई। इसे हल करने के लिए होनहारों ने दिमाग लगाया।
बताया गया कि कोडिंग आधुनिक युग में अहम है। कंप्यूटर का सारा काम इसी के जरिये होता है। कोडिंग के जरिये ही कंप्यूटर को बताया जाता है कि उसे क्या करना है। जिन्हें कोडिंग लैंग्वेज आती है, वे आसानी से वेबसाइट या एप डेवलप कर सकते हैं। बता दें कि आईआईटी मंडी पहली बार इंटर कॉलेज टेकफेस्ट एक्पैक्टो का वर्चुअल आयोजन कर रहा है। इसमें आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी और अन्य शीर्ष कॉलेजों के विद्यार्थी ऑनलाइन जुड़ेंगे। अमर उजाला इस इवेंट में मीडिया पार्टनर है। 16 जून को सभी प्रतियोगिताओं के परिणाम निकलेंगे। यह टेक्फेस्ट टेक्निकल सोसायटी ऑफ मंडी की ओर से आयोजित किया जा रहा है।
22 सालों से चल रहा काम
जेम्स वेब टेलीस्कोप के प्रोजेक्ट का काम 22 सालों से चल रहा है। इसमें अब तक 65 हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। नासा के अनुसार यह शक्तिशाली टेलीस्कोप ब्रह्मांड के कई रहस्यों को सुलझा सकता है। यह उन गैलेक्सी, उल्कापिंड और ग्रहों की भी खोज कर सकता है, जो ब्रह्मांड के शुरुआती काल में बने थे। यह भी कहा जा रहा है कि यह टेलीस्कोप अंतरिक्ष में एलियन की मौजूदगी का भी पता लगा सकता है। नासा के मुताबिक यह टेलीस्कोप इतना संवेदनशील है कि अगर चंद्रमा से कुछ दूरी पर कोई भंवरा भी उड़ रहा है तो उसकी आवाज को रिकॉर्ड कर सकते हैं।
कागज से बनाया जहाज, फिर बताया कैसे उड़ता है
फोल्डेबल फ्लाइट नाम का ऑनलाइन इवेंट एक मजेदार कार्यक्रम रहा। इसमें प्रतिभागियों को कागज का जहाज बनाने को कहा गया। उन्होंने इसे बनाया और उड़ाया। कागज के जहाज के डिजाइन के हिसाब से उड़ने के लिए कितनी गति लगी। वजन और डिजाइन के हिसाब से कि कितनी देरी और ऊंचाई तक उड़ा, इसका आकलन किया गया। इस ब्रेन गेम को विद्यार्थियों ने खूब सराहा।
अर्चगामी में जानी गणितीय सोच
कार्यक्रम में अर्चगामी इवेंट अहम रहा। इसमें प्रतिभागियों की रचनात्मक और गणितीय रूप से सोचने की क्षमता का परीक्षण किया गया। बताया गया कि शिक्षा के क्षेत्र में समस्त विषयों के अध्ययन एवं अध्यापन में जितनी तर्कशक्ति एवं चिंतन करने की आवश्यकता गणित विषय में होती है, उतनी अन्य विषयों में नहीं होती है। भाषा की तरह गणित में भी हम चिंतन का सामना करते हैं। बगैर चिंतन के गणित को हल करना या गणित के क्षेत्र में आगे बढ़ना असंभव है। गणित विषय के प्रभावशाली शिक्षण के लिए उसके उद्देश्यों का ज्ञान अति आवश्यक है।