रॉबर्ट लेवांडोव्स्की को फाइनल में गोल करने में सफलता नहीं मिली, लेकिन पोलैंड के इस अनुभवी फुटबॉल खिलाड़ी का चैंपियंस लीग ट्रॉफी को उठाने का सपना रविवार को पूरा हो गया। यूरोपीय फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में लेवांडोव्स्की की प्रतिनिधित्व वाली टीम बायर्न म्यूनिख ने पेरिस सेंट-जर्मेन को यहां 1-0 हराया। यह पहली बार जब वह इस खिताब को जीतने वाली टीम का हिस्सा हैं।
बायर्न म्यूनिख की टीम छठी बार चैंपियंस लीग की विजेता बनी है। टीम इससे पहले 2013 में चैंपियन बनी थी तब लेवांडोव्स्की उप-विजेता बोरूसिया डोर्टमुंड टीम में थे। इस बार के फाइनल से पहले उनके टीम में रहते हुए बार्यन म्यूनिख ने चार बार सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था। इस 32 साल के खिलाड़ी ने ट्रॉफी और पोलैंड के झंडे के साथ ट्वीट किया, ‘सपने देखना कभी बंद नहीं करें। असफल होने पर कभी हार ना माने। अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करें।’
लीग के 10 मैचों में 15 गोल करने वाले लेवांडोव्स्की फाइनल में गोल करने में असफल रहे, लेकिन किंग्सले कोमैन के 59वें मिनट में किए गए गोल की मदद से बायर्न म्यूनिख चैंपियन बना। लीग के मौजूदा सत्र में यह पहला मौका था जब वह लेवांडोव्स्की गोल करने में असफल रहे और क्रिस्टियानो रोनाल्डो के एक सत्र में 17 गोल के रिकॉर्ड तक नहीं पहुंच सके।
रॉबर्ट लेवांडोव्स्की को फाइनल में गोल करने में सफलता नहीं मिली, लेकिन पोलैंड के इस अनुभवी फुटबॉल खिलाड़ी का चैंपियंस लीग ट्रॉफी को उठाने का सपना रविवार को पूरा हो गया। यूरोपीय फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में लेवांडोव्स्की की प्रतिनिधित्व वाली टीम बायर्न म्यूनिख ने पेरिस सेंट-जर्मेन को यहां 1-0 हराया। यह पहली बार जब वह इस खिताब को जीतने वाली टीम का हिस्सा हैं।
बायर्न म्यूनिख की टीम छठी बार चैंपियंस लीग की विजेता बनी है। टीम इससे पहले 2013 में चैंपियन बनी थी तब लेवांडोव्स्की उप-विजेता बोरूसिया डोर्टमुंड टीम में थे। इस बार के फाइनल से पहले उनके टीम में रहते हुए बार्यन म्यूनिख ने चार बार सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था। इस 32 साल के खिलाड़ी ने ट्रॉफी और पोलैंड के झंडे के साथ ट्वीट किया, ‘सपने देखना कभी बंद नहीं करें। असफल होने पर कभी हार ना माने। अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करें।’
लीग के 10 मैचों में 15 गोल करने वाले लेवांडोव्स्की फाइनल में गोल करने में असफल रहे, लेकिन किंग्सले कोमैन के 59वें मिनट में किए गए गोल की मदद से बायर्न म्यूनिख चैंपियन बना। लीग के मौजूदा सत्र में यह पहला मौका था जब वह लेवांडोव्स्की गोल करने में असफल रहे और क्रिस्टियानो रोनाल्डो के एक सत्र में 17 गोल के रिकॉर्ड तक नहीं पहुंच सके।