लद्दाख में गतिरोध पैदा करने वाला ड्रैगन यानी चीन अब भारत में बड़े पैमाने पर साइबर अटैक की प्लानिंग कर रहा है। चीन ने इसके लिए जो योजना बनाई है, उसका निशाना केवल सुरक्षा बल ही नहीं, बल्कि आम लोग भी हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्रालय, छोटे-बड़े उद्योग धंधे एवं दूसरे हजारों संगठन भी ड्रैगन की चाल में फंस सकते हैं। आपने 'अली बाबा 40 चोर' की कहानी पढ़ी थी, मगर चीन ने अब चोरों की संख्या बढ़ाकर 54 कर दी है।
ड्रैगन 'अली बाबा-54 चोर' की तर्ज पर अपने एप से भारतीय साइबर प्रणाली को निशाना बनाने की तैयारी कर रहा है। केंद्र सरकार ने अपने सभी विभागों और सुरक्षा बलों को चीन व उसकी सहयोगी कंपनियों की तरफ से संचालित 54 एप बाबत सचेत रहने के लिए कहा है। बता दें कि जब से भारत चीन के बीच सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ है, चीन तभी से ही भारतीय संस्थानों में किसी न किसी तरीके से घुसपैठ का प्रयास कर रहा है। चीन की कोशिश है कि वह ज्यादा से ज्यादा कंपनियों, संस्थाओं, सरकारी कार्यालयों और सुरक्षा बलों के आईटी उपकरणों में सेंध लगाकर जानकारी चुरा ले।
यही वजह है कि पिछले कुछ दिनों से साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। केंद्र के अलावा, सुरक्षा एजेंसियां, सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस संगठनों को पत्र जारी कर चीन की इस हरकत से सावधान रहने की हिदायत दी गई है। चीन में मौजूद साइबर अपराधी बड़े स्तर के फिशिंग हमले की योजना बना रहे हैं। गत एक माह के दौरान देशभर में साइबर अटैक के साढ़े छह लाख से अधिक प्रयास हुए हैं। चीनी हैकर अपने विभिन्न मोबाइल एप एवं ईमेल के जरिए लोगों की बैंक अकाउंट डिटेल्स से जुड़ी सूचना हासिल कर रहे हैं। क्रेडिट कार्ड पेमेंट पर नजर रखना और फर्जी ईमेल एड्रेस के जरिए किसी व्यक्ति की अन्य जानकारियां जुटाना, उनके एजेंडे में शुमार है।
सुरक्षा बलों से कहा गया है कि वे इन 54 मोबाइल एप को डिलीट कर दें। इनमें अधिकांश चीन या उसकी सहयोगी कंपनियों ने तैयार की हैं। वह कंपनी भले ही अलग हो, लेकिन उसका नियंत्रण चीन के हाथ में ही रहता है। अज्ञात सोर्स से कोई ईमेल आती है, तो उसे ओपन न करें। एसएमएस या ईमेल में कोई अटैचमेंट है, तो उसे कतई न खोलें। बहुत सी ईमेल ऐसी भी होती हैं, जिनमें केवल एक-दो अक्षर का फर्क होता है। ईमेल को ओपन करने से पहले उसके एड्रेस को ध्यान से देख लें। चाहे फोन कॉल हो या ईमेल, अपनी वित्तीय जानकारी किसी को न दें। यदि ऐसी कोई ईमेल या लिंक आता है, जिसमें कोविड-19 का टेस्ट कराने, लॉटरी निकली है, इनाम कहां पहुंचाना है, कैशबैक ऑफर्स और किसी सेलिब्रेटी से आपकी मुलाकात आदि की जानकारी रहती है, तो उसे पहली अच्छी तरह जांच लें। उसका यूआरएल अवश्य चेक करें। इस तरह की साइबर घुसपैठ से बचाव के लिए अपने मोबाइल और पीसी में मजबूत एंटी वायरस सिस्टम इंस्टॉल कराएं।
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सीआईएसएफ और सीआरपीएफ की तरफ से जारी हिदायतों में साफतौर पर यह बात कही गई है कि फिशिंग ईमेल और चीनी मोबाइल एप पर अधिक ध्यान देना होगा। सीआरपीएफ ने अपने अधिकारियों और जवानों से कहा है कि वे इन 54 एप्स को तुरंत प्रभाव से डिलीट कर दें। यह संभावित है कि इन एप के जरिए निजी जानकारी एवं डेटा चोरी किया जा रहा हो।
कई ऐसी ईमेल मिली हैं, जो लाखों की संख्या में एक साथ भेजी जाती हैं। इनमें न्यूज, कोरोना की जानकारी, दवा और इलाज का बहाना बनाया जाता है। ईमेल पर यह जानकारी मिलती है कि हम आपको यह खबर सबसे पहले देते हैं।
दुनिया में कोरोना वायरस की अगली मार कहां और कैसी होगी, ये एक्सकलूसिव खबर है, आपके शहर में कोरोना का आज जो केस आया है, वैसा कभी नहीं आया, इस तरह के हेंडिंग से खबरें लिखकर लोगों को गुमराह किया जाता है।
हेडिंग को देखकर वे ईमेल खोल लेते हैं और उसके बाद चंद सेकेंड में उनकी जानकारी ईमेल भेजने वाले के पास चली जाती है। कई दिन बाद हो सकता है कि आपके पास इंश्योरेंस और क्रेडिट कार्ड के लिए फोन आ जाए। आपका कार्ड ब्लॉक हो गया है या उसे हैक कर लिया गया है, ये डर दिखाकर आपसे निजी जानकारी ले जाती है। सुरक्षा बलों से कहा गया है कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर खास ध्यान दें।
लद्दाख में गतिरोध पैदा करने वाला ड्रैगन यानी चीन अब भारत में बड़े पैमाने पर साइबर अटैक की प्लानिंग कर रहा है। चीन ने इसके लिए जो योजना बनाई है, उसका निशाना केवल सुरक्षा बल ही नहीं, बल्कि आम लोग भी हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्रालय, छोटे-बड़े उद्योग धंधे एवं दूसरे हजारों संगठन भी ड्रैगन की चाल में फंस सकते हैं। आपने 'अली बाबा 40 चोर' की कहानी पढ़ी थी, मगर चीन ने अब चोरों की संख्या बढ़ाकर 54 कर दी है।