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university administration hide the investigation report of B.Ed fake degree case in Agra
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Agra University: बीएड फर्जीवाड़े की जांच रिपोर्ट दबाई, विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं की कार्रवाई
अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Tue, 06 Dec 2022 07:23 AM IST
सार
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सेवानिवृत्त जज ने बीएड फर्जीवाड़े मामले की जांच की थी। जांच में चार वरिष्ठ प्रोफेसर समेत 18 दोषी पाए गए हैं, लेकिन अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
- फोटो : अमर उजाला
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में बीएड फर्जीवाड़ा की जांच रिपोर्ट दबा दी है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने फर्जीवाड़े के दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। इनकी रिपोर्ट बनाकर राजभवन और शासन को भी नहीं भेजी है।
बीएड 2012-13 के मूल्यांकन में फर्जीवाड़ा कर मनमाने अंक दर्ज कर दिए थे। मूल्यांकन कराने के पैनल और परीक्षकों ने प्राप्तांक से छेड़छाड़ कर डेढ़ से दोगुना तक अंक बढ़ा दिए थे। मामला खुलने पर इसकी जांच सेवानिवृत्त जज से कराई।
18 से अधिक लोग दोषी
हाल ही में जांच रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपी गई है, जिसे बीते सप्ताह कार्य परिषद की बैठक में भी रखा गया था। इसमें 18 से अधिक दोषी मिले हैं। इसमें चार वरिष्ठ प्रोफेसर, परीक्षक, कुलसचिव और कर्मचारियों के नाम शामिल हैं। ये रिपोर्ट आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराया है और नहीं इनकी रिपोर्ट बनाकर शासन और राजभवन को भेजी है।
इससे फर्जीवाड़ा के दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। कुलपति प्रो. आशु रानी ने बताया कि रिपोर्ट में कुछ बिंदू जांच से छूट गए हैं, इसमें जांच करने वाले सेवानिवृत्त जज ने दस्तावेज न मिलने की बात कही थी, इस पर उनको जरूरी दस्तावेज उपलब्ध करा दिए हैं। इन बिंदुओं पर जांच होने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
ये है मामला
बीएड 2012-13 में 18 हजार से अधिक छात्रों ने परीक्षा थी। इसमें मूल्यांकन कराने वाले पैनल में शामिल वरिष्ठ प्रोफेसरों ने अधिकारियों की सांठगांठ कर निजी कॉलेजों के साढ़े छह हजार से अधिक छात्रों को मनमाने अंक दे दिए। इसमें प्राप्तांकों के मुकाबले दोगुना तक अंक दिए। चार्ट और फॉइल भी गायब करा दी। छात्र संगठनों ने भी आंदोलन किया और इसके बाद 2015-16 में सेवानिवृत्त जज से जांच करवाई।
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