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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सब्जी न होने पर खाना न बनाने से आक्रोशित पति की ओर से पत्नी की पिटाई तथा मिट्टी तेल छिड़क कर उसे जलाने लेकिन इलाज के दौरान मौत मामले में आरोपी पति गणेश की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा, मौत घाव में जहरीले इंफेक्शन से हुई है। यह हत्या न होकर मानव वध है। पत्नी ने सब्जी नहीं थी तो दोपहर का खाना नहीं बनाया था।
यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने दिया है। याची की ओर से पहली जमानत अर्जी खारिज होने के बाद दूसरी अर्जी दाखिल की गई थी। मृतका सुनीता के पिता ने हत्या के आरोप में गोरखपुर के झंघा थाने में एफ आई ॅआर दर्ज कराई। कहा, बेटी की शादी गणेश से हुई थी। उसे दहेज भी दिया था लेकिन उसे सताया जाता रहा। दो लाख रुपए की मांग की गई थी। उसे पीटने के बाद मिट्टी का तेल डालकर जला दिया गया।
याची का कहना था वह निर्दोष है। चार अगस्त 2013 यानी तकरीबन साढ़े नौ वर्षों से जेल में बंद हैं। कोर्ट ने कहा, अचानक गुस्से में पीटा और जला दिया। अस्पताल में भर्ती कराया। आठ दिनों बाद इंफैक्शन से मौत हो गई। इस आधार पर याची जमानत पाने का अधिकारी है।