प्रयागराज। संपत्ति के लिए शिवकुटी थाना क्षेत्र के मेंहदौरी गांव में रहने वाले हाजी इरफान और उनकी पत्नी हुस्ना बेगम उर्फ मोइस फातिमा की नृशंस हत्या कर दी गई। दोनों सोमवार से लापता थे। बुधवार की सुबह सूचना मिलने पर पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर खून बिखरा मिला। पुलिस ने इस मामले में हाजी इरफान के दो भतीजों को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने हत्या की बात कबूल कर बताया कि उन्होंने दंपती के शव नए यमुना पुल से नदी में फेंक दिए।
मेंहदौरी गांव के रहने हाजी इरफान (48) और उनकी पत्नी हुस्ना बेगम उर्फ मोइस फातिमा (40) की कोई संतान नहीं थी। हुस्ना बेगम बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थीं। सोमवार की शाम से उनके घर में ताला लगा था। बुधवार की सुबह तक जब कोई खोज खबर नहीं लगी तो पड़ोस में रहने वाले उनके भाई रिजवान ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची। तब तक मोहल्ले के काफी लोग और रिश्तेदार भी पहुंच गए थे। ताला तोड़ा गया। अंदर खून बिखरा पड़ा था। पुलिस अधिकारी समझ गए कि दोनों के साथ कोई अनहोनी हो गई है। फील्ड यूनिट को बुलाया गया। खोजी कुत्ता इरफान के घर से निकल कर सीधे उनके भाई रिजवान के घर में घुस गया।
भतीजे सिराज की टी-शर्ट को सूंघकर वह भौंकने लगा। पुलिस ने उसके बारे में दरियाफ्त की तो पता चला कि वह मंगलवार की रात अपने भाई मिराज के साथ कार लेकर निकला है। पुलिस ने शक के दायरे में आए सिराज और मिराज के मोबाइल नंबरों के लोकेशन के आधार पर कुछ ही देर में खोज निकाला कि दोनों कानपुर में हैं। इस पर कानपुर क्राइम ब्रांच से संपर्क किया गया। एक टीम यहां से भी तुरंत रवाना कर दी गई। मिराज और सिराज को गिरफ्तार कर देर शाम यहां लाया गया। दोनों ने बयान दिया है प्रॉपर्टी के लिए उन्होंने अपने चाचा और चाची को मार कर यमुना में फेंक दिया। पुलिस शवों की तलाश में जुटी थी।
एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया इरफान और उसकी पत्नी की हत्या उनके ही भतीजों ने प्रॉपर्टी के लिए की है। इरफान के कोई औलाद नहीं थी। भतीजों को लगा कि उनके मरने के बाद उनकी पूरी प्रॉपर्टी उन्हें मिल जाएगी।
बताया जा रहा है कि पिछले तीन दिन से उनके घर से कोई बाहर नहीं निकला, इस पर इरफान के भाई रिजवान ने शिवकुटी थाने में भाई इरफान और उनकी पत्नी हुस्ना बेगम के साथ अनहोनकी आशंका जताई और तहरीर दी। फिलहाल पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
प्रयागराज। संपत्ति के लिए शिवकुटी थाना क्षेत्र के मेंहदौरी गांव में रहने वाले हाजी इरफान और उनकी पत्नी हुस्ना बेगम उर्फ मोइस फातिमा की नृशंस हत्या कर दी गई। दोनों सोमवार से लापता थे। बुधवार की सुबह सूचना मिलने पर पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर खून बिखरा मिला। पुलिस ने इस मामले में हाजी इरफान के दो भतीजों को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने हत्या की बात कबूल कर बताया कि उन्होंने दंपती के शव नए यमुना पुल से नदी में फेंक दिए।
मेंहदौरी गांव के रहने हाजी इरफान (48) और उनकी पत्नी हुस्ना बेगम उर्फ मोइस फातिमा (40) की कोई संतान नहीं थी। हुस्ना बेगम बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थीं। सोमवार की शाम से उनके घर में ताला लगा था। बुधवार की सुबह तक जब कोई खोज खबर नहीं लगी तो पड़ोस में रहने वाले उनके भाई रिजवान ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची। तब तक मोहल्ले के काफी लोग और रिश्तेदार भी पहुंच गए थे। ताला तोड़ा गया। अंदर खून बिखरा पड़ा था। पुलिस अधिकारी समझ गए कि दोनों के साथ कोई अनहोनी हो गई है। फील्ड यूनिट को बुलाया गया। खोजी कुत्ता इरफान के घर से निकल कर सीधे उनके भाई रिजवान के घर में घुस गया।
भतीजे सिराज की टी-शर्ट को सूंघकर वह भौंकने लगा। पुलिस ने उसके बारे में दरियाफ्त की तो पता चला कि वह मंगलवार की रात अपने भाई मिराज के साथ कार लेकर निकला है। पुलिस ने शक के दायरे में आए सिराज और मिराज के मोबाइल नंबरों के लोकेशन के आधार पर कुछ ही देर में खोज निकाला कि दोनों कानपुर में हैं। इस पर कानपुर क्राइम ब्रांच से संपर्क किया गया। एक टीम यहां से भी तुरंत रवाना कर दी गई। मिराज और सिराज को गिरफ्तार कर देर शाम यहां लाया गया। दोनों ने बयान दिया है प्रॉपर्टी के लिए उन्होंने अपने चाचा और चाची को मार कर यमुना में फेंक दिया। पुलिस शवों की तलाश में जुटी थी।
एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया इरफान और उसकी पत्नी की हत्या उनके ही भतीजों ने प्रॉपर्टी के लिए की है। इरफान के कोई औलाद नहीं थी। भतीजों को लगा कि उनके मरने के बाद उनकी पूरी प्रॉपर्टी उन्हें मिल जाएगी।