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हाईकोर्ट ने जारी की वीडियो कांफ्रेंसिंग की नई गाइड लाइन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला ब्यूरो, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 14 May 2020 12:40 AM IST
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- फोटो : Pixabay
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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ई फाइलिंग और वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुकदमों की सुनवाई की व्यवस्था को अपडेट करते हुए नई गाइडलाइन जारी की गई है। इसमें यदि कोई अधिवक्ता या पक्षकार किसी याचिका या प्रार्थना पत्र का विरोध करना चाहता है तो उसके लिए भी ई-मेल की सुविधा शुरू की गई है। यदि मुकदमा सिविल है तो vc_allahabad_civil@allahabadhighcourt.in पर और यदि केस क्रिमिनल का है तो vc_allahabad_criminal@allahabadhighcourt.in पर ईमेल भेजकर अपना पक्ष रख सकते हैं ।
हाईकोर्ट के निबंधक कंप्यूटराइजेशन के मुताबिक ईमेल भेजने वाले व्यक्ति को मुकदमे से संबंधित अन्य सभी विवरण भी देने होंगे। इसके बाद हाईकोर्ट से एक वीडियोकांफ्रेंसिंग लिंक भेजा जाएगा जिसके माध्यम से वह अपना पक्ष रख सकेंगे। हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि कोई भी अधिवक्ता्, एजीए या पक्षकार जिसे हाई कोर्ट की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए लिंक भेजा जाएगा, वह उस लिंक को किसी अन्य के साथ शेयर नहीं करेगा। साथ ही मुकदमे के किसी एक पक्ष के लिए दो से अधिक वकीलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग से पक्ष रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ई फाइलिंग और वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुकदमों की सुनवाई की व्यवस्था को अपडेट करते हुए नई गाइडलाइन जारी की गई है। इसमें यदि कोई अधिवक्ता या पक्षकार किसी याचिका या प्रार्थना पत्र का विरोध करना चाहता है तो उसके लिए भी ई-मेल की सुविधा शुरू की गई है। यदि मुकदमा सिविल है तो vc_allahabad_civil@allahabadhighcourt.in पर और यदि केस क्रिमिनल का है तो vc_allahabad_criminal@allahabadhighcourt.in पर ईमेल भेजकर अपना पक्ष रख सकते हैं ।
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हाईकोर्ट के निबंधक कंप्यूटराइजेशन के मुताबिक ईमेल भेजने वाले व्यक्ति को मुकदमे से संबंधित अन्य सभी विवरण भी देने होंगे। इसके बाद हाईकोर्ट से एक वीडियोकांफ्रेंसिंग लिंक भेजा जाएगा जिसके माध्यम से वह अपना पक्ष रख सकेंगे। हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि कोई भी अधिवक्ता्, एजीए या पक्षकार जिसे हाई कोर्ट की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए लिंक भेजा जाएगा, वह उस लिंक को किसी अन्य के साथ शेयर नहीं करेगा। साथ ही मुकदमे के किसी एक पक्ष के लिए दो से अधिक वकीलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग से पक्ष रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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