प्रयागराज। इंसान की फितरत होनी चाहिए दोस्त बनाना और नेक इंसान बनना। लोकतंत्र की मंडी में आज मुसलमान राजनीतिक दलों के लिए बिकाऊ माल बनकर रह गया है। पार्टियां वोट खरीद और बेच रही हैं। अगर, मुस्लिमों ने वोट का सौदा कर लिया तो समझिए उन्होंने अपने जमीर का सौदा कर लिया। आरएसएस का काम इंसानियत का है और इंसानियत से समाज को दंगा मुक्त किया जा सकता है। यह बातें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. इंद्रेश कुमार ने मंगलवार को करैली स्थित महबूबा पैलेस में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से आयोजित इत्तेहादे मिल्लत कांफ्रेस में बतौर मुख्य अतिथि कही।
उन्होंने कहा कि इबादत करने वाले केअंदर इंसानियत होनी चाहिए तभी खुदा इबादत भी कबूल करता है। उन्होंने यह भी कहा कि यहां रहने वाला कोई भी व्यक्ति किसी जाति-धर्म काहो वह हिंदुस्तानी है, था और रहेगा। साथ ही डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा कि खुदा को सबसे ज्यादा नापसंद है तो वह है तलाक । मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक का मुद्दा उठाया तो सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया और सरकार को कानून बनाना पड़ा। इस्लाम में तीन तलाक देना शैतान का काम माना जाता है।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए डॉ. इंद्रेश ने कहा कि किसी की पहचान जाति, धर्म और पार्टी से नहीं होती है। इस दुनिया में उसकी पहचान उसके वतन से होती है। भारत की संस्कृति सभी धर्मों को मानने वाली है। कहा कि किरदार से इंसान की पहचान होती है। रावण का किरदार खराब था तभी उसको राक्षस कहा गया। मुल्क सबसे बड़ा होता है जो सभी को आपस में जोड़कर रखता है।
इस अवसर पर बोलते हुए मुस्तफा ने कहा कि जो शख्स अपने वतन से मोहब्बत नहीं करता, वह सबसे बड़ा गद्दार होता है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से मुस्लिमों को जुड़ना चाहिए । इस दौरान सिराज कुरैशी, अरशद अली खान, दिनेश चंद्र राजपूत और मसूद आलम ने अपने विचार रखे। मंच का संचालन मो. शोएब खान ने कि या । कांफ्रेंस में डॉ. शहला खान, लीलावती सिराज, रजा रिजवी, राजीव श्रीवास्तव, नुरुल हसन, हुस्ना आरा, रेनू पांडेय , फरीद साबरी, ताहिर, इशरत साहब, दानिश अहमद आदि उपस्थित रहे।