सोरांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या के मामले में भले ही नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है, लेकिन पुलिस की नजर कई अन्य बिंदुओं पर भी टिकी है। पूर्व में हुई घटनाओं को देखते हुए इस वारदात मेें घुमंतू गिरोह का भी हाथ होने का शक जताया जा रहा है। चकमार्ग से सटी जमीन का भी विवाद जांच पड़ताल में सामने आया है। अफसरों का कहना है कि कई पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
मृतक सोमदत्त के साले की तहरीर पर पुलिस ने उसके चाचा व ग्राम प्रधान समेत कुल सात लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि फौरी तौर पर तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। साथ ही अन्य नामजद आरोपियों की तलाश की जा रही है लेकिन, वारदात जिस तरह से अंजाम दी गई, उसे देखते हुए कई अन्य आशंकाआें को भी बल मिल रहा है।
एक आशंका यह है कि वारदात को घुमंतू जैसे बावरिया या ऐसे ही किसी अन्य गिरोह ने अंजाम दिया हो। दरअसल, पूर्व में गंगापार क्षेत्र में दोहरे व तिहरे हत्याकांड की वारदातें हो चुकी हैं और उनमें इसी तरह के घुमंतू गिरोह का हाथ होने की बात सामने आ चुकी है। फिर घर में रखे बक्सों का खुला मिलना और उनमें रखे सामान अस्त-व्यस्त मिलना भी इस आशंका को बल देते हैं। क्योंकि घुमंतू गिरोह लूट के लिए अक्सर इस तरह की वारदातों को अंजाम देते हैं। इन वजहों से पुलिस इस बिंदु को भी पुलिस जांच पड़ताल कर रही है।
लूट का रूप देने की कोशिश तो नहीं
उधर एक आशंका यह भी जताई जा रही है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि हत्यारों ने घटना को लूट के लिए हत्या का रूप देने की कोशिश की हो। दरअसल पूर्व में कई ऐसी वारदातें हुई हैं, जिनमें बदमाशों का मकसद सिर्फ हत्या करना था। लेकिन पुलिस को गुमराह करने के लिए उन्होंने वारदात के बाद घर में रखा सामान अस्त-व्यस्त कर इसे लूट का रूप देने की कोशिश की हो। दरअसल घर की हालत देखकर मृतक परिवार बहुत संपन्न नहीं माना जा रहा है। सोनू भी टेंपो चलाता था जिससे परिवार का खर्च चलाने के साथ ही वह किश्त भी भरता था। ऐसे में लूट के लिए घर में धावा बोलने की बात गले से नहीं उतरती।
नशेड़ियों का काम तो नहीं
जांच में जुटे पुलिस अफसरों की ओर से एक आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि वारदात में कहीं स्थानीय नशेड़ी न शामिल हों। सोरांव व आसपास के थाना क्षेत्रों में पहले इस तरह की वारदातें हो चुकी हैं जिनमेें महज नशे की लत पूरी करने के लिए स्थानीय युवकों ने लूट के लिए किसी घर में धावा बोलने और परिवार पर हमला किया हो। उधर ग्रामीणों ने भी गांव पहुंचे जनप्रतिनिधियों से शिकायत की कि क्षेत्र में नशीले पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से चल रही है। ऐसे में यह भी हो सकता है कि नशे की लत पूरी करने के लिए रुपयों की जरूरत हो और नशेड़ियों ने किनारे पर स्थित होने के कारण सोनू के घर को निशाना बना लिया हो।
चकमार्ग से सटी जमीन को लेकर हुआ था विवाद
उधर इस बात की भी चर्चा रही कि मृतक सोनू के घर के पीछे स्थित चकमार्ग से सटी जमीन को लेकर भी उसका कुछ लोगों से विवाद चल रहा था। कुछ दिनों पहले इसे लेकर नोकझोंक भी हुई थी। दरअसल घर के ठीक पीछे स्थित जमीन से होकर ही चकमार्ग बना है। चर्चा है कि सोनू इसके खिलाफ था, क्योंकि उसका कहना था कि यह चकमार्ग उसकी जमीन से होकर निकाला जा रहा है। हालांकि दूसरे पक्ष ने उसकी बात नहीं मानी और करीब 15 दिन पहले उसी जमीन से चकमार्ग बनवा दिया। ऐसे मे पुलिस इसकी भी जांच में जुटी है कि कहीं इस वारदात के तार इस विवाद से तो नहीं जुड़े।
सोरांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या के मामले में भले ही नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है, लेकिन पुलिस की नजर कई अन्य बिंदुओं पर भी टिकी है। पूर्व में हुई घटनाओं को देखते हुए इस वारदात मेें घुमंतू गिरोह का भी हाथ होने का शक जताया जा रहा है। चकमार्ग से सटी जमीन का भी विवाद जांच पड़ताल में सामने आया है। अफसरों का कहना है कि कई पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
मृतक सोमदत्त के साले की तहरीर पर पुलिस ने उसके चाचा व ग्राम प्रधान समेत कुल सात लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि फौरी तौर पर तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। साथ ही अन्य नामजद आरोपियों की तलाश की जा रही है लेकिन, वारदात जिस तरह से अंजाम दी गई, उसे देखते हुए कई अन्य आशंकाआें को भी बल मिल रहा है।
एक आशंका यह है कि वारदात को घुमंतू जैसे बावरिया या ऐसे ही किसी अन्य गिरोह ने अंजाम दिया हो। दरअसल, पूर्व में गंगापार क्षेत्र में दोहरे व तिहरे हत्याकांड की वारदातें हो चुकी हैं और उनमें इसी तरह के घुमंतू गिरोह का हाथ होने की बात सामने आ चुकी है। फिर घर में रखे बक्सों का खुला मिलना और उनमें रखे सामान अस्त-व्यस्त मिलना भी इस आशंका को बल देते हैं। क्योंकि घुमंतू गिरोह लूट के लिए अक्सर इस तरह की वारदातों को अंजाम देते हैं। इन वजहों से पुलिस इस बिंदु को भी पुलिस जांच पड़ताल कर रही है।
लूट का रूप देने की कोशिश तो नहीं
उधर एक आशंका यह भी जताई जा रही है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि हत्यारों ने घटना को लूट के लिए हत्या का रूप देने की कोशिश की हो। दरअसल पूर्व में कई ऐसी वारदातें हुई हैं, जिनमें बदमाशों का मकसद सिर्फ हत्या करना था। लेकिन पुलिस को गुमराह करने के लिए उन्होंने वारदात के बाद घर में रखा सामान अस्त-व्यस्त कर इसे लूट का रूप देने की कोशिश की हो। दरअसल घर की हालत देखकर मृतक परिवार बहुत संपन्न नहीं माना जा रहा है। सोनू भी टेंपो चलाता था जिससे परिवार का खर्च चलाने के साथ ही वह किश्त भी भरता था। ऐसे में लूट के लिए घर में धावा बोलने की बात गले से नहीं उतरती।
नशेड़ियों का काम तो नहीं
जांच में जुटे पुलिस अफसरों की ओर से एक आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि वारदात में कहीं स्थानीय नशेड़ी न शामिल हों। सोरांव व आसपास के थाना क्षेत्रों में पहले इस तरह की वारदातें हो चुकी हैं जिनमेें महज नशे की लत पूरी करने के लिए स्थानीय युवकों ने लूट के लिए किसी घर में धावा बोलने और परिवार पर हमला किया हो। उधर ग्रामीणों ने भी गांव पहुंचे जनप्रतिनिधियों से शिकायत की कि क्षेत्र में नशीले पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से चल रही है। ऐसे में यह भी हो सकता है कि नशे की लत पूरी करने के लिए रुपयों की जरूरत हो और नशेड़ियों ने किनारे पर स्थित होने के कारण सोनू के घर को निशाना बना लिया हो।
चकमार्ग से सटी जमीन को लेकर हुआ था विवाद
उधर इस बात की भी चर्चा रही कि मृतक सोनू के घर के पीछे स्थित चकमार्ग से सटी जमीन को लेकर भी उसका कुछ लोगों से विवाद चल रहा था। कुछ दिनों पहले इसे लेकर नोकझोंक भी हुई थी। दरअसल घर के ठीक पीछे स्थित जमीन से होकर ही चकमार्ग बना है। चर्चा है कि सोनू इसके खिलाफ था, क्योंकि उसका कहना था कि यह चकमार्ग उसकी जमीन से होकर निकाला जा रहा है। हालांकि दूसरे पक्ष ने उसकी बात नहीं मानी और करीब 15 दिन पहले उसी जमीन से चकमार्ग बनवा दिया। ऐसे मे पुलिस इसकी भी जांच में जुटी है कि कहीं इस वारदात के तार इस विवाद से तो नहीं जुड़े।