प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट से प्रयागराज के वार्ड नंबर-96 के परिसीमन प्रकरण में दाखिल याचिका पर पार्षद को राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने याचिका में योग्यता की कमी मिलने पर खारिज कर दिया। याचिका के तहत अर्जी देकर वोटर लिस्ट में पुनरीक्षण की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा, याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।
इसके लिए याची को निर्धारित प्रारूप में समयावधि में वोटर लिस्ट संशोधन अर्जी देनी थी। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने पार्षद फजल खान की याचिका को खारिज करते हुए दिया। याची की ओर से तर्क दिया गया कि वार्ड नंबर 96 के परिसीमन के तहत उन्होंने कई नामों को जोड़ने और हटाने के लिए नगर आयुक्त और जिला मजिस्ट्रेट को प्रत्यावेदन दिया था। लेकिन, उनके प्रत्यावेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जवाब में नगर निगम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और उनके सहयोगी अधिवक्ता विभु राय ने कहा, वार्ड परिसीमन का कार्य यूपी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट-1959 के अंतर्गत जारी हुई अधिसूचना के तहत शुरू हुआ था। इसके लिए एक से सात नवंबर तक आपत्तियां मांगी गईं थीं लेकिन, पार्षद ने उसके बाद 15 और 21 नवंबर को प्रत्यावेदन के जरिये अपनी आपत्तियां प्रस्तुत कीं।
समय सीमा समाप्त होने के कारण बाद में आपत्ति आने की वजह से उनका प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया गया। अगर प्रत्यावेदन अधिसूचना के तहत निर्धारित समयसीमा के अंतर्गत निर्धारित फॉर्मेट में दिया गया होता तो उसका निस्तारण किया जाता। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को सुनवाई के योग्य न पाते हुए खारिज कर दिया।