प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों में विद्युत आपूर्ति बाधित कर हड़ताल पर जाने वाली विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति को सचिव के जरिये नोटिस जारी किया है। अगली तारीख पर उन्हें अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जाय। बाधित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाय। याचिका की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता आरके साही, आरपीएस चौहान, त्रिपुरारी पाल ने पक्ष रखा। प्रयागराज के कई क्षेत्रों में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से तीन दिनों से विद्युत आपूर्ति ठप होने तथा पेयजल की आपूर्ति बाधित होने की वकीलों ने शिकायत की थी।
इस पर मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने जनहित याचिका कायम कर अधिकारियों को बिजली आपूर्ति बहाल करने का निर्देश दिया। साथ ही हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा कानून के तहत कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव विद्युत ने कोर्ट को बिजली आपूर्ति बहाली की जानकारी दी। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि बिजली कर्मचारियों के संगठन तथा सरकार के बीच वार्ता हुई है। हड़ताल 15 दिनों के लिए स्थगित कर दी गई है। कर्मचारी संगठन के अनुरोध पर अनुशासनात्मक कार्रवाई वापस ले ली गई है।
कोर्ट ने कहा, आभास हो रहा है कि पॉवर कॉर्पोरेशन के कर्मचारियों का रवैया मनमाने तरीके से काम करने वाला है। निर्बाध विद्युत सेवा जारी न रखना गंभीर मसला है। इससे कड़ाई से निपटने की जरूरत है। कर्मचारी संगठन को भी अपनी बात रखने का मौका देने के लिए नोटिस जारी किया गया है। सीजेएम लखनऊ के माध्यम से कर्मचारी संगठन के महासचिव को नोटिस दिया जाए।