बलिया। जिले में 50 लाख से अधिक लागत की कुल 145 परियोजनाएं स्वीकृत हैं, लेकिन 10 बड़ी परियोजनाएं अभी तक शुरू भी नहीं हो सकी हैं। इसे लेकर मंगलवार को मंडलायुक्त ने अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि संबंधित कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाए। वह आजमगढ़ में 50 लाख से अधिक के विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
जिले में 50 लाख से अधिक लागत की अलग-अलग विभागों के कुल 145 परियोजनाएं स्वीकृत हैं। कई परियोजनाएं तो तीन से चार वर्ष पहले तक की हैं जो अब भी अधूरी है। इन कार्यों की जिम्मेदारी 15 कार्यदायी संस्थाओं को दी गई हैं। इसके सापेक्ष 726.0225 करोड़ की धनराशि भी अवमुक्त है लेकिन 70 फीसदी धनराशि ही खर्च किए गए हैं। कार्यदायी संस्थाएं परियोजनाओं को पूरा करने को लेकर उदासीनता बरतती हैं, जिसके चलते बाद में इन परियोजनाओं की पुनरीक्षित प्राक्कलन होता है। इसके चलते लागत भी बढ़ जाती है। मंगलवार को मंडलायुक्त ने 50 लाख से अधिक लागत वाली परियोजनाओं की समीक्षा की।
जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में कराए जा रहे कार्य, मार्ग चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण कार्य जो वर्ष 2020 की स्वीकृत है लेकिन प्रगति ठीक नहीं मिलने पर मंडलायुक्त ने लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। मंडलायुक्त ने समीक्षा में पाया कि सीएंडडीएस द्वारा मुख्यमंत्री घोषणा से संबंधित दो कार्यों की प्रगति खराब है। परियोजना प्रबंधक की ओर से ठेकेदार को दो नोटिस दिया गया है। मंडलायुक्त ने इसे अपर्याप्त बताते हुए कहा कि दोनों कार्यों में अपेक्षित प्रगति नहीं मिली तो कार्यदायी संस्था के परियोजना प्रबंधक के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति भेज दी जाएगी। उधर, मंडलीय समीक्षा बैठक में अनुपस्थित रहने पर लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता के एक दिन का वेतन बाधित करने के साथ ही स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
50 लाख से अधिक लागत वाली परियोजनाओं की समीक्षा की गई। बलिया में 10 परियोजनाओं को शुरू नहीं किया गया है। अधिकारियों को चेतावनी दी गई है। कार्यों में प्रगति नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी। - मनीष चौहान, मंडलायुक्त, आजमगढ़