बलिया। विधानसभा चुनाव में मत प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जिला प्रशासन कवायद में जुटा है। बीते लोकसभा चुनाव के दौरान प्रत्येक विधान के 50 ऐसे बूथों को चिह्नित किया गया है जहां मतदान प्रतिशत कम रहा। इन बूथों पर मतदान कम होने को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है।
करीब तीन वर्ष पहले जब 2019 में लोकसभा चुनाव हुए थे तो जिले के कई बूथ ऐसे थे, जहां सबसे कम वोटिंग हुई थी। अब विधानसभा चुनाव होने जा रहे है तो इन बूथों में वोट प्रतिशत बढ़ाने की रणनीति तय की गई है। इन बूथों के मतदाता वोट का महत्व समझें और मताधिकार का प्रयोग करें, इसके लिए इन्हें जागरूक किया जाएगा। इन बूथों में बैठक, गोष्ठी, प्रतियोगिता आदि शुरू कराई गई हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है। इसमें हर मतदाता को वोट रूपी आहुति देनी चाहिए। मजबूत लोकतंत्र विकास व सुशासन का मुख्य रास्ता है। उन्होंने बताया कि जिले की सात विधान सभाओं में 50-50 बूथ ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जिनमें पिछले लोकसभा चुनाव में बेहद कम वोटिग हुई थी। अब इन बूथों में मतदाताओं को जागरूक कर सर्वाधिक वोटिंग कराने का लक्ष्य रखा गया है। टीमें यहां के मतदाताओं को वोट के प्रति जागरूक करने को लगाई गई हैं। टीम कम मतदान के कारणों की भी पड़ताल कर रही है। हालांकि अधिकारियों का मानना है कि जिले में छठवें चरण में चुनाव है और मतदान तीन मार्च को होने हैं। उस समय ठंड का असर भी कम रहेगा ऐसे में उम्मीद है अधिक से अधिक मतदाता मतदान करेंगे।
बलिया। विधानसभा चुनाव में मत प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जिला प्रशासन कवायद में जुटा है। बीते लोकसभा चुनाव के दौरान प्रत्येक विधान के 50 ऐसे बूथों को चिह्नित किया गया है जहां मतदान प्रतिशत कम रहा। इन बूथों पर मतदान कम होने को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है।
करीब तीन वर्ष पहले जब 2019 में लोकसभा चुनाव हुए थे तो जिले के कई बूथ ऐसे थे, जहां सबसे कम वोटिंग हुई थी। अब विधानसभा चुनाव होने जा रहे है तो इन बूथों में वोट प्रतिशत बढ़ाने की रणनीति तय की गई है। इन बूथों के मतदाता वोट का महत्व समझें और मताधिकार का प्रयोग करें, इसके लिए इन्हें जागरूक किया जाएगा। इन बूथों में बैठक, गोष्ठी, प्रतियोगिता आदि शुरू कराई गई हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है। इसमें हर मतदाता को वोट रूपी आहुति देनी चाहिए। मजबूत लोकतंत्र विकास व सुशासन का मुख्य रास्ता है। उन्होंने बताया कि जिले की सात विधान सभाओं में 50-50 बूथ ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जिनमें पिछले लोकसभा चुनाव में बेहद कम वोटिग हुई थी। अब इन बूथों में मतदाताओं को जागरूक कर सर्वाधिक वोटिंग कराने का लक्ष्य रखा गया है। टीमें यहां के मतदाताओं को वोट के प्रति जागरूक करने को लगाई गई हैं। टीम कम मतदान के कारणों की भी पड़ताल कर रही है। हालांकि अधिकारियों का मानना है कि जिले में छठवें चरण में चुनाव है और मतदान तीन मार्च को होने हैं। उस समय ठंड का असर भी कम रहेगा ऐसे में उम्मीद है अधिक से अधिक मतदाता मतदान करेंगे।