बैरिया। धर्मध्वज फहरा कर संत शिरोमणि सुदिष्ट बाबा के धनुष यज्ञ मेले का शुभारंभ संत स्व. रामबालक बाबा के शिष्य मौनी बाबा ने अगहन सुदी पंचमी (सोमवार) को किया। ग्राम प्रधान वंदना गुप्त और प्रधान प्रतिनिधि रोशन गुप्त ने विद्वान पंडितों के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच धर्मध्वज का पूजन किया।
संतों के साथ सुदिष्ट बाबा की समाधि पर पूजा की। बगल में स्थापित संतनगर का उद्घाटन हुआ। 200 वर्ष पूर्व संत सुदिष्ट बाबा की ओर से आयोजित यह मेला दिनोंदिन अपना स्वरूप बदलता जा रहा है। बावजूद इसके, रविवार शाम को ही कम से कम 30 हजार श्रद्धालुओं ने सुदिष्ट बाबा की समाधि पर पहुंचकर कल्पवास किया।
सोमवार को एक लाख से अधिक लोगों ने बाबा की समाधि पर आस्था के फूल चढ़ाए। पूरा मेला परिसर सुदिष्ट बाबा के जयकारे से गुंजायमान रहा। दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं में जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी सामाजिक कार्यकर्ता और आमजन शामिल थे। संत स्व. रामबालक बाबा के शिष्य ने इशारों में कहा कि वह 25 वर्षों से मौन व्रत पर हैं। इस मेले का उद्देश्य सनातन धर्म का प्रचार प्रसार है। मेले में छात्रनेताओं की ओर से निशुल्क पेयजल और चाय दर्शनार्थियों के लिए कैंप लगाकर मुहैया कराई जा रही थी। निशुल्क चिकित्सा शिविर, ग्राम प्रधान के कार्यालय में खोया-पाया सेंटर स्थापित किया गया है। 20 दिसंबर तक चलने वाले इस मेले में दुकानें सजी हैं। मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू, जगनारायण यादव, बच्चालाल गुप्त, मनोज गुप्त आदि मौजूद रहे।
जलेबी संग सब्जी है धनुष यज्ञ मेले की खूबसूरती
बैरिया। सुदिष्ट बाबा के धनुष यज्ञ मेला घूमने आए लोग यहां की प्रसिद्ध कुरकुरे जलेबी के साथ सब्जी के दीवाने हैं। जलेबी के संग सब्जी का ख्याल आते ही लोगों मन में धनुष यज्ञ मेला की खूबसूरती सामने आ जाती है। धनुष यज्ञ मेला का यह जायका ऐसा हैं जो आपको धनुष मेला के अलावा कहीं और नहीं मिलेगा। मेले पहुंचते ही जलेबी के साथ सब्जी की खुशबू अनायास ही अपनी ओर खींचने लगती है। एक अनुमान के तहत पंचमी के दिन 150 कुंतल जलेबी की बिक्री हुई। पिछले साल पंचमी के दिन 100 कुंतल जलेबी की खपत हुई थी। दुकानदार शुभम गुप्ता, बच्चालाल गुप्ता बताते हैं कि इस मेले की पहचान ही जलेबी के साथ सब्जी है। लोगों को मीठे के साथ तीखे का कॉम्बिनेशन खूब भाता है।