बलिया। जनपद के नगरीय क्षेत्रों की अधिसंख्य जनसंख्या अभी शुद्ध पेयजल से कोसों दूर है। नगरीय क्षेत्रों में 60695 एमएलडी पेयजल प्रतिदिन के हिसाब से आवश्यकता है। वहीं, उपलब्ध संसाधनों से 3060 एमएलडी प्रदिन के हिसाब से पेयजल सप्लाई हो रही है। 58299 घरों में अभी पेयजल कनेक्शन नहीं पहुंच सका है। शासन की ओर से हाल ही में जारी की गई अमृत-2 की गाइड लाइन के अनुसार पेयजल कनेक्शन से वंचित लोगों का सर्वे जल निगम शहरी की ओर से किया गया है। अब इसके आधार पर पेयजल सप्लाई प्लान बनाया जाएगा और इसकी डीपीआर तैयारी की जाएगी। स्वीकृति के बाद इस पर कार्य शुरू कराया जाएगा।
शासन की ओर से जल निगम को दो भागों में बांटने के बाद कार्यों का भी बंटवारा कर दिया गया है। अमृत-2 योजना के तहत पेयजल एवं जलोत्सारण के कार्यों के लिए जल निगम नगरीय को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। कार्यदायी संस्था बनने के बाद जल निगम की ओर से जनपद के कुल 12 निकायों में वाटर सप्लाई और सीवरेज व्यवस्था के लिए सर्वे कराया गया है। सर्वे के अनुसार वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उक्त निकायों में जनसंख्या 359677 थी जो वर्तमान में 449596 हो चुकी है। उक्त निकायों में पेयजल आपूर्ति के लिए अभी तक 15745 घरों में कनेक्शन दिए गए हैं, जबकि जनसंख्या के अनुसार वर्तमान में 58299 घरों में पेयजल कनेक्शन की आवश्यकता है। अभी तक 3060 एमएलडी प्रतिदिन के हिसाब से पेयजल आपूर्ति हो रही है, जबकि 60695 एमएलडी प्रतिदिन आवश्यकता है। पेयजल तो लोगों को पूरा नहीं मिल रहा है, लेकिन टैक्स सभी पर लगाया जा रहा है। इसी के हिसाब से स्टोरेज की व्यवस्था भी करनी होगी। 245 किमी की पाइपलाइन भी बिछाने की आवश्यकता जताई गई है।
कैसे होगी आपूर्ति, निर्णय शेष
बलिया। जनपद में जल निगम को दो भागों में बांट दिया गया है। नगरीय क्षेत्र के लिए अलग और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग विंग हो गई है। जनपद में आर्सेनिक आदि के प्रभाव को देखते हुए इस बंटवारे से पहले जनपद में ट्यूबवेल आधारित पेयजल परियोजना पर रोक लगाई जा चुकी है। सतही जल आधारित पेयजल परियोजना को स्वीकृति दी गई है। इसके तहत जनपद में चार हजार करोड़ की परियोजना को स्वीकृति दी गई है। इसमें गंगा और सरयू नदी से जल उठाने के लिए तीन स्थानों पर डब्ल्यूटीपी बनेगी। साथ ही पेयजल टंकियों, राइजिंग मेन और सप्लाई लाइन आदि का कार्य कराया जाएगा। ये कार्य विभागों के बंटवारे के बाद ग्रामीण क्षेत्र में चला गया है। अब नगरीय क्षेत्र में 60695 एनएलडी की आपूर्ति के लिए क्या व्यवस्था की जाएगी अभी इस पर निर्णय होना शेष हैं। क्या ये पेयजल ग्रामीण की डब्ल्यूटीपी से लिया जाएगा या शहरी क्षेत्र के लिए ट्यूबवेल आधारित परियोजना होगी या यहां भी डब्ल्यूटीपी को स्वीकृति मिलेगी अभी इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता है।
जलनिगम का दावा, जल्द शुरू होगा कार्य
बलिया। जलनिगम शहरी के एक्सईएन अंकुर श्रीवास्तव ने बताया कि शासन से रिपोर्ट मांगी गई थी। इसे भेज दिया गया है। अब वाटर सप्लाई प्लान तैयार किया जा रहा है। इसकी डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलने पर कार्य कराया जाएगा। बलिया के अलावा अभी अन्य निकायों में सीवरेज सिस्टम के लिए समय लगेगा। सभी निकायों के लिए 931 किमी सीवर लाइन की आवश्यकता होगा। बलिया के छोड़ अभी अन्य निकायों में 135 एलपीडी का डिस्चार्ज नहीं हैष ये पूरा होने पर सभी निकायों में एसटीपी के लिए भी प्लान बनाया जाएगा। बलिया में एसटीपी का निर्माण नमामि गंगे के तहत पूरा होना है। इसका कार्य गंगा प्रदूषण खंड की ओर से कराया जाएगा।
बलिया। जनपद के नगरीय क्षेत्रों की अधिसंख्य जनसंख्या अभी शुद्ध पेयजल से कोसों दूर है। नगरीय क्षेत्रों में 60695 एमएलडी पेयजल प्रतिदिन के हिसाब से आवश्यकता है। वहीं, उपलब्ध संसाधनों से 3060 एमएलडी प्रदिन के हिसाब से पेयजल सप्लाई हो रही है। 58299 घरों में अभी पेयजल कनेक्शन नहीं पहुंच सका है। शासन की ओर से हाल ही में जारी की गई अमृत-2 की गाइड लाइन के अनुसार पेयजल कनेक्शन से वंचित लोगों का सर्वे जल निगम शहरी की ओर से किया गया है। अब इसके आधार पर पेयजल सप्लाई प्लान बनाया जाएगा और इसकी डीपीआर तैयारी की जाएगी। स्वीकृति के बाद इस पर कार्य शुरू कराया जाएगा।
शासन की ओर से जल निगम को दो भागों में बांटने के बाद कार्यों का भी बंटवारा कर दिया गया है। अमृत-2 योजना के तहत पेयजल एवं जलोत्सारण के कार्यों के लिए जल निगम नगरीय को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। कार्यदायी संस्था बनने के बाद जल निगम की ओर से जनपद के कुल 12 निकायों में वाटर सप्लाई और सीवरेज व्यवस्था के लिए सर्वे कराया गया है। सर्वे के अनुसार वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उक्त निकायों में जनसंख्या 359677 थी जो वर्तमान में 449596 हो चुकी है। उक्त निकायों में पेयजल आपूर्ति के लिए अभी तक 15745 घरों में कनेक्शन दिए गए हैं, जबकि जनसंख्या के अनुसार वर्तमान में 58299 घरों में पेयजल कनेक्शन की आवश्यकता है। अभी तक 3060 एमएलडी प्रतिदिन के हिसाब से पेयजल आपूर्ति हो रही है, जबकि 60695 एमएलडी प्रतिदिन आवश्यकता है। पेयजल तो लोगों को पूरा नहीं मिल रहा है, लेकिन टैक्स सभी पर लगाया जा रहा है। इसी के हिसाब से स्टोरेज की व्यवस्था भी करनी होगी। 245 किमी की पाइपलाइन भी बिछाने की आवश्यकता जताई गई है।
कैसे होगी आपूर्ति, निर्णय शेष
बलिया। जनपद में जल निगम को दो भागों में बांट दिया गया है। नगरीय क्षेत्र के लिए अलग और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग विंग हो गई है। जनपद में आर्सेनिक आदि के प्रभाव को देखते हुए इस बंटवारे से पहले जनपद में ट्यूबवेल आधारित पेयजल परियोजना पर रोक लगाई जा चुकी है। सतही जल आधारित पेयजल परियोजना को स्वीकृति दी गई है। इसके तहत जनपद में चार हजार करोड़ की परियोजना को स्वीकृति दी गई है। इसमें गंगा और सरयू नदी से जल उठाने के लिए तीन स्थानों पर डब्ल्यूटीपी बनेगी। साथ ही पेयजल टंकियों, राइजिंग मेन और सप्लाई लाइन आदि का कार्य कराया जाएगा। ये कार्य विभागों के बंटवारे के बाद ग्रामीण क्षेत्र में चला गया है। अब नगरीय क्षेत्र में 60695 एनएलडी की आपूर्ति के लिए क्या व्यवस्था की जाएगी अभी इस पर निर्णय होना शेष हैं। क्या ये पेयजल ग्रामीण की डब्ल्यूटीपी से लिया जाएगा या शहरी क्षेत्र के लिए ट्यूबवेल आधारित परियोजना होगी या यहां भी डब्ल्यूटीपी को स्वीकृति मिलेगी अभी इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता है।
जलनिगम का दावा, जल्द शुरू होगा कार्य
बलिया। जलनिगम शहरी के एक्सईएन अंकुर श्रीवास्तव ने बताया कि शासन से रिपोर्ट मांगी गई थी। इसे भेज दिया गया है। अब वाटर सप्लाई प्लान तैयार किया जा रहा है। इसकी डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलने पर कार्य कराया जाएगा। बलिया के अलावा अभी अन्य निकायों में सीवरेज सिस्टम के लिए समय लगेगा। सभी निकायों के लिए 931 किमी सीवर लाइन की आवश्यकता होगा। बलिया के छोड़ अभी अन्य निकायों में 135 एलपीडी का डिस्चार्ज नहीं हैष ये पूरा होने पर सभी निकायों में एसटीपी के लिए भी प्लान बनाया जाएगा। बलिया में एसटीपी का निर्माण नमामि गंगे के तहत पूरा होना है। इसका कार्य गंगा प्रदूषण खंड की ओर से कराया जाएगा।