लाइसेंसी पिस्टल को कनपटी से सटाकर टिकटॉक वीडियो बनाना एक सैन्यकर्मी के इंटरमीडिएट में पढ़ने वाले बेटे की जिंदगी पर भारी पड़ गया। मां के मुताबिक, बेटे ने वीडियो बनाने की बात कहकर उनसे उनकी लाइसेंसी पिस्टल अलमारी से निकलवाई थी। कमरे से गोली चलने की आवाज आने पर मां दौड़कर पहुंची तो अंदर बेटे का शव पड़ा मिला। बाद में परिवार ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। पुलिस को शव भी नहीं ले जाने दिया। देर शाम पिता के ड्यूटी से लौटने पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। गांव में चर्चा थी कि छात्र को अपनी फेसबुक और व्हाट्सएप अकाउंट पर प्रोफाइल पिक्चर बदलने और वीडियो बनाने का शौक था।
गांव मुड़िया भीकमपुर निवासी सैन्यकर्मी वीरेंद्र कुमार इन दिनों रुड़की में तैनात हैं। गांव में पत्नी गायत्री देवी और दो बच्चे केशव और प्रियांशी रहते हैं। 18 वर्षीय बेटा केशव इंटरमीडिएट का छात्र था। बताते हैं कि सोमवार सुबह पांच बजे उसने मां से वीडियो बनाने की बात कहकर उनकी लाइसेंसी पिस्टल मांगी। गायत्री देवी ने उसे अलमारी से पिस्टल निकालकर दे दी। केशव पिस्टल लेकर अपने रूम में चला गया। कुछ देर बाद ही कमरे से गोली चलने की आवाज आई तो मां दौड़कर पहुंची। उस वक्त केशव घायल हालत में पड़ा तड़प रहा था। गोली उसकी कनपटी पर लगी थी।
आनन-फानन में केशव को बरेली के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन शव लेकर गांव पहुंचे तो घर पर गांव वालों की भीड़ लग गई। केशव के पिता को सूचना दी गई। जानकारी मिलने पर प्रभारी निरीक्षक एसपी सिंह भी पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए और मामले की जांच की। हालांकि वह पिस्टल को सीलकर कब्जे में लिए बगैर ही लौट आए। उनका कहना है कि परिवार किसी कार्रवाई को तैयार नहीं है। छात्र के पिता रुड़की से लौट रहे हैं। उनके आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस टिकटॉक पर लाइव वीडियो बनाने के चक्कर में गोली चलने से छात्र की मौत होने का मामला ही मान रही है। देर शाम परिवार ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
लाइसेंसी पिस्टल को कनपटी से सटाकर टिकटॉक वीडियो बनाना एक सैन्यकर्मी के इंटरमीडिएट में पढ़ने वाले बेटे की जिंदगी पर भारी पड़ गया। मां के मुताबिक, बेटे ने वीडियो बनाने की बात कहकर उनसे उनकी लाइसेंसी पिस्टल अलमारी से निकलवाई थी। कमरे से गोली चलने की आवाज आने पर मां दौड़कर पहुंची तो अंदर बेटे का शव पड़ा मिला। बाद में परिवार ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। पुलिस को शव भी नहीं ले जाने दिया। देर शाम पिता के ड्यूटी से लौटने पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। गांव में चर्चा थी कि छात्र को अपनी फेसबुक और व्हाट्सएप अकाउंट पर प्रोफाइल पिक्चर बदलने और वीडियो बनाने का शौक था।
गांव मुड़िया भीकमपुर निवासी सैन्यकर्मी वीरेंद्र कुमार इन दिनों रुड़की में तैनात हैं। गांव में पत्नी गायत्री देवी और दो बच्चे केशव और प्रियांशी रहते हैं। 18 वर्षीय बेटा केशव इंटरमीडिएट का छात्र था। बताते हैं कि सोमवार सुबह पांच बजे उसने मां से वीडियो बनाने की बात कहकर उनकी लाइसेंसी पिस्टल मांगी। गायत्री देवी ने उसे अलमारी से पिस्टल निकालकर दे दी। केशव पिस्टल लेकर अपने रूम में चला गया। कुछ देर बाद ही कमरे से गोली चलने की आवाज आई तो मां दौड़कर पहुंची। उस वक्त केशव घायल हालत में पड़ा तड़प रहा था। गोली उसकी कनपटी पर लगी थी।
आनन-फानन में केशव को बरेली के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन शव लेकर गांव पहुंचे तो घर पर गांव वालों की भीड़ लग गई। केशव के पिता को सूचना दी गई। जानकारी मिलने पर प्रभारी निरीक्षक एसपी सिंह भी पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए और मामले की जांच की। हालांकि वह पिस्टल को सीलकर कब्जे में लिए बगैर ही लौट आए। उनका कहना है कि परिवार किसी कार्रवाई को तैयार नहीं है। छात्र के पिता रुड़की से लौट रहे हैं। उनके आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस टिकटॉक पर लाइव वीडियो बनाने के चक्कर में गोली चलने से छात्र की मौत होने का मामला ही मान रही है। देर शाम परिवार ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।