बरेली। परिवहन विभाग के अफसरों के लिए परिवहन आयुक्त का निर्देश कोई मायने नहीं रखता। परिवहन आयुक्त ने आदेश दिया था सड़क हादसों की संख्या आधी करने की। लेकिन हुआ ठीक इसके उलट। हादसे घटने की बजाय और बढ़ गए। कारण हर बार की तरह जरूरी उपाय न किया जाना रहा। अंधे मोड़, ब्लैक स्पॉट, डिवाइडरों और कट अधिकारियों की प्राथमिकता में ही नहीं रहे। नतीजा यह हुआ कि अक्तूबर 2021 में मंडल के चार जिलों में 243, अक्तूबर 2022 में276 हादसे हुए। 33 हादसे ज्यादा हुए। अक्तूबर के 31 दिनों में हर रोज एक हादसा ज्यादा हुआ।
अक्तबूर 2021 की तुलना में अक्तूबर 2022 में सबसे ज्यादा हादसे पीलीभीत में हुए। हादसों में छह प्रतिशत की वृद्धि पूरे प्रदेश में हुई, लेकिन 54.2 प्रतिशत हादसे पीलीभीत जिले में बढ़े हैं। सिर्फ शाहजहांपुर ही मंडल का ऐसा जिला है जहां बीते साल के अक्तूबर के मुकाबले अबकी बार अक्तूबर में 3.1 प्रतिशत कम हादसे हुए हैं। बरेली में 4.8 व बदायूं में 12.1 प्रतिशत हादसे बढ़े हैं। इन हादसों में मौतें भी ज्यादा हैं। पीलीभीत बाईपास पर महानगर के सामने सड़क के बीच में बिजली पोल आ गए हैं। बिजली विभाग ने अभी तक उन्हें नहीं हटाया है। इससे टकराकर आए दिन हादसे होते रहते हैं। दो साल पहले इसी पोल से टकराकर संजयनगर के युवक की मौत हो गई थी। उसके बाद भी इन पोलों से कई हादसे हो चुके हैं लेकिन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
आंकड़े गवाह हैं
अक्तूबर 2021 अक्तूबर 2022 हादसे बढ़े
पीलीभीत 62 89 27
बरेली 83 87 4
बदायूं 33 37 4
(शाहजहांपुर जिले में अक्तूबर 2021 में 65 तो अक्तूबर 2022 में 63 हादसे हुए। दो हादसे कम हुए हैं)
मृतकों की संख्या
अक्तूबर 2021 अक्तूबर 2022
पीलीभीत 42 53
बरेली 37 34
बदायूं 23 26
शाहजहांपुर 32 29
(बरेली मंडल के चार जिलों में बीते वर्ष अक्तूबर में 134 और इस वर्ष अक्तूबर में 142 मौतें हुई हैं। यह स्थिति तब है जब परिवहन आयुक्त ने 25 नवंबर को ही पत्र जारी करके हादसों की संख्या 50 फीसदी तक घटाने के लिए सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी काम किए जाने के आदेश दिए हैं।)
-------------