कानपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय और बीएनएसडी इंटर कॉलेज में पढ़ाई करने वाले प्रीत कुमार सिंह वर्तमान में शहर के युवाओं को अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी के माध्यम से रोजगार दे रहे हैं। प्रीत कुमार वर्तमान में अमेरिका में रहते हैं और वहां सिटीऑन इनोवेशंस कंपनी भी चलाते हैं।
शुक्रवार को शहर आए कंपनी के फाउंडर प्रीत ने बताया कि 1984 में बीएचयू से बीटेक किया था। लेकिन इस दौरान शहर में मशक्कत के बाद भी नौकरी नहीं मिली। इसके बाद 10 साल टाटा स्टील में नौकरी की। कुछ बड़ा करने की ललक में वह 1994 में अमेरिका चले गए और वहां के डलास शहर में सॉफ्टवेयर कंपनी की नींव डाली।
उन्होंने बताया कि शहर से अपनापन मैं कभी भुला नहीं पाया तो बीते साल कोविड काल के दौरान जून 2020 में शहर में पहला सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर खोला और आईटी क्षेत्र के 10 युवाओं को रोजगार और ट्रेनिंग दी। अब 2022 में 50 युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य है।
उन्होंने बताया कि शहर को सॉफ्टवेयर का बड़ा हब बनाने की मंशा से यहां सेंटर की स्थापना की थी। इसमें उनका सहयोग उनके बचपन के साथी सीए नवीन भार्गव ने किया। वह अब शहर में ही युवाओं को चार से पांच लाख का पैकेज दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी चेन्नई, मुंबई, दिल्ली में काम कर रही है और अब नोएडा में चौथी यूनिट शुरू करने वाले हैं।
कंपनी वेयर हाउस से आर्डर मैनेजमेंट से जुड़े सॉफ्टवेयर बनाती है। कंपनी ने यूरोप और जर्मनी की दिग्गज कंपनियों के साथ बिजनेस टाईअप किए हैं। शहर में निवेश न होने का कारण बताते हुए कहा कि लोग शहर से कमाते हैं लेकिन अपना विस्तार अन्य राज्यों में करते हैं। यदि शहर में ही इस तरह की योजनाएं बनाकर काम किया जाए तो अलग-अलग उद्योगों का बड़ा हब शहर बन सकता है।
कानपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय और बीएनएसडी इंटर कॉलेज में पढ़ाई करने वाले प्रीत कुमार सिंह वर्तमान में शहर के युवाओं को अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी के माध्यम से रोजगार दे रहे हैं। प्रीत कुमार वर्तमान में अमेरिका में रहते हैं और वहां सिटीऑन इनोवेशंस कंपनी भी चलाते हैं।
शुक्रवार को शहर आए कंपनी के फाउंडर प्रीत ने बताया कि 1984 में बीएचयू से बीटेक किया था। लेकिन इस दौरान शहर में मशक्कत के बाद भी नौकरी नहीं मिली। इसके बाद 10 साल टाटा स्टील में नौकरी की। कुछ बड़ा करने की ललक में वह 1994 में अमेरिका चले गए और वहां के डलास शहर में सॉफ्टवेयर कंपनी की नींव डाली।
उन्होंने बताया कि शहर से अपनापन मैं कभी भुला नहीं पाया तो बीते साल कोविड काल के दौरान जून 2020 में शहर में पहला सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर खोला और आईटी क्षेत्र के 10 युवाओं को रोजगार और ट्रेनिंग दी। अब 2022 में 50 युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य है।
उन्होंने बताया कि शहर को सॉफ्टवेयर का बड़ा हब बनाने की मंशा से यहां सेंटर की स्थापना की थी। इसमें उनका सहयोग उनके बचपन के साथी सीए नवीन भार्गव ने किया। वह अब शहर में ही युवाओं को चार से पांच लाख का पैकेज दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी चेन्नई, मुंबई, दिल्ली में काम कर रही है और अब नोएडा में चौथी यूनिट शुरू करने वाले हैं।
कंपनी वेयर हाउस से आर्डर मैनेजमेंट से जुड़े सॉफ्टवेयर बनाती है। कंपनी ने यूरोप और जर्मनी की दिग्गज कंपनियों के साथ बिजनेस टाईअप किए हैं। शहर में निवेश न होने का कारण बताते हुए कहा कि लोग शहर से कमाते हैं लेकिन अपना विस्तार अन्य राज्यों में करते हैं। यदि शहर में ही इस तरह की योजनाएं बनाकर काम किया जाए तो अलग-अलग उद्योगों का बड़ा हब शहर बन सकता है।