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कानपुर: फिर लीडर बनने से चूका जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, सीएम योगी ने कही थी ये बात
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Fri, 19 Nov 2021 09:08 AM IST
सार
कोराना की पहली और दूसरी लहर में भी कोई केंद्रीकृत व्यवस्था नहीं बन पाई। कमांड सेंटर, स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेज के बीच समन्वय नहीं हुआ। इसी तरह कुरसौली, मकसूदाबाद में फैले अंजान बुखार के समय भी मेडिकल कॉलेज चूका।
कानपुर हैलट
- फोटो : amar ujala
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कानपुर में जीका के मामले में भी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज लीडर बनने से चूक गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 मई को केडीए सभागार में हुई बैठक में तत्कालीन जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. आरबी कमल से कहा था कि मेडिकल कॉलेज केजीएमयू और एसजीपीजीआई की तरह लीडर की भूमिका अदा करे।
सिर्फ अस्पताल ही न बना रहे, स्वास्थ्य विभाग की भी अगुवाई करे। कोराना की पहली और दूसरी लहर में भी कोई केंद्रीकृत व्यवस्था नहीं बन पाई। कमांड सेंटर, स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेज के बीच समन्वय नहीं हुआ। इसी तरह कुरसौली, मकसूदाबाद में फैले अंजान बुखार के समय भी मेडिकल कॉलेज चूका।
खुद से कॉलेज प्रबंधन ने कोई कदम नहीं उठाया। तीसरी चूक जीका संक्रमण के दौरान हुई है। यहां जांच बाद में शुरू की गई। जीका संक्रमितों का इलाज रैपिड रिस्पांस टीमों के जरिये कराया जा रहा है। पहली डिलेवरी भी नर्सिंगहोम में हुई है।
विस्तार
कानपुर में जीका के मामले में भी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज लीडर बनने से चूक गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 मई को केडीए सभागार में हुई बैठक में तत्कालीन जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. आरबी कमल से कहा था कि मेडिकल कॉलेज केजीएमयू और एसजीपीजीआई की तरह लीडर की भूमिका अदा करे।
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सिर्फ अस्पताल ही न बना रहे, स्वास्थ्य विभाग की भी अगुवाई करे। कोराना की पहली और दूसरी लहर में भी कोई केंद्रीकृत व्यवस्था नहीं बन पाई। कमांड सेंटर, स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेज के बीच समन्वय नहीं हुआ। इसी तरह कुरसौली, मकसूदाबाद में फैले अंजान बुखार के समय भी मेडिकल कॉलेज चूका।
खुद से कॉलेज प्रबंधन ने कोई कदम नहीं उठाया। तीसरी चूक जीका संक्रमण के दौरान हुई है। यहां जांच बाद में शुरू की गई। जीका संक्रमितों का इलाज रैपिड रिस्पांस टीमों के जरिये कराया जा रहा है। पहली डिलेवरी भी नर्सिंगहोम में हुई है।
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