{"_id":"61e7e50ec5616358cf103a48","slug":"up-election-2022-ruckus-due-to-ticket-to-gangster-sp-changed-strategy","type":"story","status":"publish","title_hn":"UP election 2022: गैंगस्टर को टिकट देने से मचा घमासान, सियासी घेरेबंदी के डर से सपा ने बदली रणनीति","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
UP election 2022: गैंगस्टर को टिकट देने से मचा घमासान, सियासी घेरेबंदी के डर से सपा ने बदली रणनीति
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Wed, 19 Jan 2022 05:27 PM IST
सार
कैराना से गैंगस्टर को टिकट देने के बाद मचे घमासान से सपा को सियासी घेरेबंदी का डर सताने लगा है। गुपचुप टिकट देने के साथ ही प्रत्याशियों से यह भी कहा जा रहा है कि इस संबंध में नामांकन से पहले किसी को कानोंकान खबर नहीं होनी चाहिए। प्रत्याशियों से उन पर चल रहे मुकदमों का विवरण भी मांगा जा रहा हैं।
सियासी घेरेबंदी के डर से सपा ने बदली नामांकन की रणनीति
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
यूपी के शामली जिले की कैराना विधानसभा सीट से प्रत्याशी नाहिद हसन के गैंगस्टर एक्ट में गिरफ्तार होने के बाद मचे घमासान के बीच समाजवादी पार्टी ने टिकट वितरण की प्रक्रिया ही बदल दी है। सूत्रों के अनुसार भाजपा की घेरेबंदी से बचने के लिए सपा की कोर कमेटी अब प्रत्याशियों की सूची जारी करने के बजाय जिसे टिकट देना है, उसे फोन करके बुला रही है।
टिकट देने के साथ ही प्रत्याशी से एक शपथपत्र भरवाया जा रहा है, जिसमें उसे यह बताना होगा कि उस ऊपर किस तरह के और कितने मुकदमे हैं। गुपचुप टिकट देने के साथ ही प्रत्याशियों से यह भी कहा जा रहा है कि इस संबंध में नामांकन से पहले किसी को कानोंकान खबर नहीं होनी चाहिए।
सपा इसे लेकर भी चौकसी बरत रही है कि उसके प्रत्याशियों के बारे में नामांकन से पहले भाजपा को भनक न लगे। सूत्रों के अनुसार, जितने भी लोग जिस विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं, उन सभी से कहा जा रहा है कि वे सीधे अपना नामांकन दाखिल करें। कौन लड़ेगा, यह उन्हें बता दिया जाएगा।
यह भी पता चला है कि मंगलवार को दूसरे चरण के चुनाव के लिए जिन्हें टिकट दिया गया है, उन्हें फोन करके बुलाया गया। यह पहली बार है, जब सपा ने भाजपा की सक्रियता को देखते हुए अपनी रणनीति बदली है। पार्टी की इस रणनीति से दावेदारों और कार्यकर्ताओं में भी खलबली है।
सियासी घेरेबंदी संग भगदड़ का भी डर
बताया जा रहा है कि सपा ने 15 से 20 नवंबर के दौरान ही अपनी पार्टी के सभी चरणों के प्रत्याशियों की सूची तैयार कर ली थी। तय किया गया था कि सूची को नवंबर के आखिरी या दिसंबर के पहले सप्ताह में जारी कर दी जाएगी, फिर पार्टी की कोर कमेटी ने अचानक से इसमें बदलाव किया। इस बदलाव की वजह भी भाजपा को ही बताया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार सपा की कोर कमेटी ने तर्क रखा कि यदि अभी प्रत्याशियों की सूची जारी हो जाएगी तो भाजपा अपना सरकारी प्रभाव डालकर उनका इतिहास-भूगोल खंगाल डालेगी। यह पार्टी के लिए सही नहीं होगा। यही वजह है कि अब व्यक्तिगत रूप से बुलाकर टिकट दिया जा रहा है। इसके पीछे एक वजह यह भी बताई जा रही है कि सूची जारी करने से पार्टी में भगदड़ न मच जाए।
विस्तार
यूपी के शामली जिले की कैराना विधानसभा सीट से प्रत्याशी नाहिद हसन के गैंगस्टर एक्ट में गिरफ्तार होने के बाद मचे घमासान के बीच समाजवादी पार्टी ने टिकट वितरण की प्रक्रिया ही बदल दी है। सूत्रों के अनुसार भाजपा की घेरेबंदी से बचने के लिए सपा की कोर कमेटी अब प्रत्याशियों की सूची जारी करने के बजाय जिसे टिकट देना है, उसे फोन करके बुला रही है।
विज्ञापन
टिकट देने के साथ ही प्रत्याशी से एक शपथपत्र भरवाया जा रहा है, जिसमें उसे यह बताना होगा कि उस ऊपर किस तरह के और कितने मुकदमे हैं। गुपचुप टिकट देने के साथ ही प्रत्याशियों से यह भी कहा जा रहा है कि इस संबंध में नामांकन से पहले किसी को कानोंकान खबर नहीं होनी चाहिए।
सपा इसे लेकर भी चौकसी बरत रही है कि उसके प्रत्याशियों के बारे में नामांकन से पहले भाजपा को भनक न लगे। सूत्रों के अनुसार, जितने भी लोग जिस विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं, उन सभी से कहा जा रहा है कि वे सीधे अपना नामांकन दाखिल करें। कौन लड़ेगा, यह उन्हें बता दिया जाएगा।
यह भी पता चला है कि मंगलवार को दूसरे चरण के चुनाव के लिए जिन्हें टिकट दिया गया है, उन्हें फोन करके बुलाया गया। यह पहली बार है, जब सपा ने भाजपा की सक्रियता को देखते हुए अपनी रणनीति बदली है। पार्टी की इस रणनीति से दावेदारों और कार्यकर्ताओं में भी खलबली है।
सियासी घेरेबंदी संग भगदड़ का भी डर
बताया जा रहा है कि सपा ने 15 से 20 नवंबर के दौरान ही अपनी पार्टी के सभी चरणों के प्रत्याशियों की सूची तैयार कर ली थी। तय किया गया था कि सूची को नवंबर के आखिरी या दिसंबर के पहले सप्ताह में जारी कर दी जाएगी, फिर पार्टी की कोर कमेटी ने अचानक से इसमें बदलाव किया। इस बदलाव की वजह भी भाजपा को ही बताया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार सपा की कोर कमेटी ने तर्क रखा कि यदि अभी प्रत्याशियों की सूची जारी हो जाएगी तो भाजपा अपना सरकारी प्रभाव डालकर उनका इतिहास-भूगोल खंगाल डालेगी। यह पार्टी के लिए सही नहीं होगा। यही वजह है कि अब व्यक्तिगत रूप से बुलाकर टिकट दिया जा रहा है। इसके पीछे एक वजह यह भी बताई जा रही है कि सूची जारी करने से पार्टी में भगदड़ न मच जाए।
Link Copied
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।