यूपी के मुजफ्फरनगर में दलित युवक की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दलित समाज के लोगों ने बुधवार को पुरकाजी बस सटैंड पर जमकर हंगामा किया। उन्होंने जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। वीडियो वायरल होने के बाद से इलाके में जातीय तनाव के हालात बन गए हैं। इलाके में जातीय तनाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। वहीं दलितों ने मंगलवार को भी थाने पहुंचकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी।
उधर, आरोपियों के नहीं मिलने पर पुलिस ने दो महिलाओं को हिरासत में ले लिया था। इससे गुस्साए आरोपी पक्ष के लोगों ने थाने पहुंचकर हंगामा किया था। मामले की नजाकत को देखते हुए पुलिस ने महिलाओं को रिहा कर दिया था।
पढ़ें : देवी-देवताओं की तस्वीर फाड़ने पर युवक का किया ये हाल, बुलवाई श्री राम की जय, देखिए Video
कल्लनपुर निवासी दलित युवक विपिन कुमार की पिटाई का वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया है। विपिन भीम आर्मी से जुड़ा बताया गया है। हालांकि उसके परिजनों का कहना है कि विपिन समता सैनिक दल का ग्राम अध्यक्ष है। उत्तराखंड से बाइक से लौटते समय आसपास के गांवों के युवकों ने उसकी पिटाई की है। आरोप है कि युवक हिंदूवादी संगठन से जुड़े हैं। पुलिस ने विपिन के पिता पाल्ला की ओर से चार युवकों के विरुद्ध हमले का मुकदमा दर्ज किया है। लाठी-डंडों से मारपीट करने के साथ ही आरोपियों ने उसका वीडियो भी बनाया है। मंगलवार को वीडियो वायरल हो गया।
भीम आर्मी के नेताओं ने दलितों के साथ थाने पहुंचकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। बढ़ते दबाव के चलते पुलिस ने गांव मेघा, शकरपुर, कल्लनपुर, नूरनगर गांव में आरोपियों के घरों पर दबिश दी, लेकिन वह फरार मिले। पुलिस ने आरोपी राहुल की मां कविता और जोधा की मां संजोगिता को हिरासत में ले लिया। जानकारी मिलने पर ग्रामीणों में रोष फैल गया और सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं को हिरासत में लेने का विरोध करने के लिए गांव के मुख्य रास्ते पर जमा हो गए। इस पर पुलिस के हाथ-पांव फूल गए और पुलिस दूसरे रास्ते से महिलाओं को थाने ले आई, जिस पर आरोपी पक्ष के सैकड़ों लोग थाने पहुंच गए और पुलिस पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया। इस दौरान कुछ भाजपा नेता भी थाने पहुंच गए और पुलिस से महिलाओं को छोड़ने की मांग की, जिसे लेकर भाजपा नेताओं की पुलिस से नोकझोंक भी हुई। काफी देर तक चले हंगामे के बाद ग्रामीणों द्वारा आरोपियों को सौंपने का आश्वासन देने पर पुलिस ने महिलाओं को रिहा कर दिया। इस दौरान भाजपा नेता संजय वर्मा, जिला पंचायत सदस्य सचिन शर्मा, सुक्कड सिंह, विनोद त्यागी, मनोज चौहान, कंवरपाल खंजाची, रूपचंद के अलावा ओमबीर, कृष्णपाल, संदीप, कुलदीप, मनोज, ओम सिंह, पंकज, राजसिंह आदि मौजूद रहे।
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यूपी के मुजफ्फरनगर में दलित युवक की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दलित समाज के लोगों ने बुधवार को पुरकाजी बस सटैंड पर जमकर हंगामा किया। उन्होंने जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। वीडियो वायरल होने के बाद से इलाके में जातीय तनाव के हालात बन गए हैं। इलाके में जातीय तनाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। वहीं दलितों ने मंगलवार को भी थाने पहुंचकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी।
उधर, आरोपियों के नहीं मिलने पर पुलिस ने दो महिलाओं को हिरासत में ले लिया था। इससे गुस्साए आरोपी पक्ष के लोगों ने थाने पहुंचकर हंगामा किया था। मामले की नजाकत को देखते हुए पुलिस ने महिलाओं को रिहा कर दिया था।
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कल्लनपुर निवासी दलित युवक विपिन कुमार की पिटाई का वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया है। विपिन भीम आर्मी से जुड़ा बताया गया है। हालांकि उसके परिजनों का कहना है कि विपिन समता सैनिक दल का ग्राम अध्यक्ष है। उत्तराखंड से बाइक से लौटते समय आसपास के गांवों के युवकों ने उसकी पिटाई की है। आरोप है कि युवक हिंदूवादी संगठन से जुड़े हैं। पुलिस ने विपिन के पिता पाल्ला की ओर से चार युवकों के विरुद्ध हमले का मुकदमा दर्ज किया है। लाठी-डंडों से मारपीट करने के साथ ही आरोपियों ने उसका वीडियो भी बनाया है। मंगलवार को वीडियो वायरल हो गया।
भीम आर्मी के नेताओं ने दलितों के साथ थाने पहुंचकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। बढ़ते दबाव के चलते पुलिस ने गांव मेघा, शकरपुर, कल्लनपुर, नूरनगर गांव में आरोपियों के घरों पर दबिश दी, लेकिन वह फरार मिले। पुलिस ने आरोपी राहुल की मां कविता और जोधा की मां संजोगिता को हिरासत में ले लिया। जानकारी मिलने पर ग्रामीणों में रोष फैल गया और सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं को हिरासत में लेने का विरोध करने के लिए गांव के मुख्य रास्ते पर जमा हो गए। इस पर पुलिस के हाथ-पांव फूल गए और पुलिस दूसरे रास्ते से महिलाओं को थाने ले आई, जिस पर आरोपी पक्ष के सैकड़ों लोग थाने पहुंच गए और पुलिस पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया। इस दौरान कुछ भाजपा नेता भी थाने पहुंच गए और पुलिस से महिलाओं को छोड़ने की मांग की, जिसे लेकर भाजपा नेताओं की पुलिस से नोकझोंक भी हुई। काफी देर तक चले हंगामे के बाद ग्रामीणों द्वारा आरोपियों को सौंपने का आश्वासन देने पर पुलिस ने महिलाओं को रिहा कर दिया। इस दौरान भाजपा नेता संजय वर्मा, जिला पंचायत सदस्य सचिन शर्मा, सुक्कड सिंह, विनोद त्यागी, मनोज चौहान, कंवरपाल खंजाची, रूपचंद के अलावा ओमबीर, कृष्णपाल, संदीप, कुलदीप, मनोज, ओम सिंह, पंकज, राजसिंह आदि मौजूद रहे।
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