पीलीभीत। प्रधानमंत्री आवास योजना में गांव के सचिव ने सूची में नाम न होने के बाद भी किसी अन्य का नाम शामिल कर आवास दे दिया। शिकायत के बाद जांच में खुलासा होने पर डीआरडीए ने सचिव से आवास की 1.20 लाख रुपये की वसूली करने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही एक वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवासों के आवंटन में गांवों में धांधली की जा रही है। नया मामला ललोरीखेड़ा क्षेत्र के गांव नूरपुर का है। यहां पर तैनात रहे सचिव रिजवान ने साल 2016-17 में गांव के ही एक ग्रामीण के नाम पर मंजूर हुए प्रधानमंत्री आवास को गांव की ही महिला को दे दिया। यही नहीं तीनों किस्तों को भी दे दिया गया। मामले की शिकायत पर परियोजना निदेशक डीआरडीए ने इसकी जांच कराई। जांच में पाया गया कि आवास गलत ढंग से दिया गया और महिला को पहले भी इंदिरा आवास का लाभ मिल चुका है। जांच में खुलासा होने पर अब सचिव से आवास के 1.20 लाख रुपये वेतन से वसूलने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही एक वेतन वृद्धि को भी रोकने के आदेश दिए हैं। डीपीआरओ वाचस्पति झा ने बताया कि ललोरीखेड़ा के तत्कालीन सचिव से रिकवरी कराई जा रही है।