पीलीभीत। गन्ना सेंटरों पर घटतौली की शिकायतों को लेकर शासन ने प्रभारियों की मनमानी पर नकेल कस दी है। इसके लिए एक सेंटर पर 15 दिन से अधिक किसी की तैनाती नहीं रहेगी। तय समय बाद खुद ही कम्प्यूटर प्रणाली से प्रभारी के कार्यक्षेत्र में बदलाव हो जाएगा।
यहां बता दें जिले में सात चीनी मिलों के 274 गन्ना क्रय केंद्र संचालित हो रहे हैं। चीनी मिलों का पेराई सत्र आरंभ होने के साथ ही देहात क्षेत्र से लेकर मिल गेट पर खोले गए सेंटरों तक घटतौली की शिकायत सामने आने लगी हैं। कारण है कि यहां पर तौल लिपिक पुराने हो जाने के कारण अपना खेल करते हैं। सेंटरों के कांटों पर होने वाले इस खेल को लेकर शासन काफी गंभीर है और इस बार सख्ती से इस पर काबू पाने की कोशिश में है।
पूर्व में मैनुअल तरीके से सेंटर प्रभारियों को तय समय पर दूसरे सेंटर पर भेजा जाता था। इस बार चीनी मिल शुरू होने पर कम्प्यूटरीकृत तबादला प्रणाली को लागू किया गया है। इस व्यवस्था में हर सेंटर पर कर्मचारी को 15 दिनों के लिए ही भेजा जाएगा। इसके बाद इस प्रणाली से तय समय बाद ही सेंटर प्रभारियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव हो जाएगा। खास बात यह होगी इसमें न तो चीनी मिल और न ही समिति के अधिकारियों की दखलंदाजी हो सकेगी। सीधे लखनऊ से इसका रोस्टर तय किया जाएगा। शासन की इस मंशा से इस बार घटतौली पर रोक लगने की संभावना प्रबल हो गई है।
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जिले में ये हैं सेंटर
पेराई सत्र आरंभ होने के बाद जिले में यहां की चीनी मिलों के साथ ही पड़ोसी जिले की चीनी मिलों के भी सेंटर खोले गए हैं। जिले में एलएच चीनी मिल के 119, बरखेड़ा चीनी मिल के 48 और एक गेट का सेंटर है। पूरनपुर चीनी मिल के 12 सेंटर इस बार बने हैं तो बीसलपुर चीनी मिल के सबसे कम आठ सेंटर है। इसके अलावा फरीदपुर के सात, निगोही के आठ और गुलरिया चीनी मिल के सात सेेंटर जिले में संचालित हो रहे हैं।
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सेंटर पर एक कर्मचारी की ड्यूटी 15 दिनों के लिए लगाई गई है। इसके बाद दूसरे सेंटर पर भेजा जाएगा। इसके लिए कम्प्यूटरीकृत तबादला प्रणाली लागू की गई है। लखनऊ से ही तय समय में सेंटर प्रभारियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव हो जाएगा। ऐसा सेंटरों पर घटतौली को रोकने के लिए किया गया है।
- जितेन्द्र मिश्रा, जिला गन्नाधिकारी