पीलीभीत। चीनी मिलों का पेराई सत्र शुरू होने से पहले जमीनों का सर्वे कराया गया था। सर्वे के दौरान खुलासा हुआ कि करीब तीन हजार लोगों ने जमीन न होते हुए भी अपने को गन्ना उत्पादक दर्शाया। राजस्व विभाग से सत्यापन होने के बाद 3822 लोगों का सट्टा निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। सबसे अधिक फर्जी सट्टों के मामले बीसलपुर क्षेत्र में सामने आए हैं।
गन्ने की पर्चियां हासिल करने के लिए जमकर खेल किया जाता है। इसके लिए पेराई सत्र आरंभ होने से पहले ही कई लोग सर्वे करने वाली कर्मियों से सांठगांठ कर जमीन न होने पर भी अपने को गन्ना उत्पादक बताकर सट्टे जारी करवा लेते हैं। इसी खेल को समाप्त करने के लिए शासन की ओर से जमीनों का सत्यापन करवाया गया। शासन के इस आदेश पर सर्वे के बाद जब गन्ना विभाग की ओर से राजस्व विभाग के अभिलेखों से सत्यापन कराया गया तो स्थिति साफ हो गई। सामने आया कि कई लोगों ने जमीन न होते हुए भी गन्ने के सट्टे करवा लिए थे। अब सत्यापन के बाद जिले में ऐसे तीन हजार से अधिक लोग सामने आए हैं। सभी का सट्टा निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर गई है, साथ ही सर्वे में लगे कर्मियों को भी चेतावनी दी गई है।
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इस चीनी मिल क्षेत्र में इतने मिले फर्जी मामले
सत्यापन कराने के बाद सबसे अधिक बीसलपुर क्षेत्र में 2565 फर्जी सट्टों के मामले सामने आए। इसी प्रकार मझोला क्षेत्र में 19, पीलीभीत क्षेत्र में 1113 और पूरनपुर क्षेत्र में 125 मामले सामने आए। अब इन सभी का सट्टा निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है।
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चीनी मिल आरंभ होने से पहले जमीनों का सर्वे करवाया जाता है। सर्वे के बाद राजस्व विभाग से सत्यापन के बाद 3822 फर्जी सट्टे सामने आए हैं। सभी को निरस्त किया जा रहा है।
- जितेंद्र मिश्रा, जिला गन्नाधिकारी