शाहजहांपुर। नगरिया गांव के पास सड़क हादसे में जान गंवाने वाले जलालाबाद थाने में तैनात कस्बा इंचार्ज पवन सिंह को शनिवार पुलिस लाइन में डीएम-एसपी समेत तमाम अधिकारियों ने अंतिम सलामी दी। परिजन उनका शव लेकर ऊधम सिंह नगर के लिए रवाना हो गए। इस दौरान बेटे का शव देखकर मां दुलारी देवी दहाड़े मारकर रो पड़ी।
उत्तराखंड के जसपुर भगवनपुर मड़वाखेड़ा पंचायत निवासी सेना से सेवानिवृत्त राम किशोर के बेटे पवन सिंह (48) की शुक्रवार रात करीब 11 बजे नगरिया गांव के पास गश्त के दौरान जानवरों को बचाने के चक्कर में बाइक से गिर पड़े थे। उनके साथ कांस्टेबल मनोज सैनी भी थे। तभी पीछे से आए डीसीएम ने उन्हें टक्कर मार दी। इसके बाद पीछे से आई कार ने दोनों को कुचल दिया। राजकीय मेडिकल कॉलेज मेें दरोगा पवन सिंह की मौत हो गई।
कांस्टेबल मनोज घायल हो गए। उनके परिजन को रात में ही खबर दे दी गई थी। उत्तराखंड से पिता रामकिशोर, मां दुलारी और अन्य परिजन पहुंचे। रामदुलारी को बेटे की मौत की खबर नहीं दी गई थी। पुलिस लाइन में बेटे का शव देखकर वह बिलख पड़ी। उन्हें बमुश्किल लोगों ने संभाला। दोपहर में डीएम उमेश प्रताप सिंह, एसपी एस. आनंद, एसपी सिटी संजय कुमार आदि ने शोक सलामी दी और पुष्प चक्र अर्पित किए।
1997 में कांस्टेबल से भर्ती हुए थे पवन
उत्तराखंड निवासी पवन सिंह ने बरेली के प्रेमनगर में मकान बनवा रखा है। वह पत्नी गीता देवी, बेटे दीपक (12), भैरव (4), बेटी अंशू, वंशू और मेघा के साथ रहते थे। परिजन के मुताबिक 1997 में पवन की कांस्टेबल से भर्ती हुई थी। पहली तैनाती बाराबंकी में हुई। उसके बाद सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर, स्वार, बरेली भी रहे। पांच महीने पहले ही जनपद में तैनाती हुई थी।
वाहन चालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
जलालाबाद। पुलिस ने घटनास्थल से दोनों वाहनों को कब्जे में लेने के बाद अज्ञात चालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कस्बा इंचार्ज अवधेश सिंह ने बताया कि कार व डीसीएम को कब्जे में ले लिया है। घटना के बाद चालक भाग निकले थे। डीसीएम जनपद एटा जनपद की है, जबकि कार कांट थाना क्षेत्र की है। अज्ञात चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उनका पता लगाया जा रहा है। शनिवार को कोतवाली में शोक सभा हुई और दो मिनट का मौन रखकर मृतक की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। संवाद
शाहजहांपुर। नगरिया गांव के पास सड़क हादसे में जान गंवाने वाले जलालाबाद थाने में तैनात कस्बा इंचार्ज पवन सिंह को शनिवार पुलिस लाइन में डीएम-एसपी समेत तमाम अधिकारियों ने अंतिम सलामी दी। परिजन उनका शव लेकर ऊधम सिंह नगर के लिए रवाना हो गए। इस दौरान बेटे का शव देखकर मां दुलारी देवी दहाड़े मारकर रो पड़ी।
उत्तराखंड के जसपुर भगवनपुर मड़वाखेड़ा पंचायत निवासी सेना से सेवानिवृत्त राम किशोर के बेटे पवन सिंह (48) की शुक्रवार रात करीब 11 बजे नगरिया गांव के पास गश्त के दौरान जानवरों को बचाने के चक्कर में बाइक से गिर पड़े थे। उनके साथ कांस्टेबल मनोज सैनी भी थे। तभी पीछे से आए डीसीएम ने उन्हें टक्कर मार दी। इसके बाद पीछे से आई कार ने दोनों को कुचल दिया। राजकीय मेडिकल कॉलेज मेें दरोगा पवन सिंह की मौत हो गई।
कांस्टेबल मनोज घायल हो गए। उनके परिजन को रात में ही खबर दे दी गई थी। उत्तराखंड से पिता रामकिशोर, मां दुलारी और अन्य परिजन पहुंचे। रामदुलारी को बेटे की मौत की खबर नहीं दी गई थी। पुलिस लाइन में बेटे का शव देखकर वह बिलख पड़ी। उन्हें बमुश्किल लोगों ने संभाला। दोपहर में डीएम उमेश प्रताप सिंह, एसपी एस. आनंद, एसपी सिटी संजय कुमार आदि ने शोक सलामी दी और पुष्प चक्र अर्पित किए।
1997 में कांस्टेबल से भर्ती हुए थे पवन
उत्तराखंड निवासी पवन सिंह ने बरेली के प्रेमनगर में मकान बनवा रखा है। वह पत्नी गीता देवी, बेटे दीपक (12), भैरव (4), बेटी अंशू, वंशू और मेघा के साथ रहते थे। परिजन के मुताबिक 1997 में पवन की कांस्टेबल से भर्ती हुई थी। पहली तैनाती बाराबंकी में हुई। उसके बाद सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर, स्वार, बरेली भी रहे। पांच महीने पहले ही जनपद में तैनाती हुई थी।
वाहन चालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
जलालाबाद। पुलिस ने घटनास्थल से दोनों वाहनों को कब्जे में लेने के बाद अज्ञात चालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कस्बा इंचार्ज अवधेश सिंह ने बताया कि कार व डीसीएम को कब्जे में ले लिया है। घटना के बाद चालक भाग निकले थे। डीसीएम जनपद एटा जनपद की है, जबकि कार कांट थाना क्षेत्र की है। अज्ञात चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उनका पता लगाया जा रहा है। शनिवार को कोतवाली में शोक सभा हुई और दो मिनट का मौन रखकर मृतक की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। संवाद