सीतापुर। सीतापुर जनपद की खैराबाद नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर दलीय प्रत्याशियों की दाल कभी नहीं गली। साल 2017 का निकाय चुनाव छोड़ दें तो हर बार यहां अध्यक्ष पद पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की है। खास बात यह है कि भाजपा का कमल यहां कभी नहीं खिला। इस बार अध्यक्ष पद अनारक्षित है।
खैराबाद नगर पालिका का गठन वर्ष 1910 में हुआ था। तब से अब तक प्रशासक और कार्यवाहक अध्यक्षों का कार्यकाल मिलाकर यहां 17 अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्ष 1995, 2000, 2006 और 2012 में यहां निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल कर अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाया। वर्ष 2017 के निकाय चुनाव में सपा के टिकट पर जलीस अंसारी चुनाव जीते थे।
मतलब यह कि दलीय प्रत्याशियों को यहां के मतदाताओं ने कभी बहुत तवज्जो नहीं दी। खैराबाद नगर पालिका के इतिहास पर निगाह डालने पर पता चलता है कि लंबे समय से इस सीट पर अल्पसंख्यक वर्ग का प्रत्याशी ही जीतता रहा है। आजादी के बाद 1951 में बाबू राधाशरण श्रीवास्तव अध्यक्ष चुने गए थे, लेकिन इसके बाद से अल्पसंख्यक ही इस सीट पर जीत दर्ज कराते रहे।
खैराबाद में आरक्षण
वर्ष आरक्षण
1995 पिछड़ा वर्ग महिला
2001 पिछड़ा वर्ग
2006 पिछड़ा वर्ग
2012 अनारक्षित
2017 पिछड़ा वर्ग
2022 अनारक्षित
भाजपा, सपा में टिकट के कई दावेदार, अध्यक्ष निर्दल लड़ने को तैयार
नगर पालिका का आरक्षण घोषित होने के बाद टिकट के तलबगार तेजी से बढ़े हैं। भाजपा से टिकट के लिए रविशंकर मिश्रा, सतीश राठौर, दिलीप जोशी, राकेश गौतम, अनंतराम मिश्रा, बाबूराम जोशी आदि ने दावेदारी की है। सपा से मुस्तकीम अंसारी और पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद हाजी हनीफ अंसारी दावेदार हैं।
खास बात यह है कि मौजूदा अध्यक्ष जलीस अहमद अंसारी इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि सभी वर्गों के लोगों ने मिलकर उन्हें चुनाव जिताया था, इसलिए अब वह निर्दलीय लड़ना चाहते हैं।