बलिया जिले के रेवती थाना क्षेत्र का दुर्जनपुर गांव 15 अक्तूबर को कोटे की दुकान के विवाद में एक व्यक्ति की हत्या और कई लोगों के घायल होने के बाद पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था। गांव में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और पीएसी के जवान तैनात कर दिए गए थे। मंगलवार को प्रशासन ने गांव से स्थानीय पुलिस को हटा लिया। अब गांव में सिर्फ पीएसी की तैनाती है।
गांव के ऐसे लोग, जो इस मामले में किसी पक्ष से नहीं थे, वे परेशान थे। मंगलवार को गांव से पुलिस के हटने के बाद काफी लोग घरों से बाहर निकलने लगे। गांव के लोगों से बात करने की कोशिश की गई तो वे कुछ कहने से बचते नजर आए।
कुछ लोगों ने कहा कि इस मामले में कुछ भी नहीं बोलेंगे, क्योंकि अभी माहौल ठीक नहीं है। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कुछ लोगों ने कहा कि एक छोटी सी बात को लेकर ऐसा माहौल बना दिया गया है कि जैसे गांव में सभी एक-दूसरे के दुश्मन हैं, जबकि यह सच नहीं है।
गांव में सभी लोग प्रेम-पूर्वक रहते आए हैं और आगे भी शांति से रहना चाहते हैं। लोगों का कहना था कि जब तक पुलिस गांव में थी, कोई घर से निकल नहीं रहा था। उसे डर था कि पता नहीं कब पकड़ लिया जाए। लोगों ने कहा कि वे गांव में शांति चाहते हैं।
ये था मामला :
बलिया जिले के रेवती थाना इलाके के दुर्जनपुर गांव के पंचायत भवन में गुरुवार को टेंट लगाकर हनुमानगंज और दुर्जनपुर की कोटे की दुकानों के चयन को लेकर साढ़े तीन बजे खुली बैठक की जा रही थी। इस दौरान दो पक्षों में विवाद हो गया। इसके बाद दोनों पक्षों में तनातनी शुरू हो गई। प्रशासन के विरोध में नारेबाजी हुई। देखते ही देखते ईंट-पत्थर चलने लगे।