टिहरी बांध की झील का जलस्तर कम होते ही झील के दोनों किनारों पर कचरे का ढेर लगने शुरू हो गए हैं। इससे स्थानीय लोगों व जनप्रतिनिधियों में रोष है। उन्होंने शासन-प्रशासन से कचरे की सफाई कर निस्तारण की मांग की है।
टिहरी बांध की झील चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के मणी-स्यांसू से लेकर हिटारा-धरासू तक करीब 20 किमी दायरे में फैली हुई है। चिन्यालीसौड़ क्षेत्र में अगस्त से लेकर दिसंबर तक करीब पांच महीने झील का जलस्तर आरएल (रिवर लेवल) 835 मीटर तक रहता है। झील बड़े पैमाने पर जैविक व अजैविक कचरे की भी वाहक बनती जा रही है जिसमें भागीरथी किनारे स्थित कस्बों से बड़े पैैमाने पर जैविक व अजैविक कचरा झील में समाता है। झील का जलस्तर घटते ही यह जैविक व अजैविक कचरा झील किनारे लगना शुरू हो जाता है।
वर्तमान समय में झील का जलस्तर धीरे-धीरे कम होते ही आर्च ब्रिज के आसपास कचरे का ढेर लग गया है। इनमें प्लास्टिक बोतलें आदि कचरा शामिल है जिससे प्रदूषण बढ़ने के चलते स्थानीय लोगों व जनप्रतिनिधियों में भारी रोष है। व्यापार मंडल अध्यक्ष पीपलमंडी अमित सकलानी और चिन्यालीसौड़ व्यापार मंडल अध्यक्ष कृष्णा नौटियाल का कहना है कि जिला प्रशासन का गंगा स्वच्छता अभियान जिला मुख्यालय तक ही सीमित है। उन्होंने गंगा में जमा कचरे की सफाई कर निस्तारण करने की मांग की है।