मध्य प्रदेश की राजधानी में 35 साल पहले हुई गैस त्रासदी के पीड़ितों का दर्द कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। साढ़े तीन दशकों में राज्य और केंद्र में सरकारें बदलती रहीं, लेकिन नहीं बदली पीड़ितों की किस्मत। भोपाल गैस त्रासदी 2-3 दिसंबर 1984 को यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने में जहरीली गैस के रिसाव से हुई थी।