आज आजादी के उस हीरो का जन्मदिन है जिसने मौत को 'महबूबा' और आजादी को 'दुल्हन' माना था, जिसने 'कफन' का सेहरा बांधकर अपनी मां से कहा था 'मेरा रंग दे बंसती चोला'। जी हां हम बात कर रहे हैं भारत मां के सच्चे सपूत भगत सिंह की। भगत सिंह के जन्मदिन के इस मौके पर हम आपको बताएंगे भगत सिंह के उस आखिरी खत के बारे में जो उन्होंने फांसी के ठीक एक दिन पहले लिखा था।