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आदि शक्ति के चौथे स्वरूप का नाम है देवी कुष्मांडा। कहा गया है कि अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन देवी को कुष्मांडा नाम से जाना गया। मां को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है। इनके सात हाथों में कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। देवी कुष्मांडा योग-ध्यान की देवी भी हैं। देवी का यह स्वरूप अन्नपूर्णा का भी है। उदराग्नि को शांत करती हैं। इसलिए, देवी का मानसिक जाप करें।